हरियाणा और राजस्थान को देंगे पाकिस्तान जाने वाला पानी -गड़करी

www.khaskhabar.com | Published : सोमवार, 26 मार्च 2018, 10:15 PM (IST)

रोहतक । केंद्रीय परिवहन एवं जलसंसाधन मंत्री नीतिन गडकरी ने कहा कि कि उतराखंड में 3 डैम बनाए जाएंगे जिससे भारत की तीन नदियों के हिस्से से जो पानी पाकिस्तान जा रहा है वह यमुना में आएगा और हरियाणा में पानी की कमी को दूर करते हुए इसे राजस्थान तक ले जाने का काम किया जाएगा।

ये ऐलान उन्होंने तृतीय कृषि नेतृत्व शिखर सम्मेलन, रोहतक में हजारों किसानों की उपस्थिति में किया। उन्होंने कहा कि भारत-पाक विभाजन के समय तीन नदियां भारत को मिली थी और तीन पाकिस्तान को। इसके बावजूद देश को मिली तीन नदियों से भी देश के हिस्से का पानी पाकिस्तान को मिलता रहा। देश के हिस्से के इस पानी को देश में ही रोकने का निर्णय मौजूदा सरकार ने लिया है जिसका सबसे ज्यादा फायदा हरियाणा के किसानों को होगा। उन्होंने कहा देश का बहुत सा पानी समुद्र में भी जाया हो जाता है इसके प्रबंधन की दिशा में सरकार ने बड़े कदम उठाए है। ड्रिप इरीगेशन के माध्यम से जहां देश के किसानों को तीन गुणा अधिक पानी मिलेगा वहीं ढाई गुणा उत्पादन भी बढ़ेगा। इस अवसर पर केंद्रीय इस्पात मंत्री बीरेंद्र सिंह, हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल आचार्य देवव्रत, हरियाणा के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री ओमप्रकाश धनखड़, सहकारिता राज्य मंत्री मनीष ग्रोवर, भाजपा विधायक नरेश कौशिक, सांसद विजयपाल आदि गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।


गडकरी ने कहा इस बात में कोई दोराय नहीं है कि आज देश में अनाज के भंडार भरे हुए हैं। हरियाणा प्रदेश के किसानों का भी इसमें बड़ा योगदान है। लेकिन यह भी सच है कि गेहूं-चावल के उत्पादन से किसान की तकदीर नहीं बदल सकती। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि वेे स्वयं भी एक किसान है और इस बात को भलीभांति जानते हैं कि देश का किसान किन हालातों में जीता है, लेकिन अब समय आ गया है जब किसान को अपना दृष्टिकोण बदलना होगा। किसान को गेहूं-चावल के स्थान पर पेट्रोल और डीजल का पर्याय बनना होगा। उन्होंने कहा कि यह कोई सपना नहीं बल्कि देश इस दिशा में आगे बढ़ चुका है। उन्होंने कहा उनके प्रदेश में 55 वाल्वो बसें किसानों द्वारा तैयार बायो डीजल की बदौलत सडक़ पर दौड़ रही है और किसान परंपरागत फसलों से परे दूसरी तरह की खेती से आमदनी ले रहे हैं।

एक टन पराली से 280 लीटर बायो डीजल

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शीरा से एथोलेन तैयार करने की व्यापक स्वीकृति भी प्रक्रिया में है। उन्होंने कहा देश का किसान बिजली तैयार कर सकता है, डीजल एवं पट्रोल का पर्याय तैयार कर सकता है। उन्होंने कहा कि हरियाणा का किसान जिस पराली का जलाता है और फिर प्रदूषण पर हाय तौबा होती है उस एक टन पराली से भी 280 लीटर बायो इंधन तैयार हो सकता है। उन्होंने इससे किसान का ट्रैक्टर एक साल तक चल सकता है जिससे किसान को 25000 रुपए सालाना तक की बचत होगी। डीजल की जरूरत को कम करने और पाल्यूशन फ्री देश बनाने के लिए देश में पराली से बायो इंधन बनाने के लिए 1000 इंडस्ट्री लगाने की योजना है, करीब एक सौ हरियाणा के हिस्से भी आंएगी और पांच लाख लोगों के प्रत्यक्ष तथा अप्रत्यक्ष रोजगार की उम्मीद बंधेगी। आठ लाख करोड़ के पट्रोल डीजल के आयात से दो लाख करोड़ का आयात भी कम हुआ तो एक करोड़ किसानों को फायदा होगा।

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