चंडीगढ़। हरियाणा में महिलाओं और बच्चियों
के प्रति किसी भी प्रकार की हिंसा को सख्ती से निपटने के लिए कड़ा कानून
बनाया जा रहा है, इसी के दृष्टिगत हरियाणा सरकार ने अब अनाथालय, आश्रय
स्थलों को भी केंद्र सरकार के निर्देशानुसार संचालित करने के लिए बोर्ड गठन
के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल की मंजूरी के बाद
गठित होने वाला बोर्ड के तहत अब प्रदेशभर में चल रहे अनाथालय व आश्रमों में
महिलाओं और बच्चों का पंजीकरण सुनिश्चित होगा।
महिला
एवं बाल विकास मंत्री कविता जैन ने आज यहां यह जानकारी देते हुए
कहा कि प्रदेश में संस्थान व ट्रस्ट द्वारा संचालित किए जा रहे अनाथालय व
आश्रय स्थलों में बच्चों को रखने पर उनका पंजीकरण जेजे एक्ट के तहत किया जा
रहा है, लेकिन लंबे समय से महिलाओं को आश्रय दे रहे आश्रय स्थलों और
अनाथालय के पंजीकरण के लिए कोई प्रक्रिया नहीं थी, जिसके कारण उनका पंजीकरण
करने तथा केंद्र सरकार के दिशा-निर्देशों की पालना सुनिश्चित नहीं हो पा
रही थी। इस पर गंभीरता से विचार करते हुए उन्होंने महिला एवं बाल विकास
विभाग को इस संबंध में प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए थे। इस संबंध
में तैयार किया गया एक प्रस्ताव को मुख्यमंत्री मनोहर लाल को भेजा गया।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने इसे गंभीरता से लेते हुए बोर्ड गठन के प्रस्ताव
को मंजूरी प्रदान कर दी है।
कविता
जैन ने बताया कि सरकार द्वारा 'शीघ्र ही इस संबंध में बोर्ड गठन की
अधिसूचना जारी की जाएगी। उन्होंने बताया कि इस बोर्ड में विधानसभा के तीन
सदस्य, प्रदेश भर के अनाथालय, आश्रय स्थलों से पांच नामित प्रतिनिधि सदस्य,
सरकार द्वारा नामित कार्यालय प्रभारी, प्रदेश सरकार द्वारा नामित छह
सदस्यों में एक सांसद एवं तीन महिला सदस्य लिए जाएंगे। उनमें से ही बोर्ड
चेयरपर्सन का चुनाव किया जाएगा। बोर्ड के सुचारू संचालन के लिए सरकार
द्वारा स्टाफ, कार्यालय खर्च, फर्नीचर एवं अन्य जरूरी गतिविधियों के संचालन
के लिए 50 लाख रूपए की राशि भी मंजूर की गई है। उन्होंने बताया कि बोर्ड
के गठन से प्रदेश भर में संचालित अनाथालय एवं आश्रय स्थलों में महिलाओं को
बेहतर सुविधा दिलाने के लक्ष्य को हासिल किया जा सकेगा।
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