कठुआ गैंगरेप : सुप्रीम कोर्ट ने लिया संज्ञान, बार काउंसिल ऑफ इंडिया को भेजा नोटिस

www.khaskhabar.com | Published : शुक्रवार, 13 अप्रैल 2018, 4:33 PM (IST)

नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के कठुआ में 8 साल की मासूम बच्ची के साथ गैंगरेप के बाद हत्या मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने संज्ञान लिया है। वकीलों द्वारा आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट फाइल करने से रोकने के लिए किए आंदोलन पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कोई भी किसी वकील को पीडि़त या आरोपी के लिए पेश होने से नहीं रोक सकता। कोर्ट ने बार काउंसिल ऑफ इंडिया, जम्मू-कश्मीर हाई कोर्ट बार असोसिएशन, बार काउंसिल ऑफ जम्मू ऐंड कश्मीर और कठुआ जिला बार असोसिएशन को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। मामले की अगली सुनवाई 19 अप्रैल को है।

सीजेआई दीपक मिश्रा ने कहा कि अगर वकील अपने क्लाइंट का केस स्वीकार करता है तो उसकी जिम्मेदारी है कि वह उसके लिए पेश हो। सीजेआई ने कहा कि अगर वकील को मुवक्किल के लिए पेश होने से रोका जाता है तो इसे कानूनी प्रक्रिया में रुकावट और कानून में बाधा पहुंचाना माना जाएगा। उन्होंने कहा कि कानून में यह तय है कि कोई भी वकील या असोसिएशन किसी भी वकील को केस में पीडि़त या आरोपी के लिए पेश होने से नहीं रोक सकते।

इससे पहले सुप्रीम कोर्ट के वकीलों के एक समूह ने सीजेआई दीपक मिश्रा, जस्टिस ए. एम. खानविलकर और जस्टिस डी. वाई. चंद्रचूड़ की बेंच से गुजारिश की कि वह कठुआ की बर्बर घटना का स्वत: संज्ञान ले। वकीलों ने कहा कि वे इस केस से जुड़े तथ्यों को लिखित में सुप्रीम कोर्ट के सामने रखने के लिए तैयार हैं। वकीलों की गुजारिश पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर वकील कोर्ट के सामने लिखित में तथ्य रखते हैं तो मामले का संज्ञान लिया जाएगा। कोर्ट चाहता है कि उसके सामने इस तथ्य को लिखित में प्रस्तुत किया जाए कि कठुआ के वकीलों ने रेप आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल होने से रोकने के लिए आंदोलन किया था।

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