पांडवकाल में निर्मित इस खास मंदिर के दर्शन करने उमड़ी भीड़

www.khaskhabar.com | Published : मंगलवार, 13 फ़रवरी 2018, 4:40 PM (IST)

नूंह। मंगलवार को महाशिवरात्री का पर्व बड़े ही हर्षोउल्लास के साथ मनाया गया। इस अवसर पर दूरदराज से आए हजारों लोगों ने एतिहासिक पांडव राजा युधिष्ठिर द्वारा निर्मित शिवलिंग पर जलाभिषेक कर दर्शन किए। मनवांछित फल की कामना की। महाशिवरात्रि पर्व को लेकर सोमवार देर शाम से ही श्रद्धालुओं का मंदिरों पर तांता लगना शुरु हो गया।

दूर दराज से आने वाले शिव भक्तों के ठहरने व खाने की व्यवस्था शिव मंदिर विकास समिति ने की। मंदिर पर आने वाले श्रद्धालुओं ने भोलेबाबा के जयकारों के साथ अरावली पर्वत श्रंखलाओं को गुजंयान कर दिया। वहीं पर्व को देखते हुए सुरक्षा की दृष्टि से मंदिर व उसके आस-पास भारी संख्या में पुलिस के जवानों को तैनात किया गया।

ज्ञात हो कि अरावली की वादियों में अज्ञातवास के दौरान पांडव राज युद्विष्ठर ने एक गुफा में पवित्र शिव लिंग की स्थापना कर पूजा अर्चना की तभी से फिरोजपुर झिरका की यह भूमि तपोभूमि के रूप में विख्यात हो गई। वर्ष में दो मेले के दौरान हजारों की सख्यां में शिव भक्त आते है। महाशिवरात्री के पर्व अवसर पर शिवभक्त श्रद्धालुओं ने पावन पवित्र गंगाजल से मंदिर में ईष्ट आराध्य देव महादेव बाबा के पवित्र शिवलिंग पर जलाभिषेक किया और मनोकामना मांगी। इस दौरान मंदिर परिसर पर दानी महानुभावों की ओर से बाहर से शिवभक्त श्रद्धालुओं के लिए जगह-जगह मीठे पानी की छबीले व लंगर तथा भंडारों का विशेष रूप से आयोजन किया गया। इन भंडारों में हजारों श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण कर धर्मलाभ उठाया।

नव दंपत्तियों व महिलाओं ने चढ़ाई पवित्र शिवलिंग पर दोघड : मान्यता के अनुसार महाशिवरात्री पर्व के अवसर पर दूर दराज से आई महिलाओं ने यहां की अरावली पर्वत श्रंखलाओं से निकलने वाले पवित्र झरने की धारा में स्नान कर पवित्र शिवलिंग का जलाभिषक कर पूजा अर्चना कर मनोकामना मांगी।

वहीं महाशिवरात्रि पर्व कई नवदंपत्ति जोड़ों ने भी भगवान शिव का जलाभिषेक किया। अलवर बगड तिराया से आए विजय बताते हैं कि उनकी हाल ही में अभी शादी हुई है। ऐसे में वो और उनकी पत्नी भगवान शिवलिंग का जलाभिषेक कर दोघड चढ़ाने आए हैं। वो चाहते हैं कि भगवान उनकी और उनकी पत्नी की हर मनोकामना पूरी कर उनकी जीवन सफल बनाए। बताते चलें कि मान्यता है कि भक्तों की भोलेशंकर अवश्य ही इच्छा पूरी करते हैं। महाशिवरात्री पर्व पर इस स्थान की महिमा और अधिक बढ़ जाती है। मान्यता है कि इस दिन भोले भंड़ारी यहां अपने भक्तों को किसी ने किसी रूप में दर्शन अवश्य ही देते हैं।

मेला रहा आर्कषण का केंद्र

महाशिवरात्रि पर पर्व को देखते हुए यहां के तिजारा मार्ग स्थिति ऐतिहासिक पांडव कालीन शिवमंदिर पर मेले का आयोजन हुआ। मेले में विभिन्न दुकानों को दुल्हन की तरह सजाया गया था। जिससे मंदिर की खूबसूरती और मेले का आकृषण अपने आप बेहद खूबसूरत लग रहा था। वहीं मेले में लगी दुकानों पर लोगों ने जमकर खरीददारी की।

दानियों के सहयोग से प्रसाद वितरण :

मंदिर में आए दूर दराज के भक्तों के लिए शहर के मौजिज लोगों व समाजसेवियों की ओर से प्रसाद वितरण व भण्डारें का आयोजन किया गया। महिलाओं ने भी भक्तों को प्रसाद ग्रहण करने में अपना योगदान दिया। थाना प्रबंधक रत्तन लाल ने पुलिस प्रबंध को लेकर सादा वर्दी में पुलिस के जवानों को लगाया ओर मेले में जाम नही लगे। इसकों लेकर पुलिस के जवानों को मुख्य मार्ग पर तैनात किया गया।

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