राजस्थान में मनरेगा योजना में खर्च किए 4 हजार 557 करोड़ रुपए : राठौड़

www.khaskhabar.com | Published : बुधवार, 28 फ़रवरी 2018, 1:51 PM (IST)

जयपुर/भीलवाड़ा। ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री राजेन्द्र राठौड़ ने बुधवार को विधानसभा में बताया कि मनरेगा योजना के तहत अभी तक 4 हजार 557 करोड़ रुपए खर्च कर 20 करोड़ 76 लाख मानव दिवस सृजित किए गए हैं। इसके साथ ही योजना के माध्यम से प्रदेश में बड़ी संख्या में स्थाई परिसम्पतियों का निर्माण किया गया।

राठौड़ प्रश्नकाल में इस संबंध में पूछे गए पूरक प्रश्नों का जवाब दे रहे थे। उन्होंने बताया कि मनरेगा योजना में किए गए रोजगार सृजन के लिए भारत सरकार द्वारा पुरस्कृत किया गया है। मनरेगा अधिनियम के तहत सभी जिलों में 40:60 अनुपात में काम करवाए जा रहे हैं, जहां भी इसका उल्लंघन हुआ है, उसकी जांच करवाई जाएगी। उन्होंने बताया कि मनरेगा में बकाया भुगतान के लिए भारत सरकार से 250 करोड़ रुपए श्रम मद में और 500 करोड़ रुपए सामग्री मद में प्राप्त करने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। यह राशि प्राप्त होने पर सभी बकाया भुगतान को जल्द ही कर दिया जाएगा।

इससे पहले जहाजपुर विधायक धीरज गुर्जर के मूल प्रश्न का जवाब देते हुए राठौड़ कहा कि राज्य सरकार द्वारा 4 नवम्बर, 2015 को जारी निर्देर्शों के अनुसार ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग की विभिन्न योजनाओं की वित्तीय वर्ष में प्राप्त कुल राशि की कम से कम 20 प्रतिशत राशि को महात्मा गांधी नरेगा योजना में कार्य अनुमत होने की स्थिति में आवश्यक रूप से कन्वर्जेन्स कर ही स्वीकृति किए जाने एवं नियमानुसार श्रम सामग्री अनुपात 60:40 संधारित करते हुए महात्मा गांधी नरेगा योजना से वित्त पोषित करने के निर्देश हैं। उन्होंने विभागीय योजनाओं से कन्वर्जेन्स के संबंध में जारी दिशा निर्देर्शों की प्रति सदन के पटल पर रखी।

उन्होंने बताया कि जिला अधिकारियों द्वारा मूल रूप से महात्मा गांधी नरेगा अधिनियम के उद्देश्य तथा प्रावधानों की पालना की गई है, इसलिए कार्यवाही किया जाना न्यायोचित नहीं है। ग्रामीण विकास मंत्रालय भारत सरकार द्वारा 22 जून, 2016 को अधिनियम की अनुसूची-1 के पैरा 20 में किए गए संशोधन के दृष्टिगत कन्वर्जेन्स दिशानिर्देशों में पुनर्विचार विभागीय स्तर पर विचाराधीन है।

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