रोहतक/चंडीगढ़। फसल उत्पादन में अनुकूल व प्रतिकूल मौसम का काफी प्रभाव रहता है, इसलिए किसानों को मौसम के बारे में सही समय पर जानकारी मिलना आवश्यक है। इसके लिए सरकार ने प्रत्येक किसान तक मौसम की सूचना पहुंचाने की योजना बनाई है, जिसके तहत एसएमएस से किसानों को मौसम के प्रभाव व बचाव संबंधी जानकारी उपलब्ध करवाई जाएगी।
यह जानकारी मौसम विभाग दिल्ली के क्षेत्रीय समन्वयक डॉ. एससी भान ने हरियाणा के रोहतक में चल रहे तृतीय कृषि शिखर सम्मेलन में आयोजित किए गए जलवायु स्मार्ट व डिजीटल एग्रीकल्चर विषय पर आयोजित सेमिनार में दी। उन्होंने कहा कि इस समय मौसम परिवर्तन चिंता का विषय बन रहा है। बढ़ता प्रदूषण व प्राकृतिक संसाधनों के दोहन से मौसम में जो बदलाव आ रहा है, उसका कृषि व फसलों पर अधिक असर पड़ रहा है। बरसात का मौसम जो पहले लंबा चलता था, अब उतनी ही बारिश कम समय में रही है। ऐसे बदलावों से किसानों को भी सचेत होना होगा तथा फसल के अच्छे उत्पादन के लिए उसे मौसम की समय-समय पर जानकारी होना आवश्यक है। इसके लिए सरकार ने निर्णय लिया है कि हर जिला में किसानों को सूचना देने के लिए एक केंद्र खोला जाएगा। फिलहाल 5 लाख किसान परिवारों की पहचान कर उन्हें एसएमएस सेवा से पंजीकृत किया जाएगा।
कृषि विशेषज्ञ डॉ. एमएल जाट ने सेमिनार में बताया कि किसानों को अच्छी आमदनी के लिए फसल पर कम खर्च के तरीके अपनाने होंगे तथा साथ ही किसानों के लिए स्पेशलाइज फार्मिंग सेंटर बनाने की जरूरत है, जहां उन्हें सभी आवश्यक चीजें जैसे खाद व बीज आदि एक जगह पर मिल सकें।
कृषि विश्वविद्यालय के वानिकी विभाग के अध्यक्ष डॉ. आरएस ढिल्लो ने भी विचार रखे। सेमिनार में करीब 31 किसानों को अच्छी गुणवता की फसल का उत्पादन करने तथा खेती में आधुनिक तकनीक अपनाने पर एक-एक हजार रुपए की राशि के चेक व प्रशस्ति पत्र भेंट कर सम्मानित किया।
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