कासिम खान ,नूंह।
मेवात जिले के तेड गांव की एक एकड़ भूमि में करोड़ों रुपये की लागत से 9
गांवों की पेयजल समस्या को दूर करने के लिए बनाये जा रहे वाटर टैंक को लेकर
विधायक रहीस खान और इनैलो नेता पूर्व मंत्री मोहमद इलियास और उनके
समर्थकों में तलवारें खिंच चुकी हैं। आगामी 24 फरवरी को होने वाले
शिलान्यास कार्यक्रंम में पुन्हाना विधायक रहीस खान के शामिल होने का विरोध
बुधवार से ही शुरू हो गया है। पूर्व मंत्री मोहमद इलियास समर्थकों ने बड़ी
संख्या में निर्माणाधीन वाटर टैंक पर पहुंचकर इस विधायक के कार्यक्रम पर
विरोध किया। साथ ही भाजपा सरकार की तो सीनियर सेकेंडरी स्कूल की सौगात और
टैंक की सौगात मिलने पर तारीफ की , लेकिन स्थानीय विधायक रहीस खान उनको
फूटी आंख भी नहीं भा रहे हैं। मीडिया कर्मियों को ग्रामीणों ने बताया कि
अगर वाटर टैंक का शिलान्यास करने स्थानीय विधायक रहीस खान आये , तो
खूनखराबे की नौबत भी आ सकती है। हरियाणा में न तो अभी चुनावी बिगुल बजा है
और न ही चुनावी माहौल बन पाया है ,लेकिन नेताओं की मूंछों की लड़ाई में आम
जनता भी कूद पड़ी है। आपको बता दें कि इनैलो नेता पूर्व मंत्री मोहमद इलियास
के गढ़ तेड गांव में पिछले विधानसभा चुनाव में रहीस खान ने अच्छी खासी सेंध
लगाई थी , जिसके कारण वे विधानसभा पहुंचने में कामयाब हो गए। इस बार पूर्व
मंत्री मोहमद इलियास के लिए यह चुनाव करो या मरो की स्थिति वाला होने जा
रहा है ,यही कारण है कि दोनों नेताओं के समर्थकों में अभी से टकराव की नौबत
बन गई है। तेड गांव में वाटर टैंक एक साल में बनकर तैयार होना। ग्रामीणों
के मुताबिक विधायक का इस योजना में कोई योगदान नहीं है। सीएम मनोहर लाल ने
घोषणा पहले ही की थी। विधायक ने तो मिडिल स्कूल को बारहवीं तक कराने की
सीएम की घोषणा के बाद स्कूल को अपग्रेड नहीं होने दिया। तेड गांव आसपास
गांव के लोग बुधवार को टैंक वाली जगह पर भारी संख्या में पहुंचे तो साफ हो
गया कि दो नेताओं और उनके समर्थकों के बीच नौबत वाटर टैंक को लेकर तनातनी
की आ सकती है। वाटर टैंक से तेड , सुल्तानपुर , महमदपुर , फिरोजपुर मेव
इत्यादि गांवों को रैनीवेल योजना से वाटर टैंक के माध्यम से पानी मिलेगा।
मामले स्थानीय विधायक रहीस खान आगामी 24 फरवरी को टैंक का शिलान्यास तय
कार्यक्रम के मुताबिक पहुंचते हैं या फिर बड़ी संख्या में विरोध को देखते
हुए वे कोई नई रणनीति का खुलासा करते हैं ,लेकिन दोनों तरफ से पीने के पानी
के टैंक का श्रेय लेने की होड़ अभी से दिखने लगी है। इसी से अंदाजा लगाया
जा सकता है कि आने वाला विधानसभा चुनाव कितना रोचक होने वाला है।
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