चंडीगढ़। वर्ल्ड पंजाबी कॉन्फ्रेंस और पंजाब कला परिषद की ओर से करवाई जा रही दो दिवसीय 6वीं विश्व पंजाबी कॉन्फ्रेंस का उद्घाटन पंजाब विधानसभा के स्पीकर राणा के.पी.सिंह और पंजाब के सांस्कृतिक और पर्यटन मंत्री स. नवजोत सिंह सिद्धू ने किया। पंजाब यूनिवर्सिटी के लॉ ऑडिटोरियम में करवाए उद्घाटनी सेशन में राणा के.पी. सिंह और स. सिद्धू ने पंजाबी भाषा के विकास के लिए सभी पक्षों को मिलकर प्रयास करने का न्यौता देते हुए नई पीढ़ी को पंजाबी मातृभाषा, समृद्ध विरासत और सभ्याचार से जुडऩे की वकालत की।
पंजाब विधानसभा के स्पीकर राणा के.पी. सिंह ने कहा कि आज चाहे पंजाबी भाषा का प्रसार दुनियाभर में हो चुका है, परन्तु अभी भी विभिन्न कोर्सों की पढा़ई, नौकरियां और रोजगार के साधनों में हमारी भाषा दरकिनार ही है। उन्होंने कहा कि पंजाबी भाषा को किसी खास संप्रदाय या क्षेत्र से नहीं जोड़ा जा सकता। जहां-जहां पंजाबियों ने प्रवास किया, वहां-वहां पंजाबी को साथ लेकर गए हैं।
सांस्कृतिक और पर्यटन मंत्री स. नवजोत सिंह सिद्धू ने पंजाब, पंजाबी और पंजाबियत के लिए विभिन्न मंचों पर काम करने वाली संस्थायों और शख्सियतों को इकट्ठा होकर काम करने का आह्वान किया। उन्होंने यह भी कहा कि बड़ा दुख होता है जब कोई बड़ा साहित्यकार बड़ी उम्र में पैसों की कमी कारण इलाज के लिए तरसता है, इस संबंध में उन्होंने कहा कि हमें मिलकर एक कॉर्प्स फंड बनाना चाहिए, जो बड़े लेखकों, फनकारों की कठिन समय पर मदद कर सकें। उन्होंने कहा कि साहित्य और पंजाबी भाषा के साथ जुड़ी सभी संस्थाएं इस दिशा में पहल करें और सबसे पहला वे स्वयं 50 लाख रुपए इस फंड में डालेंगे।
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इससे पहले विश्व पंजाबी कॉन्फ्रेंस के चेयरमैन एच.एस. हंसपाल ने स्वागत
भाषण दिया। पंजाब कला परिषद के चेयरमैन डॉ. सुरजीत पातर ने पंजाबी भाषा के
विकास के लिए सुझाव दिए। अंत में डॉ. दीपक मनमोहन सिंह ने सभी का आभार
जताया। स्टेज संचालन विश्व पंजाबी कॉन्फ्रेंस के सचिव जनरल डॉ. रवेल सिंह
ने किया।
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उद्घाटन सेशन के अध्यक्षीय मंडल में उक्त वक्ताओं के साथ
पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़ के उप कुलपति प्रो.अरुण ग्रोवर, पंजाबी
यूनिवर्सिटी पटियाला के उप कुलपति प्रो.बी.एस.घुंमण और पंजाबी जागृति मंच
के जनरल सचिव सतनाम मानक में शामिल थे। इस मौके पर राणा जंग बहादुर गोयल,
सुखी बाठ, इकबाल माहल और अमृत कुमारी को पंजाबी भाषा के लिए दिए योगदान के
लिए सम्मानित किया।
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इस मौके पर पंजाब कला परिषद के सचिव जनरल डॉ.
लखविन्दर सिंह जौहल, पंजाबी साहित्य अकादमी के प्रधान डॉ. सुखदेव सिंह
सिरसा, पंजाब साहित्य अकादमी के प्रधान डॉ. सरबजीत कौर सोहल, पंजाब
यूनिवर्सिटी के पंजाबी विभाग के प्रमुख डॉ. योगराज अंगरीश के अलावा बड़ी
संख्या में नामी लेखक और सीनियर पत्रकार शामिल थे।
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इनमें बलदेव
सिंह सड़कनामा, गुलजार संधू, प्रिंसिपल स्वर्ण सिंह, सुरिन्दर सिंह तेज,
सिद्धू दमदमी, पंमी बाई, सुखविन्दर अमृत, नछतर, डॉ. मनमोहन सिंह प्रमुख थे।
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