त्रिपुरा में लहराया केसरिया, नागालैंड में गठबंधन, मेघालय में सस्पेंस

www.khaskhabar.com | Published : शनिवार, 03 मार्च 2018, 10:37 PM (IST)

अगरतला/शिलांग/नई दिल्ली। पूर्वोत्तर के तीन राज्यों मेघालय, नगालैंड और त्रिपुरा में हुए विधानसभा चुनावों के नतीजों ने देश के सियासी नक्शे को बदलकर रख दिया है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने अपने सहयोगी आईपीएफटी के साथ मिलकर त्रिपुरा में पिछले 25 साल से सत्ता में काबिज वाम मोर्चा को विधानसभा चुनाव में कड़ी शिकस्त देते हुए शनिवार को अजेय बहुमत हासिल की। भाजपा ने 35 सीटों पर जीत दर्ज की है जबकि आईपीएफटी की झोली में आठ सीटें आई हैं। वहीं नागालैंड में भी बीजेपी ने कड़ी टक्कर दी है।
मेघालय में कांग्रेस और एनपीपी में कड़ी टक्कर के बाद आखिरकार कांग्रेस को सबसे ज्यादा 21 सीटों पर जीत मिली है। साफ है कि इन चुनाव नतीजों के साथ बीजेपी ने पू्र्वोत्तर में शानदार आगाज किया है।

त्रिपुरा में लहराया केसरिया-
भाजपा और उसकी गठबंधन पार्टी इंडिजिनस पीपुल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (आईपीएफटी) ने प्रदेश की 60 सदस्यीय विधानसभा की 59 सीटों पर हुए चुनाव में 43 सीटें हासिल कर मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) की अगुवाई वाली वाममोर्चा की सरकार को सत्ता से बेदखल कर दिया। बीजेपी और उसके सहयोगी दल त्रिपुरा में आसानी से सरकार का गठन कर लेंगे। बीजेपी गठबंधन ने यहां 40 फीसदी वोट हासिल किया है। बीजेपी ने 43 जबकि वाम मोर्चे ने 16 सीटों पर जीत हासिल की है।
त्रिपुरा के 59 सीटों के नतीजे शनिवार को आ गए। बीजेपी ने 43 सीटों पर जीत हासिल की है वहीं राज्य में पिछले करीब तीन दशकों से राज्य की सत्ता पर कायम माकपा को महज 15 सीटें ही मिल पाईं। पिछले विधानसभा में विपक्ष रही कांग्रेस को एक भी सीट पर जीत नहीं मिल पाई।

नगालैंड में गठबंधन-
इसी तरह नगालैंड में भी बीजेपी सरकार की मजबूत दावेदार के रूप में सामने आई है। बीजेपी यहां अपनी सहयोगी पार्टी नेशनलिस्ट डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी (एनडीपीपी) के साथ सरकार बनाएगी। यहां बीजेपी और एनडीपीपी गठबंधन ने 31 सीटों पर जीत हासिल की है जबकि एक सीट पर विजयी रही जेडीयू ने भी इस गठबंधन को समर्थन देने की बात कही है। एनपीएफ 23 और अन्य ने 6 सीट पर कामयाबी पाई है।
15 साल से नेशनल पीपुल्स फ्रंट (एनपीएफ) की सरकार है। बीजेपी ने चुनाव से पहले एनपीएफ से गठबंधन तोडक़र इसी पार्टी के बागी नेताओं-विधायकों के नए दल नेशनल डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी (एनडीपीपी) से हाथ मिलाया। एनडीपीपी ने 40, बीजेपी ने 20 सीटों पर चुनाव लड़ा था।


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मेघालय में सस्पेंस-
वहीं मेघालय में जिस तरीके से जनादेश सामने आ रहा है, उसे देखकर लग रहा है कि अगले दो दिनों तक वहां सियासी हालात दिलचस्प रहने वाले हैं। यहां कांग्रेस जरूर सबसे बड़ी पार्टी बनी, लेकिन बीजेपी, नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) और यूनाइटेड डेमोक्रेटिक पार्टी मिलकर कांग्रेस के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकते हैं। दिलचस्प बात यह है कि एनपीपी और यूडीएफ, दोनों ही केंद्र में एनडीए में शामिल हैं। ऐसे में बीजेपी, एनपीपी और यूडीएफ मिलकर सरकार बनाने के लिए बहुमत का आंकड़ा आसानी से हासिल करते दिख रहे हैं। नॉर्थ-ईस्ट में बीजेपी के कन्वीनर हेमंत बिस्व सरमा ने भी दावा किया कि मेघालय में गैर-कांग्रेसी सरकार बनाई जाएगी। मेघालय में कांग्रेस ने 21 सीटें जीती हैं और बीजेपी को महज दो सीटें मिली हैं। लेकिन उसे सरकार बनाने का भरोसा है। एनपीपी को 19 और अन्य को 17 सीटें मिली हैं।

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