सीएम ने सिद्धू को एसजीपीसी और विरोधी पक्षों को राजी करने की जिम्मेदारी सौंपी

www.khaskhabar.com | Published : सोमवार, 12 फ़रवरी 2018, 8:54 PM (IST)

चण्डीगढ़। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने सोमवार को पर्यटन और सांस्कृतिक मामलेे विभाग को सभी राजनैतिक पार्टियाँ को साथ लेकर श्री गुरु नानक देव जी के 550वें प्रकाश दिवस को शानदार ढंग के साथ मनाने के लिए युद्ध स्तर पर प्रबंध करने की हिदायत की चाहे शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटीेके प्रधान और विरोधी पक्ष के नेता सोमवार को हुई पहली मीटिंग में शामिल नही हुए ।
चाहे विभाग ने शिरोमणि अकाली दल के प्रधान सुखबीर सिंह बादल, राज्य सभा मैंबर सुखदेव सिंह ढींडसा, नरेश गुजराल, शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान गोविन्द सिंह लौंगोवाल, भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रधान विजय सांपला और आम आदमी पार्टी के संसद मैंबर भगवंत मान को आयोजन कमेटी की पहली जायज़ा मीटिंग में शिरक्त करने का न्योैता दिया था परन्तु वह मीटिंग में उपस्थित न हुए। यह मीटिंग पहले सिख गुरू जी के 550वें ‘प्रकाश पर्व’ समारोह का विस्तृत प्रोग्राम तैयार करने के लिए बुलायी गई थी।

पर्यटन एवं सांस्कृतिक मामलों के मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा कि यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण बात है कि विरोधी पक्ष ने इस महत्वपूर्ण पवित्र धार्मिक समागम को राजनैतिक रंग देने का रास्ता चुना और इस मीटिंग का बाइकाट किया । उन्होंने कहा कि गुरु नानक देव जी का 550वां प्रकाश पर्व एक ऐसा मौका है जब सारी राजनीतिक पार्टियोँ को अपने संकुचित राजनैतिक हितों से ऊपर उठना चाहिए । डेरा बाबा नानक के विधायक सुखजिन्दर सिंह रंधावा ने कहा कि मीटिंग में हिस्सा न ले कर विरोधी पक्ष के नेताओं ने श्री गुरु नानक देव जी की विचारधारा का अपमान किया है जिन्होंने मानवता को प्यार और सांप्रदायिक सदभावना का संदेश दिया है ।
मुख्यमंत्री ने विभाग से अपील की है कि वह सभी राजनैतिक पार्टियों के साथ मिल कर यह कार्य करे जिससे इस समारोह की बड़ी सफलता को यकीनी बनाने के साथ साथ यह समारोह पूरे धार्मिक जज़्बे और शानो -शौकत से मनाया जा सके। इस ऐतिहासिक मौके पर विरोधी पक्ष के सदस्यों को सरकार का साथ देने की अपील करते हुए मुख्यमंत्री ने नवजोत सिंह सिद्धू को कहा कि वह इस मामले पर विरोधी पक्ष के नेताओं के साथ संपर्क करें। सिद्धू ने कैप्टन अमरिंदर सिंह को भरोसा दिलाया कि वह मुख्यमंत्री द्वारा निजी तौर पर विरोधी पक्ष के सभी नेताओं और एस.जी.पी.सी. तक पहुँच करेंगे और उनको राजनीतिक रास्ते से ऊपर उठ कर इस महान पवित्र समारोह में सामुहिक तौर पर शिरक्त करने के लिए मनाएंगे।
मीटिंग दौरान यह समारोह मनाने के विभिन्न पक्षों पर ध्यान देने के लिए एक सब -कमेटी गठित करने का पयर्टन मंत्री को अधिकार दिया गया और उनको अपने रिपोर्ट जल्दी से जल्दी पेश करने के लिए कहा। इस जायज़ा मीटिंग की अध्यक्षता करते हुये मुख्यमंत्री ने कहा कि इस समारोह में केवल 18 महीने ही रह गए हैं जिस करके इस कार्य को युद्ध स्तर पर करने की ज़रूरत है। कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि इन समागमों की सफलता को यकीनी बनाऐ जाने में कोई भी कसर नहीं छोड़ी जानी चाहिए क्योंकि हमारा सौभाग्य हैं कि हमें अपने जीवन दौरान यह समागम मनाने का मौका मिला है ।
इस मीटिंग में विभिन्न प्रसिद्ध विद्वान, दार्शनिक और विभिन्न क्षेत्रों की अन्य प्रसिद्ध शख्शियतों उपस्थित हुई जिनमें प्रसिद्ध सिख स्कॉलर डा. कृपाल सिंह, प्रसिद्ध राजनैतिक समाज शास्त्री दीपांकर गुप्ता, चेयरमैन पंजाब आर्ट काउंसिल और प्रसिद्ध पंजाबी कवि सुरजीत पातर, वातावरण प्रेमी बलबीर सिंह सीचेवाल और पंजाबी यूनिवर्सिटी, पटियाला के वाइस चांसलर डा. बी.एस. घूमन शामिल थे। इन शख्शियतों ने इस समारोह को मनाने संबंधी अपने विभिन्न सुझाव दिए।

मुख्यमंत्री ने उनको अपने प्रस्ताव और सुझाव पर्यटन और सांस्कृतिक मामले विभाग के पास पेश करने के लिए कहा जिससे राज्य सरकार इस समारोह की रूप रेखा को अंतिम रूप दे सके ।मुख्य सचिव करन अवतार सिंह ने कहा कि राज्य सरकार इसके लिए ज़रुरी फ ंड की प्राप्ति के लिए भारत सरकार को अपना प्रस्ताव भेज सकती है।

इस मौके पर उपस्थित अन्यों में कैबिनेट मंत्री चरनजीत सिंह चन्नी, साधु सिंह धर्मसोत और रजिया सुलताना, मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार रवीन ठुकराल, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव तेजवीर सिंह, सुलतानपुर लोधी के विधायक नवतेज सिंह चीमा, कपूरथला के महाराजा बिग्रेडियर (सेवा मुक्त) सुखजीत सिंह, चेयरमैन अनद फाऊंडेशन भाई बलदीप सिंह, डायरैक्टर नेशनल इंस्टीट्यूट आफ पंजाब स्टडीज भाई वीर सिंह, सहायता सदन नयी दिल्ली महेन्दर सिंह, एडीशनल मुख्य सचिव मकान और शहरी विकास विनी महाजन, प्रमुख सचिव पर्यटन और सांस्कृतिक मामले विकास प्रताप, कमिशनर जालंधर डिविजऩ राज कमल चौधरी और चेयरमैन पंजाब प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के.एस. पन्नू शामिल थे ।

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