हिचकी : शरारती बच्चों पर ‘नैना’ की मेहनत

www.khaskhabar.com | Published : शुक्रवार, 23 मार्च 2018, 1:04 PM (IST)

फिल्म : हिचकी
निर्माता : आदित्य चोपडा, मनीष शर्मा।
निर्देशक : सिद्वार्थ मल्होत्रा।
कलाकार : रानी मुखर्जी, हर्ष मायर।

बॉलीवुड अभिनेत्री रानी मुखर्जी ने करीब 4 साल बाद फिल्म ‘हिचकी’ से कमबैक किया है। फिल्म हिचकी के टाइटल से यह बात साफ होती है कि कहीं कोई चीज खटकती है।

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कहानी...
फिल्म हिचकी नैना माथुर नाम की लडकी की कहानी है जिसे बार-बार हिचकी (टॉरेंट सिन्ड्रोम) आती है। नैना को बोलते समय काफी दिक्कत होती है। उनकी यह परेशानी के चलते उन्हें शिक्षिका की नौकरी भी काफी जद्दोजहद के बाद हासिल हो पाती है। नैना टीचर बनना चाहती है लेकिन उससे कहा जाता है कि टीचिंग में उसके लिए नौकरी मिलना असंभव है। काफी संघर्ष के बाद नैना माथुर (रानी मुखर्जी) को बस्ती के 14 बच्चों को पढाने की जिम्मेदारी मिलती है। इस फिल्म में नैना का सामना ऐसे स्टूडेंट से होता है जो उसके लिए काफी परेशानी खडी करते है। हालांकि पढाने के दौरान रानी के फिल्मी किरदार को कई मुश्किलों का सामना करना पडता है। बच्चे उनपर सट्टा खेलते हैं कि ये ‘हकली’ कब तक टिकेगी! लेकिन इन सब के बावजूद नैना माथुर अपनी मेहनत और लगन से बच्चों की जिंदगी को संवारती हैं।

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अभिनय : फिल्म ‘हिचकी’ के टाइटल से पता लगता है कि यह फिल्म कहीं अटकती है। ये फिल्म ‘तारे जमीं पर’ जैसी है। हालांकि उसकी जैसी बिल्कुल नहीं है। क्योंकि ‘हिचकी’ के कई कमजोर पक्ष हैं। सिवाय रानी मुखर्जी की दमदार भूमिका के, फिल्म का कई पक्ष दर्शकों को निराश करता है। फिल्म में बच्चों के किरदार को भी प्रभावी रूप से नहीं दिखाया गया है। अगर सही मायने में कहा जाए तो रानी मुखर्जी की फिल्म ‘हिचकी’ दर्शकों की उम्मीद पर खरी नहीं उतर पाएगी।

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