भीमराव अंबेडकर जयंती : पीएम मोदी ने दी शुभकामनाएं, कई राज्यों में अलर्ट

www.khaskhabar.com | Published : शनिवार, 14 अप्रैल 2018, 09:00 AM (IST)

नई दिल्ली। बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर की आज 127वीं जयंती है। राजद, जदयू, बीजेपी, कांग्रेस, राकांपा एवं लोजपा सहित कई छोटे-बड़े दल अंबेडकर जयंती के मौके पर अंतिम पायदान पर खड़े लोगों के सामाजिक उत्थान में बाबा साहेब अंबेडकर के योगदान को याद कर रहे है। अंबेडकर जयंती पर सभी दलों के कई कार्यक्रम आयोजित कर रहे है, लेकिन मकसद एक है अंबेडकर के नाम पर अपने वोट बैंक को दुरुस्त करना। वहीं गृह मंत्रालय इस मौके पर किसी भी तरह की जातीय व सियासी बवाल ना हो, इसके लिए अलर्ट जारी कर चुका है। राज्य सरकारों को एडवाइजरी जारी करते हुए गृह मंत्रालय ने अंबेडकर की मूर्तियों की भी सुरक्षा सुनिश्चित करने को कहा है।

अंबेडकर जयंती पर पंजाब के भी कई शहरों में अलर्ट जारी करने के साथ अमृतसर, जालंधर और फरीदकोट में सुरक्षा बढ़ाई गई है। वहीं यूपी के हापुड़ में अंबेडकर जयंती से पहले चाक-चौबंद सुरक्षा की गई और सुरक्षाबलों ने फ्लैग मार्च भी किया।

वहीं अंबेडकर जयंती के अवसर पर गुजरात में दलित नेता जिग्नेश मेवाणी ने बीजेपी को चुनौती दी है कि वे बीजेपी नेताओं को अंबेडकर की प्रतिमा को हाथ भी नहीं लगाने देंगे।

संविधान निर्माता भीमराव अंबेडकर की जयंती पर जातीय हिंसा की आशंका से गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों को सतर्क किया है. राज्य सरकारों को एडवाइजरी जारी करते हुए गृह मंत्रालय ने अंबेडकर की मूर्तियों की भी सुरक्षा सुनिश्चित करने को कहा है।

प्रधानमंत्री ने दी शुभकामनाएं
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 14 अप्रैल की सुबह-सुबह देशवासियों को अंबेडकर जयंती की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि बाबा साहेब ने समाज के गरीब और कमजोर तबके को आगे बढऩे की उम्मीद दी. हमारा संविधान बनाने वाले बाबा साहेब के प्रति हम हमेशा आभारी रहेंगे।

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कांग्रेस ने दी श्रद्धांजलि
कांग्रेस ने डॉक्टर बाबा साहेब अंबेडकर की जयंती पर श्रद्धांजलि देते हुए ट्वीट किया कि भारतीय संविधान के निर्माता बाबा साहेब का जीवन हमारे लिए प्रेरणा का स्रोत है।


भीमराव अंबेडकर .......
भीमराव अंबेडकर का जन्म 14 अप्रैल, 1891 को मध्य प्रदेश के महू नामक एक गांव में हुआ था। इनके पिता का नाम रामजी मालोजी सकपाल था। इनके पिता ब्रिटिश भारतीय सेना में काम करते थे। ये अपने माता-पिता की 14वीं संतान थे। ये महार जाति से ताल्लुक रखते थे, जिसे हिंदू धर्म में अछूत माना जाता था। दरअसल, घर की आर्थिक स्थिति अच्छी न होने के कारण इनका पालन-पोषण बड़ी मुश्किल से हो पाया। इन परिस्थितियों में ये तीन भाई- बलराम, आनंदराव और भीमराव तथा दो बहनें मंजुला और तुलसा ही जीवित बच सके। सभी भाई-बहनों में सिर्फ इन्हें ही उच्च शिक्षा मिल सकी।

बीआर अंबेडकर को 15 अगस्त, 1947 को देश की आजादी के बाद देश के पहले संविधान के निर्माण के लिए 29 अगस्त, 1947 को संविधान की प्रारूप समिति का अध्यक्ष बनाया गया। फिर दो वर्ष, 11 माह, 18 दिन के बाद संविधान बनकर तैयार हुआ। 26 नवंबर, 1949 को इसे अपनाया गया और 26 जनवरी, 1950 को लागू कर दिया गया। दरअसल, अंबेडकर की गिनती दुनिया के सबसे मेधावी व्यक्तियों में होती थी। वे नौ भाषाओं के जानकार थे। इन्हें देश-विदेश के कई विश्वविद्यालयों से पीएचडी की कई मानद उपाधियां मिली थीं। इनके पास कुल 32 डिग्रियां थीं। यही वजह है कि कानूनविद् अंबेडकर को प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने भारत का पहला कानून मंत्री बनाया था।

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