चंडीगढ़। रबी
सीजन 2018-19 के दौरान फसलों की निर्विघ्न और सुनिश्चित खरीद को यकीनी
बनाने के लिए पंजाब कैबिनेट ने आज पंजाब फूड ग्रेन ट्रांसपोर्ट नीति
2018-19 व पंजाब लेबर व कार्टेज नीति 2018-19 को मंजूरी दे दी है। यह मंजूरी कैबिनेट की मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की अध्यक्षता में आज यहां हुई एक बैठक में दी। नई
नीति खाद्य सप्लाई व उपभोक्ता मामले विभाग के साथ संबंधित विभिन्न खरीद
एजेंसियों पर लागू होगी। इसमेें पनग्रेन, मार्कफैड, पंजाब स्टेट वेअर हाऊस
कार्पोरेशन, पनसप, पंजाब एग्रो, फूड ग्रेन कार्पोरेशन और भारतीय खाद्य निगम
शामिल है जो कि मंडियों व खरीद केंद्रों में अनाज की खरीद करती है।2018-19
के रबी सीजन के दौरान 01 अप्रैल, 2018 से शुरु होने वाली गेहूं की सुचारु
खरीद के लिए और मंडियों में अनाज की साथ-साथ और तेजी से लिफ्टिंग यकीनी
बनाने के लिए कैबिनेट ने लेबर और कार्टेज व ट्रांसपोर्ट नीति को मंजूरी दे
दी है।
नई नीति में व्यवस्था की गई है कि समय पर मंडियों से
ढुलाई यकीनी बनाने के लिए अलग-अलग लेबर और कार्टेज सोसायटियों को लेबर और
कार्टेज के कामों के लिए प्राथमिक दर पर काम मुहैया करवाने को पहल दी
जाएगी। इसके अलावा शेष आठ किलोमीटर तक का लेबर और कार्टेज के काम के लिए और
आठ किलोमीटर से ज्यादा माल ढुलाई के काम के लिए मुकाबले व पारदर्शी
प्रणाली वाले आनलाइन टेंडर सिस्टम का उपयोग किया जाएगा।
इसके
अलावा एक और महत्वपूर्ण फैसले में कैबिनेट ने सोशल आडिट से संबंधित पंजाब
फूड सिक्योरिटी रुल्स 2016 में संशोधन व मसौदा नोटिफिकेशन को भी मंजूरी दे
दी है। यहां वर्णनीय है कि भारत सरकार ने राष्ट्रीय खाद्य
सुरक्षा कानून-2013 के अंतर्गत सार्वजनिक वितरण प्रणाली के द्वारा मिलने
वाले भोजन को कानूनी अधिकार बना दिया था। यह कानून पंजाब में दिसंबर 2013
में लागू किया गया था जिसके संबंध में पंजाब सरकार ने पंजाब सार्वजनिक
वितरण प्रणाली लाइसेंस एंड कंट्रोलआर्ड 2016, 22 अप्रैल 2016 को अधिसूचित
किया था।
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून 2013 की धारा 40-3 के
अंतर्गत राज्य सरकार द्वारा बनाए गए रुल्स पंजाब विधान सभा के समक्ष रखे
जाने थे पर सुप्रीम कोर्ट की रिट पटिशन नंबर 857 आफ 2015 स्वराज अभियान
बनाम भारत सरकार व अन्य में दिए आदेश के अंतर्गत भारत सरकार ने इन रुल्स
में संशोधन करने के लिए राज्य सरकार को कहा था और इनमें सोशल आडिट संबंधी
जरुरी संशोधन करने के लिए भी कहा था।
भारत सरकार ने यह भी कहा
था कि ग्रामीण विकास विभाग द्वारा ग्राम समृद्धि और स्वच्छता पखवाड़े के
दौरान राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा एक्ट के अंतर्गत योजना का सोशल आडिट किया
जाएगा।
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