बेटी बचाओ - बेटी पढ़ाओ योजना के अंतर्गत बढिय़ा कारगुजारी के लिए तरनतारन जिले को सम्मान

www.khaskhabar.com | Published : बुधवार, 07 मार्च 2018, 9:13 PM (IST)

चंडीगढ़। प्रदेश में लिंग अनुपात में सुधार आया है। इस कारण भारत सरकार ने तरनतारन जिले को विशेष सम्मान के लिए चुना है। तरनतारन की ओर से की गई इस प्रशंसनीय प्राप्ति से सीख लेते हुए अन्य जिलो को भी यह निर्देश दिए गए है कि वह लिंग सुधार के मामले में तरनतारन जिले में अपनाई रणनीति व योजनाओं को अपने जिलों में लागू करें।

पंजाब की सामाजिक सुरक्षा व महिला व बाल विकास मंत्री रजिया सुल्ताना ने बताया कि यह जिला तरनतारन के साथ-साथ पूरे प्रदेश के लिए गर्व की बात है। यह पूरे देश के लिए मार्गदर्शन का काम करेगी। इस मौके उन्होंने कहा कि तरनतारन जिले की नवजोत कौर का एशियन रेैसलिंग चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतना महज संयोग की बात नहीं बल्कि यह प्रदेश में महिला सशक्तिकरण की प्रत्यक्ष मिसाल है।

उन्होंने बताया कि 22 जनवरी 2015 को हरियाणा के पानीपत से शुरु की गई बेटी बचाओ - बेटी पढ़ाओ योजना में पहले पूरे देश के 100 जिलों में लागू की गई थी, जिनमें पंजाब के अमृतसर, बरनाला, फतेहगढ़ साहिब, फिरोजपुर, गुरदासपुर, मानसा, श्री मुक्तसर साहिब, पटियाला, संगरुर, एसएसए नगर व तरनतारन पहले पढ़ाव में शामिल किए गए थे। उन्होंने बताया कि दूसरे पढ़ाव में पंजाब के नौ जिले लुधियाना, मोगा, फरीदकोट, बठिंडा, रुपनगर, होशियारपुर, कपूरथला, जालंधर व एसबीएस नगर आदि भी इस योजना के दायरे में लाए गए हैं।

सामाजिक सुरक्षा मंत्री ने कहा कि सामाजिक सुरक्षा व महिला व बाल विकास विभाग ने स्वास्थ्य व शिक्षा विभाग के साथ मिलकर लिंग अनुपात के सुधार के लिए जमीनी स्तर पर लोगों को जागरुक करने के लिए विशेष मुहिम चलाई जा रही है, जिसके अंतर्गत लोगों में जाकर लिंग के आधार पर किए जा रहे भेद को दूर करने, कन्या भ्रूण हत्या को रोकने और लडक़े व लड़कियों को समान अधिकार देने के लिए जागरुक किया जा रहा है, जिसके लिए स्थानीय खेल चैंपियन व प्रसिद्ध समाज सेवकों की मदद ली जा रही है। जिला तरनतारन की ओर से की गई इस प्रशंसनीय प्राप्ति से सीख लेते हुए अन्य जिलो को भी यह निर्देश दिए गए है कि वह लिंग सुधार के मामले में तरनतारन जिले में अपनाई रणनीति व योजनाओं को अपने जिलों में लागू करें ताकि लिंग अनुपात के सुधार में पंजाब एक नई प्राप्ति करके पूरे देश मेें जीवंत महिला शक्ति के ोत के तौर पर जाना जाए।

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