RSS की सफाई के बाद भी मोहन भागवत के सेना बयान पर घमासान

www.khaskhabar.com | Published : सोमवार, 12 फ़रवरी 2018, 6:20 PM (IST)

नई दिल्ली। राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत की युद्ध के लिए भारतीय सेना की मुस्तैदी को लेकर की गई टिप्पणी ने विपक्षी दलों के बीच नाराजगी बढ़ा दी है। साथ ही भगवा संगठन ने कहा कि इस टिप्पणी को ‘तोड़-मरोड़’ कर पेश किया गया है। सोशल मीडिया पर विपक्षी कांग्रेस और वाम दलों ने भागवत से भारतीय सेना के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी के लिए माफी मांगने की मांग की है। वहीं आरएसएस ने एक बयान में कहा कि भागवत ने सेना की तुलना अपने संगठन से नहीं की।

आपको बता दें कि आरएसएस ने एक बयान में कहा कि भागवत ने रविवार को मुजफ्फरपुर में एक सभा में कहा था कि युद्ध की स्थिति में भारतीय सेना को समाज को तैयार करने में छह महीने का वक्त लगेगा, जबकि आरएसएस के स्वंयसेवकों को केवल तीन दिन में तैयार किया जा सकता है, क्योंकि स्वंयसेवक रोजाना अनुशासन का अभ्यास करते हैं। आरएसएस प्रवक्ता मनमोहन वैद्य ने कहा, ‘‘यह भारतीय सेना और संघ कार्यकर्ताओं के बीच तुलना नहीं है। यह आम समाज और स्वंयसेवकों के बीच की तुलना है। दोनों को ही केवल भारतीय सेना प्रशिक्षित कर सकती है।’’

आरएसएस प्रमुख 10 दिवसीय बिहार दौरे पर हैं। रविवार को उन्होंने कहा था कि अगर लड़ाई की स्थिति उत्पन्न होती है और संविधान इजाजत देता है तो संघ देश के लिए लडऩे वालों की सेना तीन दिन में तैयार कर सकता है। मुजफ्फरपुर में जिला स्कूल परिसर में आरएसएस कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए भागवत ने कहा, ‘‘संघ तीन दिन में सेना तैयार कर सकता है और यही काम करने में थल सेना को छह से सात महीने लगेंगे। यह हमारी क्षमता है। देश के सामने यदि ऐसी स्थिति आती है और संविधान इजाजात देता है तो स्वंयसेवक सीमा पर लडऩे के लिए तैयार रहेंगे।’’

उन्होंने कहा, ‘‘आरएसएस कोई सैन्य संगठन नहीं है, लेकिन हमारे पास सेना जैसा अनुशासन है। अगर देश को जरूरत होगी और संविधान इसकी इजाजत देता है, तो संघ दुश्मनों के खिलाफ सीमा पर लडऩे के लिए तैयार है।’’ कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि भागवत का भाषण हर भारतीय का अपमान करने वाला है, क्योंकि यह हमारे राष्ट्र के लिए अपनी जान गंवाने वालों का अनादर करता है।

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उन्होंने कहा, ‘‘यह हमारे ध्वज का अपमान है, क्योंकि हर उस सैनिक का अपमान है, जो ध्वज को नमन करता है। हमारी सेना और हमारे शहीदों का अनादर करने के लिए भागवत आपको शर्म आनी चाहिए।’’ कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने कहा कि यह टिप्पणी गंभीर रूप से असंवेदनशील है, विशेषकर तब, जब जम्मू एवं कश्मीर में सेना आतंकियों से लड़ रही है। हमारी सेना दुनिया में सबसे बहादुर है। आरएसएस को माफी मांगनी चाहिए।

माकपा नेता और केरल के मुख्यमंत्री पिनरई विजयन ने कहा कि भारतीय सेना पर भागवत की टिप्पणी संवैधानिक औचित्य के खिलाफ है। माकपा नेता ने कहा, ‘‘उनका बयान राष्ट्रीय एकता को नष्ट करने, कहर बरपाने के लिए समानांतर लड़ाकों को तैयार करने के संघ के छिपे एजेंडे को उजागर करता है। समानांतर सेना के बारे में बात करने को लेकर हम हमेशा से चेताता रहे हैं। हिंदू आंतक।’’

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