जयपुर। राज्य विश्वविद्यालयों को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग, केन्द्र व
राज्य सरकार सहित विभिन्न स्त्रोतों से प्राप्त ग्राण्ट्स का समुचित
उपयोग ना किये जाने पर राजस्थान के राज्यपाल व कुलाधिपति कल्याण सिंह
ने गहरी चिंता व्यक्त करते हुए विश्वविद्यालयों में वित्तीय अनुशासन व
वित्तीय प्रबंधन बनाने के लिए सख्त रूख दिखाया है। उन्होंने कुलपितियों को
भेजे पत्र में अप्रसन्नता व्यक्त करते हुए राज्य विश्वविद्यालयों में
वित्तीय प्रबंधन के लिए समुचित उपाय न किये जाने पर कुलपतियों से जबाव
मांगा है। कुलाधिपति ने वित्तीय मामलों में नियमित कार्यवाही करने के
निर्देश भी कुलपतियों को दिये हैं।
कुलाधिपति कल्याण सिंह को यह जानकारी मिली है कि विभिन्न स्त्रोतों से
विश्वविद्यालयों को प्राप्त अनुदान राशि का पूरा-पूरा उपयोग नहीं हो पा रहा
है। कुलपतियों को लिखे पत्र में कुलाधिपति सिंह ने यह भी उल्लेख कर
दिया है कि कुलपतियों की हर काॅन्फ्रेन्स के एजेण्डा में इस विषय को स्थायी
बिन्दु रखा जाये।
राज्यपाल सिंह ने
विश्वविद्यालयों से जवाब मांगा है कि उनके यहाॅ ग्रांट्स की राशि का उपयोग
क्यों नहीं किया जा रहा है। राज्यपाल कल्याण सिंह ने राज्य के
प्रत्येक विश्वविद्यालय से विभिन्न स्त्रोतों से गत तीन वर्षाें में
प्राप्त ग्रांट्स के बारे में विस्तृत जानकारी भी मांगी है। कुलाधिपति ने
कुलपतियों सेे अपने-अपने विश्वविद्यालयों की ग्रांट्स के बारे में
वस्तुस्थिति 15 अप्रेल तक आवश्यकरूप से राजभवन भेजे जाने के लिए कहा है।
विश्वविद्यालयों
ने राज्य सरकार, केन्द्र सरकार व यूजीसी को विभिन्न मदों में व्यय की गई
धनराशि का यूटिलाइजेशन सर्टिफिकेट कब-कब भेजा है। शेष राशि का यूटिलाइजेशन
सर्टिफिकेट किन कारणों से अभी तक नहीं भेजा गया है। राज्यपाल ने सभी
बिंदुओं पर स्पष्ट जानकारी मांगी है। राज्यपाल ने कुलपतियों को इस विषय को
गम्भीरता से लेने और विभिन्न स्त्रोतों से प्राप्त धनराशि के एक-एक पैसे
का यथोचित उपयोग समयबद्ध तरीके से करने के लिए कहा है। उन्होंने इस
प्रक्रिया को सतत् चालू रखें जाने के निर्देष भी विश्वविद्यालयों को दिये
हैं।
राज्यपाल ने
विश्वविद्यालयों में वित्तीय अनुशासन बनाये रखने के लिए प्रत्येक
विश्वविद्यालय में नियमित समीक्षा करने के लिए अपने स्तर पर एक कमेटी का
गठन करने को कहा है। विभिन्न स्त्र्रोतों से प्राप्त ग्रांट की उपलब्धता व
उसके समय पर समुचित उपयोग की सुनिश्चितता करने के लिए राज्यपाल ने
विश्विविद्यालयों को निर्देश दिये है।
कारण बताने को कहा
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राज्यपाल
ने ग्रांट का सही समय पर पूरा उपयोग नहीं किये जाने के कारणों की विस्तृत
जानकारी चाही है। उन्होंने कहा कि राशि का समुचित व समयबद्ध उपयोग न होने
के कारण ही विश्वविद्यालयों को भविष्य में मिलने वाली राशि पर भी प्रतिबंध
लग जाता है। इससे विश्वविद्यालयों का विकास बाधित होता है और
छात्र-छात्राओं को मिलने वाली सुविधाएं भी रूक जाती हैं। राज्यपाल ने कहा
कि विश्वविद्यालय प्रत्येक ग्रांटस का वर्षवार उल्लेख कर खर्च करने की
स्थिति को स्पष्ट करे।
कुलाधिपति कल्याण
सिंह राज्य की उच्च शिक्षा की बेहतरी के लिए निरंतर प्रयासरत है। उन्हें
विद्यार्थियों के भविष्य की चिंता है। सिंह समय-समय पर
विश्वविद्यालयों के कार्यकलापों व गतिविधियों की समीक्षा कर उच्च शिक्षा
में आ रही बाधाओं को समय पर निस्तारण करने का पूरा प्रयास करते हैं।
राज्यपाल
ने कहा है कि किसी भी संस्था की उत्तरोत्तर प्रगति के लिए वित्तीय अनुशासन
बनाये रखना जरूरी है। इसके लिए कुलपतिगण अपने स्तर पर समय-समय पर वित्तीय
प्रबंधन की समीक्षा करें। ग्रांट की संभावनाओं का परीक्षण करें ताकि
अनुदान के समुचित व समयबद्ध उपयोग के बारे में नियमित अनुश्रवण हो सके।
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