चंडीगढ़। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने लोगों को बैसाखी और
खालसा पंथ के 319वें स्थपना दिवस पर बधाई दी। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने
अंबेडकर जयंती के अवसर पर डॉ. बी.आर. अंबेडकर को श्रद्धांजली भेंट की।
एक संदेश में मुख्यमंत्री ने कहा कि यह तीन ऐतिहासिक दिवस हमें
सभी को यह याद दिलाते हैं कि समाज का प्रत्येक वर्ग मानवता, भाईचारक सांझ
और सामाजिक सद्भावना के नैतिक मूल्यों का प्रतिनिधित्व करते है। मुख्यमंत्री ने लोगों को बैसाखी के त्योहार के साथ-साथ खालसा पंथ के
स्थापना दिवस की परंपराओं को कायम रखने का न्योता दिया जो पंजाब, पंजाबी और
पंजाबियत के अमिट जज्बे का प्रतीक है।
मुख्यमंत्री ने 1699 के पवित्र दिन को याद किया, जिस दिन सिखों के 10वें
गुरू श्री गुरु गोबिंद सिंह जी ने श्री आनंदपुर साहिब की पवित्र धरती पर
विभिन्न जातियों से संबंधित ‘पाँच प्यारों’ को अमृत छका कर ‘खालसा पंथ’ की
स्थापना की थी। खालसा पंथ की स्थापना ने समानता वाले समाज की सृजन करना,
बराबरी वाली नैतिक मूल्यों के प्रसार, मानवता के लिए प्यार और दया द्वारा
विश्व में भाईचारे और सद्भावना की नींव रखी। उन्हेंने उम्मीद व्यक्त की कि
बैसाखी का दिवस, जो कटाई के सीज़न के शुरू होने का प्रतीक है, सूबे में
खुशहाली लायेगा।
मुख्यमंत्री ने भारत
रत्न बाबा साहब अंबेडकर की एक विद्वान, कानून शास्त्री, आर्थिक विशेषज्ञ,
समाज सुधारक और नीतिवान के तौर पर भूमिका की सराहना करते हुये उनके द्वारा
समाज के कमज़ोर वर्गों का जीवन स्तर ऊपर उठाने में दिये कीमती योगदान को
याद किया।
डॉ. अंबेडकर के 127वें जन्म
दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री ने लोगों को इस महान समाज सुधारक द्वारा
प्रशस्त मार्ग पर चलने का न्योता दिया। उन्होंने समाज के सभी वर्गों की
बराबरी और न्याय के लिए समानता वाले समाज की सृजन करने के लिए लोगों को डॉ.
अंबेडकर की सोच और सपनों को साकार करने के लिए कड़ी मेहनत करने की अपील
की।
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