नई दिल्ली। गांधीवादी सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे एक शक्ति सम्पन्न भ्रष्टाचार-रोधी निकाय के गठन और परेशान किसानों की मांग को लेकर दिल्ली के रामलीला मैदान में अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर है। दूसरे गांधी के नाम से मशहूर अन्ना हजारे ने सोमवार को बताया कि एक मंत्री मुझसे मिलने आया था और उसने कहा कि मोदी सरकार हमारी मांगों को मानने के लिए तैयार है। लेकिन अन्ना ने उनसे कहा कि सरकार को हमें यह लिखित में देना होगा कि कैसे वह हमारी मांगों को पूरा करेगी। उन्हें हमें बताना होगा कि यह कैसे होगा और इसकी समय सीमा क्या होगी।
अन्ना हजारे ने कहा है कि इस बारे में विस्तार से जानकारी मंगलवार दोपहर को दी जाएगी। उन्होंने कहा है कि इसे पढ़ेंगे और फिर भूख हड़ताल तोडऩे के बारे में सोचेंगे। जब तक इसका ठोस समाधान नहीं निकल जाता, मैं अपना अनशन समाप्त नही करूंगा।
अन्ना ने कहा कि अगर सरकार ने हमारी मांगें मान ली और बाद में वादे से मुकर गई तो, वह फिर से रामलीला मैदान आएंगे। सूत्रों के अनुसार केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी मंगलवार को अन्ना से मुलाकात कर सकते हैं।
आपको बता दें कि अन्ना लोकपाल की नियुक्ति सहित अपनी मांगों को लेकर सरकार पर दबाव बनाने के लिए 23 मार्च से भूख हड़ताल पर हैं। अन्ना के सहयोगी ने दावा किया है कि उनका वजन 4 किलो घट गया है।
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