चिकित्सा एवं लोक स्वास्थ्य और सफाई की 101 अरब की अनुदान मांगे पारित

www.khaskhabar.com | Published : बुधवार, 28 फ़रवरी 2018, 10:26 PM (IST)

जयपुर। चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं आयुर्वेद मंत्री कालीचरण सराफ ने बुधवार को विधानसभा में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा व आयुर्वेद विभाग की अनुदान मांगों का जवाब दिया। साथ ही विभाग द्वारा अर्जित उपलब्धियों का ब्यौरा देने के साथ ही आगामी वित्तीय वर्ष में विभाग द्वारा किये जाने वाले कार्यो की जानकारी दी।

सराफ सदन में मांग संख्या-26 चिकित्सा एवं लोक स्वास्थ्य और सफाई पर हुई बहस का जवाब दे रहे थे। बहस के बाद सदन ने चिकित्सा एवं लोक स्वास्थ्य और सफाई की 101 अरब, 66 करोड़ 32 लाख 25 हजार रुपये की अनुदान मांगें ध्वनिमत से पारित कर दी।
सराफ ने चिकित्सा स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा एवं आयुष के वर्ष 2014-15 में 6 हजार 457 करोड़ 72 लाख रुपये के सम्मिलित बजट को वर्ष 2018-19 में बढ़ाकर लगभग दोगुना 12 हजार 813 करोड़ 48 लाख रुपये करने के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया।
वर्ष 2017 में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग तथा चिकित्सा शिक्षा द्वारा कुल 11 करोड़ 48 लाख 56 हजार मरीजों का आउटडोर में एवं 65 लाख 28 हजार मरीजों का इन्डोर में उपचार किया गया। इस दृष्टि से विभाग द्वारा औसतन प्रतिदिन 3 लाख 15 हजार मरीजों का आउटडोर एवं 17 हजार 886 मरीजों का इन्डोर में उपचार किया जा रहा है। भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत 506 राजकीय चिकित्सा संस्थानों तथा सूचीबद्ध 707 निजी चिकित्सालयों को जोड़ा गया है। योजना के तहत 20 फरवरी तक 1102 करोड़ रूपये राशि के कुल लगभग 20 लाख क्लेम्स प्रस्तुत किये जा चुके हैं तथा योजना से लगभग 18 लाख मरीजों को लाभान्वित किया जा चुका है।
निःशुल्क दवा योजना के तहत वर्ष 2011-12 से वर्ष 2013-14 तक की तीन साल की अवधि में कुल 16 करोड़ 19 लाख व्यक्तियों को निःशुल्क दवा उपलब्ध करवायी गयी। जबकि वर्ष 2014-15 से वर्ष 2017-18 तक 27 करोड़ 89 लाख व्यक्तियोें को निःशुल्क दवा उपलब्ध करवायी गयी। स्वास्थ्य विभाग द्वारा प्रतिदिन औसतन लगभग ढाई लाख व्यक्तियों को निःशुल्क दवा उपलब्ध करायी जा रही है।
मुख्यमंत्री निःशुल्क जांच योजना के तहत वर्ष 2017-18 में दिसम्बर माह तक 11 लाख 84 हजार से अधिक निःशुल्क जांचे कर 5 करोड़ 92 लाख से अधिक व्यक्तियों को लाभान्वित किया जा चुका है। प्रदेश में औसतन प्रतिदिन 65 हजार से अधिक व्यक्तियों की लगभग 1 लाख 30 हजार निःशुल्क जांचें की जा रही हैं।
राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत जन्म से लेकर 18 वर्ष तक सभी बच्चों का सरकारी विद्यालयों, मदरसों व आंगनबाड़ी केन्द्रों पर स्वास्थ्य परीक्षण किया जाता है। वर्ष 2017-18 मेें दिसम्बर माह तक लगभग 43 लाख बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया। अब तक साढ़े 7 लाख बच्चों को रेफर कर उपचार किया गया। अब तक 1180 बच्चों की हार्ट सर्जरी एवं 4 हजार से अधिक बच्चों की अन्य आवश्यक सर्जरी करवायी जा चुकी है।
मदर मिल्क बैंक में अब तक 20 हजार से अधिक माताओं ने 40 हजार बार में लगभग 43 लाख एमएल दुग्ध दान किया है। इससे लगभग 13 हजार नवजात बच्चों को लाभान्वित किया जा चुका है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा संचालित 68 आश्रय पालना स्थल में 31 जनवरी तक 126 नवजात शिशु प्राप्त किये जा चुके हैं। जिसमें से 107 नवजातों को बचाने में हम सफल रहे।
पीसीपीएनडीटी एक्ट की सख्ती से पालना कर अब तक प्रदेश में 30 इंटरस्टेट सहित कुुल 107 डिकॉय ऑपरेशन किये जा चुके हैं।
इन्टीग्रेटेड एम्बुलेंस सेवा के तहत इस समय 1 हजार 505 एम्बुलेंस संचालित की जा रही है। इनके द्वारा तय समय सीमा शहरी क्षेत्र में 20 मिनट के स्थान पर 15.52 मिनट, ग्रामीण क्षेत्र में 30 मिनट के स्थान पर 17.19 मिनट एवं रेगिस्तानी व पर्वतीय क्षेत्र में 40 मिनट के स्थान पर 20.45 मिनट में सेवायें उपलब्ध करवायी जा रही है। वर्ष 2017 में 34 एडवांस लाईफ सपोर्ट (एएलएस) एम्बुलेंस का शुभारम्भ किया गया।
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के अधीन दिसम्बर 2013 से अब तक कुल 19 हजार 973 नियुक्तियां दी जा चुकी है। साथ ही 5 हजार 334 चिकित्सकों की भर्ती की जा चुकी है। इनमें से 3 हजार 118 चिकित्सकाें ने ही ज्वाईन किया है। वर्तमान में 8 राजकीय मेडिकल कॉलेज तथा 8 निजी मेडिकल कॉलेज राज्य स्तर पर संचालित है। जिनमें कुल 2600 यू.जी. सीट्स है, 1107 पी.जी. एवं 97 सुपरस्पेशिलियटी सीट्स है। पिछले 4 सालों में 1000 (250 राजकीय एवं 750 निजी) यू.जी. सीट्स एवं 349 पी.जी. सीट्स की वृद्धि हुई है।
जयपुरिया चिकित्सालय की बैड्स क्षमता 370 से 500 तक की जा रही है। इमरजेंसी वार्ड में बैड्स संख्या 10 से बढाकर 20 की गयी है। चिकित्सालय में सी.टी. स्केन, एमआरआई मशीनों, केन्द्रीय लैब, ब्लड बैंक की स्थापना की गयी है।
सेठी कॉलोनी सेटेलाईट अस्पताल में 50 बैड्स की वृद्धि, आईसीयू एवं आपातकालीन विभाग की स्थापना हेतु आवश्यक आधारभूत ढांचा तैयार कर लिया गया है।
कांवटिया अस्पताल में सी.टी. स्केन मशीन एवं एमआरआई मशीन की स्थापना की गई है। आई.वी.एफ. सेन्टर ब्लड बैंक एवं इको कार्डियोग्राफी मशीन भी स्थापित की गई है। एस.एम.एस. मेडिकल कॉलेज में ओपीडी का आधुनिकीकरण तथा 25 करोड रू. की लागत से नये वार्ड एवं उपकरण आदि की व्यवस्था की जा रही है। एस.एम.एस. में 65 करोड़ रुपये की लागत से नवीन एकेडमिक भवन का निर्माण किया गया है। आरयूएचएस एवं एस.एम.एस. के संयुक्त तत्वाधान में स्टेम सेल लैब की स्थापना की जा रही है। स्टेट कैंसर इंस्टिट्यूट का निर्माण प्रारम्भ कर दिया है।
राजस्थान में देश का का सबसे बड़ा आयुर्वेद का आधारभूत ढ़ांचा उपलब्ध हैं। प्रदेश में इस समय 3 हजार 698 आयुर्वेद, 280 यूनानी, 252 होम्योपैथी एवं 39 योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा संस्थान कार्यरत है। वर्ष 2013 से ंअब तक 1718 आयुर्वेद चिकित्साधिकारी, 136 होम्योपैथिक चिकित्साधिकारी एवं 130 यूनानी चिकित्साधिकारियों तथा 467 नर्स कम्पाउण्डर जूनियर ग्रेड को नियमित नियुक्ति प्रदान की है।
घोषणाएं इस वर्ष 3 सीएचसी( चित्तौडगढ़ जिले में बेंगू, अलवर जिले में तिजारा ब्लॉक के हमीरका और सीकर जिले में खण्डेला ब्लॉक के जाजोद), 4 पीएचसी ( जोधपुर जिले के शेरगढ़ ब्लॉक के चांदसामा, अलवर जिले के कोटकासिम ब्लॉक के भगाना, हनुमानगढ़ जिले के टिब्बी ब्लॉक के भोमपुरा में तथा जयपुर जिले की शाहपुरा ब्लॉक के देवन ) और 6 उपस्वास्थ्य केन्द्र ( अलवर जिले के थानागाजी ब्लॉक के सलेटा में व नीमराना ब्लॉक के ठिकवाड़ में, झुंझुुंनु जिले के मलसीसर ब्लॉक के चंदवाजी में, चित्तौडगढ़ जिले के बेंगू ब्लॉक के तेजपुर में, जयपुर जिले के जमवारामगढ़ ब्लॉक के भावपुरा में एवं बाड़मेर जिले के धोरीमन्ना ब्लॉक के रोहिल्ला) के नये भवन निर्माण की घोषणा की गयी। प्रत्येक सीएचसी के निर्माण के लिए सवा 5 करोड़ प्रत्येक पीएचसी के लिए एक करोड़ 85 लाख एवं प्रत्येक उपस्वास्थ्य केन्द्र के निर्माण के लिए 30 लाख रुपये की राशि व्यय की जायेगी। करौली जिले के श्रीमहावीर जी में सवा 5 करोड़ रुपये की लागत से आगामी एक वर्ष में भवन निर्माण कार्य पूर्ण किया जायेगा।
महिला चिकित्सालय सांगानेर में 8 बैड की हाईडिपेन्डेंसी यूनिट व 4 बैड का आब्शटेट्रिक आई.सी.यू. तथा जनाना अस्पताल अजमेर, उम्मेद अस्पताल जोधपुर, जे.के. लॉन अस्पताल कोटा व पन्नाधाय अस्पताल उदयपुर में 6 बैड की हाईडिपेन्डेंसी यूनिट व 2 बैड का आब्शटेट्रिक आई.सी.यू. विकसित किया जायेगा। अलवर, बांसवाड़ा, भीलवाड़ा एवं चित्तौडगढ़ में 8 बैड की हाईडिपेन्डेंसी यूनिट विकसित की जायेगी। एस.एन. मेडिकल कॉलेज, जोधपुर में पैरामेडिकल सेन्टर की स्थापना की जायेगी। मेडिकल कॉलेज, जोधपुर मे जेरेट्रिक मेडिसन, आईएचबीटी एवं संक्रामक रोगाें में एम.डी. की डिग्री प्रारम्भ की जायेगी।
एस.एम.एस. अस्पताल में तृतीय मंजिल पर 9 करोड़ रुपये की लागत से प्री फेब्रीकेटेड वार्ड एवं 7 करोड़ रुपये की लागत से 40 सेमी आई.सी.यू. शैय्याओं का निर्माण तथा नवीन ओपीडी का निर्माण किया जायेगा। नवीन पैरामेडिकल संस्थान प्रारम्भ किया जायेगा। नवीन सुपरस्पेशिलिटी ब्लॉक एवं ट्रोमा सेन्टर को अण्डर पास से जोड़ा जायेगा।
एस.एम.एस. मेडिकल कॉलेज से सम्बद्ध किये गये सेठी कॉलोनी, सेटेलाईट अस्पताल में 50 शैय्याओ की वृद्धि की जायेगी ।
जयपुरिया चिकित्सालय में निर्माण कार्यो पर प्रथम चरण में 10 करोड 50 लाख रूपये की राशि व्यय करने के बाद द्वितीय चरण में 9 करोड 30 लाख रूपये की राशि व्यय की जायेगी। अत्याधुनिक उपकरण उपलब्ध कराने के लिये 11 करोड 75 लाख रूपये व्यय किये गये है। स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत यहां अन्डरग्राउंड पार्किग का कार्य 15 करोड 40 लाख रूपये की लागत से किया जायेगा ।
मेडिकल कॉलेज, झालावाड के निश्चेतन विभाग में 5 नवीन आधुनिक एवं उन्नत किस्म के ऎनेथेसिया वर्क स्टेशन 2 करोड़ रुपये की राशि से क्रय किये जायेगे। मेडिकल कॉलेज, बीकानेर में इन्स्टीट्यूट ऑफ मेन्टल हेल्थ, न्यूरोएलाईड एण्ड न्यूरोसांईसेंज सेन्टर के रूप में सेन्टर ऑफ एक्सीलेन्स की स्थापना की जायेगी। नवीन गल्र्स हॉस्टल का निर्माण जून माह से प्रारम्भ किया जायेगा। आचार्य तुलसी केन्सर सेन्टर में ‘बोनमेरो ट्रांस्प्लांट आचार्य तुलसी शान्ति प्रतिष्ठान की और से करवाकर जून 2018 में प्रारम्भ कर दिया जायेगा।
मेडिकल कॉलेज, उदयपुर में 100 कमरों का नवीन सीनियर रेजीडेन्ट हॉस्टल तथा जूनियर बॉयज एवं गल्र्स हॉस्टल की नई विंग का निर्माण इसी वित्तीय वर्ष में पूर्ण कराया जायेगा। इलेक्ट्रानिक मोनिटरिंग हेतु 200 पॉइन्टस पर सी.सी.टी.वी. कैमरे लगाये जायेगें। मेडिकल कॉलेज, कोटा के अस्थि रोग विभाग में बोन बैंक, ईएनटी विभाग में नवीन वर्क स्टेशन, नैत्र विभाग में ओप्टिक्ल कोहरेन्स टोपोग्राफी मशीन, निश्चेतन विभाग मेंएनेस्थेसिया वर्क स्टेशन एवं पैथोलोजी विभाग में एलिवेटिंग पैथोलोजी वर्क स्टेशन की स्थापना की जायेगी।
जे.एल.एन. मेडिकल कॉलेज अजमेर में 13 करोड़ 50 लाख रु. की लागत से 800 बैठक क्षमता का ओडिटोेरियम का निर्माण कराया जायेगा।
राष्ट्रीय आयुष मिशन के माध्यम से वर्ष 2018-19 में आयुर्वेद, होम्योपैथी एवं यूनानी औषधालयों व चिकित्सालयों में 28 करोड की औषधियां उपलब्ध करवाई जायेगी।
प्रदेश में 63 आयुर्वेद औषधालयों एवं 2 यूनानी औषधालयों के भवनों का 9 करोड 70 लाख रूपये की राशि व्यय कर निर्माण कार्य करवाया जावेगा। मेडिसिनल प्लान्ट्स को बढावा देने के लिए 708 हैक्टेयर में औषधीय पौधों की खेती, नर्सरी स्थापना एवं अन्य कार्यो पर सवा 3 करोड से अधिक राशि उपलब्ध करवाई जायेगी। राज्य में संचालित 4 आयुर्वेद रसायनशालाओं के निर्माण एवं मरम्मत का कार्य लगभग 2 करोड रूपये की लागत से करवाया जावेगा।
आयुर्वेद महाविद्यालय, उदयपुर में 24 लाख की लागत से पी.जी. हॉस्टल वार्डन का भवन निर्माण एवं 30 लाख की लागत से सेन्ट्रल पैथोलोजी लैब का निर्माण करवाया जायेगा। राजस्थान आयुर्वेद विश्वविद्यालय, जोधपुर के सुदृढीकरण के लिए 5 करोड 93 लाख रूपये की राशि उपलब्ध करवाई जायेगी।
मुख्यमंत्री की बजट घोषणा के अनुरूप 16 सीएचसी एवं 27 पीएचसी स्थापित करने के लिए स्थानों का चयन कर लिया गया है। चिकित्सा मंत्री ने 700 उपस्वास्थ्य केन्द्र खोलने की घोषणा की।

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