कैथल। भाजपा
सांसद राज कुमार सैनी ने कहा कि वे पार्टी की जींद में होने वाली रैली
में नहीं जाएंगे। सांसद ने कहा कि जींद की रैली के लिए उनके पास कोई
न्यौता नहीं है और जींद में वे कुछ दिन पहले रैली करके आए हैं। उनका
वहां जाने का औचित्य नहीं है।
जाट
आरक्षण संघर्ष समिति की मांगों पर सरकार द्वारा लिए गए फैसले पर सांसद
राजकुमार सैनी ने सवाल उठाते हुए इसे प्रजातंत्र के लिए खत्तरा बताया और
कहा कि इस घटनाक्रम से स्पष्ट हो गया है कि कानून संगठित व ताकतवर लोगों की
जेब में उनके हाथों का खिलौना होगा। कमजोर वर्ग के लिए कानून मच्छरदानी की
तरह केवल मच्छर हटाने का काम करेगा।कैथल
में पत्रकारों से बातचीत में सांसद ने कहा कि सरकार ने एक जाति के कुछ
लोगों के डंडे के दबाव में जो फैसला लिया है, उससे उन लोगों के मन में सवाल
उठ रहा है, जिनको घरों से निकाल कर छुरे घोंपे गए थे। कि दोषियों को सजा
कौन देगा? लोग ऐसे सवाल किया करेंगे कि मैंने तो थप्पड़ मारा है, छेड़छाड़
की है। मेरा अपराध कम है। इसीलिए केस वापिस लिए जाएं। कुछ लोग सरकार को
झुकाकर मनमानी करेंगे तो कानून के क्या मायने रह जाएंगे। असंगठित, गरीब व
जरुरतमंद की सुरक्षा कैसे होगी? यह सरकार की असफलता है कि कुछ लोग कहते हैं
कि जब उनकी मांगें मानी जाएं, तभी वे वार्ता को आएंगे। यह कैसी वार्ता, यह
मनमानापन है। संगठन, कर्मचारियों के हड़ताल के माध्यम से बात मनवाना देखा
था, लेकिन जिस तरह से अभय चौटाला व कांग्रेस के लोगों ने राजनीतिक दल की
रैली रोकने का ऐलान कर दिया तो यह प्रजातंत्र के लिए खत्तरे की घंटी है।
इसीलिए उन्हें लोकतंत्र सुरक्षा मंच बनाना पड़ा है।जींद
में भाजपा अध्यक्ष की रैली पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा कि यदि कुछ
लोगों की मनमानी ही माननी है तो रैली का औचित्य ही क्या है। आज कोई बताए कि
यशपाल मलिक ने ओमप्रकाश धनखड़ पर जो सवाल उठाए हैं, उससे पता चलता है कि
प्रदेश को कैसे आग के हवाले किया गया। प्रदेश में एक जाति के कुछ लोगों की
धमकी पर सरकार को सेना बुलानी पड़ रही है तो हम विदेशी ताकतों से कैसे
लड़ेंगे? पूरे देश में सिस्टम में बदलाव की जरुरत है। वे राज्यसभा के
खात्मे के लिए पूरे देश में गरीब, असहाय व असंगठित व कमजोर वर्ग के पास
जाकर उनके हक की आवाज बुलंद करेंगे।सांसद
ने कहा कि वे एडहॉक, कच्चे व ठेके पर लगे कर्मचारियों के साथ हैं। इनके लिए
सरकार को एक नीति बनानी चाहिए। ताकि एक परिवार एक रोजगार से सभी को
रोजी-रोटी का अधिकार मिले। १०० प्रतिशत आरक्षण, किसान-मजदूर की संयुक्त
नीति, राज्यसभा की समाप्ति जैसे अपने एजेंडे स्पष्ट करते हुए सांसद ने कहा
कि सबका विकास सबका साथ नीति में इस तरह के फैसले नहीं लिएजा सकते।जम्मू
व कश्मीर में सेना पर दर्ज एफआईआर पर किया विरोध:-सांसद ने कहा कि कश्मीर
में सेना पर एफआईआर दर्ज करना कहां तक उचित है। सेना का मनोबल गिरता है। हम
महज अपनी टर्म पूरी करने के लिए सब कुछ सहन कैसे कर सकते हैं। सेना पर
दर्ज एफआईआर गल्त है। सांसद
ने कहा कि मैं किसी का तोता-मैना नहीं, सभी सीटों पर लड़ेंगे चुनाव:-सांसद
ने स्पष्ट किया कि लोग उन्हें बीजेपी का तोता कहते हैं। लेकिन वे किसी के
तोता-मैना नहीं हैं। आने वाले चुनाव में उनकी पार्टी सभी 10 लोकसभा व 90
विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ेगी। चौधरी बंसी लाल, चौधरी ओमप्रकाश चौटाला की
सरकारों में भेदभाव देखा तो तीन बार सत्ता छोड़ चुके हैं। भाजपा में तीन
साल पहले उम्मीद से आए थे। लेकिन यहां जब सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बावजूद
सरकार आरक्षण देने की बात कह रही है तो उम्मीद खत्म होती जा रही है।
इसीलिए मैं लोगों के साथ हूं।
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