जयपुर।राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने
सोमवार को राजस्थान विधानसभा में
भाजपा सरकार का अंतिम बजट पेश किया। इस बजट में मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे
ने प्रत्येक वर्ग को
खुश रखने का प्रयास किया है। लेकिन इस वर्ष विधानसभा चुनाव होने हैं और इस
बजट में सबसे ज्यादा खास बात किसानों, बेरोजगार युवाओं को लेकर है।
क्योंकि इन दोनों की मुद्दों पर विपक्षी दल लंबे समय से राज्य सरकार को घेर
रहा है। वहीं मुख्यमंत्री ने बाड़मेर रिफाइनरी के कार्य शुभारंभ और नए एमओयू को भी एक बड़ी उपलब्धि राज्य सरकार के लिए बताई है।
सबसे
पहले अगर किसानों को लेकर बात करें तो मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने अपने
आखिरी बजट में किसानों के
लिए राहत भरी घोषणाएं की हैं। मुख्यमंत्री ने घोषणा कि प्रदेश के लघु और
सीमांत किसानों के सहकारी बैंकों में 30 सितंबर 2017 तक के ओवरड्यू
अल्पकालीन फसली ऋण की समस्त ब्याज माफी की जाएगी और अल्पकालीन फसली ऋण में
से 50 हजार रुपये तक के कर्जे को एकबार माफ करने का निर्णय लिया गया है।
मुख्यमंत्री ने सदन में राजस्थान राज्य कृषक ऋण राहत आयोग के गठन की भी
घोषणा की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इससे किसान मैरिट के आधार पर आगे अपनी
बात रख सकेंगे और कर्जमाफी ले सकेगा।मुख्यमंत्री ने कहा कि इससे
प्रदेश के 20 लाख किसानों को फायदा होगा। लेकिन इस बीच नेता प्रतिपक्ष
रामेश्वर डूडी और अन्य कांग्रेस विधायकों और निर्दलीय विधायक हनुमान
बेनीवाल ने सम्पूर्ण कर्जमाफी को लेकर सदन में हंगामा किया। इस पर संसदीय
कार्यमंत्री राजेंद्र सिंह राठौड़ ने आपत्ति जताई। वहीं विधानसभा अध्यक्ष
कैलाश मेघवाल ने सख्ती दिखाते हुए नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस विधायकों को
चुप कराया।
आपको बता दे कि किसानों की
कर्जमाफी के मुद्दे पर एक कमेटी का भी गठन हुआ था और यह कमेटी केरल का भी
दौरा करके आई थी और फैसला मुख्यमंत्री पर छोड़ा था। इस मुद्दे को लेकर
पिछले विधानसभा सत्र में कांग्रेस ने धरना-प्रदर्शन भी किया था और माकपा ने
सीकर में विशाल प्रदर्शन करके इस मुद्दे को लेकर सरकार की तरफ ध्यान भी
आकर्षित किया था।
वहीं बजट के बाद नेता प्रतिपक्ष रामेश्वर डूडी ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि प्रदेश के किसानों का संपूर्ण
कर्जा माफ होना चाहिए था। हमने पहले विधानसभा में 24 घंटे तक धरना दिया।
इससे दबाव में आकर सरकार ने लघु और सीमांत किसानों का 50 हजार का कर्जा एक
बार के लिए माफ किया। इसके लिए सरकार को धन्यवाद, लेकिन किसानों का पूरा
कर्जा माफ होना चाहिए। कर्ज में दबे किसान आत्महत्या कर रहे हैं। उन्होंने
कहा कि हम सड़क से लेकर विधानसभा तक सरकार को घेरते रहेंगे, जब तक कि किसान
का संपूर्ण कर्जा माफ नहीं हो।
वहीं समर्थन मूल्य की खरीद
पर मुख्यमंत्री ने कहा कि राजफैड की
तरफ से मूल्य समर्थन योजना के तहत सरसों और चने की खरीद की जाएगी, जिसके
लिए राजफैड को 500 करोड़ रुपये तक का ब्याजमुक्त ऋण दिया जाएगा। वहीं भंडारण
व्यवस्था के लिए राजस्थान राज्य भंडार व्यवस्था निगम की तरफ से 350 करोड़
की लागत से 5 लाख मैट्रिक टन भंडारण क्षमता के गोदामों का निर्माण होगा।
मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि नहरी क्षेत्र में डिग्गी निर्माण पर 25 फीसदी
टॉप-अप अनुदान देते हुए अधिकतम 3 लाख तक के अनुदान के लिए आगामी वित्त वर्ष
के लिए 90 करोड़ का प्रावधान किया गया है। वहीं 2 हजार वर्ग मीटर तक के
ग्रीन हाऊस और शेडनेट की स्थापना पर लागत का 50 प्रतिशत या अधिकतम 10 लाख
रुपये प्रति इकाई अनुदान देने के लिए 32 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
मुख्यमंत्री प्रत्येक जिले में एक नंदी गौशाला के गौसरंक्षण एवं संवर्धन
निधि से 50 लाख रुपये तक का अनुदान देने की भी घोषणा की है। वहीं ऊंटनी के
दूध के प्रसंस्करण एवं विपणन करने के लिए आरसीडीएफ के जरिये जयपुर में 5
करोड़ रुपये की लागत से मिनी प्लांट स्थापित होगा। इसके अलावा मुख्यमंत्री
ने जनवरी 2012 से लंबित 2 लाख बिजली कृषि कनेक्शनों को वित्त वर्ष 2018-19
में देने की घोेषणा की है।
वहीं मुख्यमंत्री ने गौवंश को लेकर भी कई महत्वपूर्ण घोषणाएं की है। गौशालाओं की स्थिति बेहतर करने के लिए मुख्यमंत्री ने
गौशालाओं के लिए चारा पशुआहार के लिए वर्तमान में तीन महीने की सहायता को
बढ़ाकर छह महीने करने की घोषणा की है। मुख्यमंत्री ने कृषि शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए कहा है कि ऐसे जिले जहां
वर्तमान में कृषि कॉलेज नहीं है, वहां पर निजी क्षेत्र के कृषि कॉलेज की
स्थापना के लिए निवेश को प्रोत्साहित किया जाएगा।
अब
बात करें दूसरे महत्वपूर्ण मुद्दे की सरकारी नौकरियों की तो. वसुंधरा सरकार ने 15 लाख युवाओं को
रोजगार देने की बात कही थी, लेकिन मुख्यमंत्री ने अपने बजट भाषणा में कहा
कि राज्य सरकार ने बीते 4 वर्ष में 13 लाख युवाओं को रोजगार का मौका दिया
है। यानी की रोजगार का सृजन किया है। लेकिन यह ठोस आंकडा नहीं है कि कितनों
को रोजगार मिला। लेकिन अब मुख्यमंत्री ने आगामी विधानसभा चुनाव को देखते
हुए यह बात कही है कि दिसंबर 2018 से पहले से 1
लाख 8 हजार सरकारी पदों पर भर्ती की जाएगी है। घोषणा के मुताबिक सबसे
ज्यादा भर्तियां शिक्षा विभाग में होगी। शिक्षा विभाग में में 77 हजार 100,
गृह विभाग में 5 हजार 718, प्रशासनिक
सुधार विभाग में 11 हजार 930, स्वास्थ्य विभाग में 6 हजार 571 पदों की
भर्ती की जाएगी। इसके अलावा 75 हजार पदों के लिए नई भर्ती की
विज्ञप्तियां निकाली जाएंगी।
साथ ही 2 हजार पटवारियों की भी भर्ती करने
की घोषणा मुख्यमंत्री ने अपने बजट भाषण में की है। मुख्यमंत्री ने सरकारी
महिलाओं कर्मचारियों
के लिए 18 वर्ष तक के बच्चों की देखभाल के लिए 2 वर्ष तक चाइल्ड केयर लीव
देने की भी घोषणा की है। इसके अलावा बतौर पारिवारिक पेंशनर विधवा महिला की
नियुक्ति पर पारिवारिक पेंशन पर महंगाई राहत भी देय होगी।
साथ ही
मुख्यमंत्री ने शासन सचिवालय को ग्रीन बिल्डिंग बनाने के लिए 5 करोड़ रुपये
खर्च करने की भी घोषणा की है। साथ ही स्पिनफैड के कर्मचारियों को स्वैच्छिक
सेवानिवृत्ति योजना के लिए 25 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
वहीं
मुख्यमंत्री ने लंबे समय से आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की मानदेय बढ़ाने की
बात को माना है. लेकिन स्थायी करने की घोषणा नहीं की है। मुख्यमंत्री ने
बजट भाषण में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का मानदेय
बढ़ाने की भी घोषणा की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि अब आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को
6 हजार, मिनी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को 4500 रुपये, सहायिका को 3500, साथिन
को 3300 रुपये और आशा सहयोगिनी को 2500 रुपये प्रतिमाह मिलेंगे। इससे
प्रदेश की 1 लाख 84 हजार महिला मानदेयकर्मी लाभान्वित होगी।
साथ ही
मुख्यमंत्री ने कहा आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और मानदेयकर्मियों के देय अंशदान
को समाप्त करने की घोषणा की है। अब बीमा योजना के प्रीमियम की शत-प्रतिशत
राशि राज्य सरकार की तरफ से वहन की जाएगी। लेकिन मुख्यमंत्री जब बजट घोषणा
कर रही थी तो उस दौरान विधानसभा के बाहर आंगनबाड़ी महिला कर्मचारी
प्रदर्शन कर रही थी। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सरकार की घोषणा से खुश नहीं है
और उन्होंने प्रति माह 15 हजार रुपये मानदेय की मांग रखी है। साथ राज्य
सरकार को 11
सूत्रीय मांग पत्र सौंपा है।
इसके साथ ही बाल विकास
परियोजनाओं में नियोजित करने के लिए 1 हजार नर्सरी ट्रेनिंग टीचर्स की
भर्ती की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 15 से 45 वर्ष तक की ग्रामीण
बालिकाओं और महिलाओं के लिए सेेनेटरी पैड वितरण के लिए 76 करोड़ रुपये खर्च
किये जाएंगे।
वहीं मुख्यमंत्री ने पुलिसकर्मियों के
मासिक मैस भत्ता बढ़ाने की घोषणा की है। मुख्यमंत्री ने कांस्टेबल, हैड
कांस्टेबल का मैस भत्ता 1600 रुपये से बढ़ाकर 2 हजार रुपये प्रतिमाह करने
और सहायक उपनिरीक्षक, उपनिरीक्षक, निरीक्षक का मैस भत्ता 1 हजार 750 रुपये
से बढ़ाकर 2 हजार रुपये प्रतिमाह करने की घोषणा की है।
मुख्यमंत्री
ने दलितों और पिछड़ा वर्ग के लिए कई महत्वपूर्ण घोषणाएं की है।
मुख्यमंत्री ने राजस्थान अनुसूचित जाति जनजाति वित्त एवं विकास सहकारी निगम
से 2 लाख रुपये तक के बकाया ऋण और ब्याज को भी माफ करने की घोषणा की है।
इससे राज्य सरकार पर 114 करोड़ रुपये का भार पड़ेगा। साथ ही प्रत्येक नगर
पालिका क्षेत्र में एक-एक अंबेडकर भवन बनाये जाने की भी घोषणा की है। इसके
लिए 80 करोड़ रुपये का प्रावधान रखा गया है। मुख्यमंत्री ने पूर्व
उपराष्ट्रपति स्वर्गीय भैरोसिंह शेखावत की याद में भैरोंसिंह शेखावत
अंत्योदय स्वरोजगार योजना की घोषणा की है। इस योजना के तहत 50 हजार
परिवारों को 4 प्रतिशत ब्याज दर 50 हजार रुपये तक का ऋण उपलब्ध कराया
जाएगा। इसके अलावा छोट कामगारों जैसे केश कलाकार, कुम्हार, मोची, बढ़ई,
रिक्शावाला और प्लंबर को दो लाख रुपये तक का ब्याजमुक्त ऋण भी दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री
ने आर्थिक पिछड़ा वर्ग के लिए सुंदर सिंह भंडारी ईबीसी स्वरोजगार योजना
शुरू करने की भी घोषणा की है। इसके तहत 50 हजार परिवारों को 4 फसीदी की
ब्याज दर पर 50 हजार रुपये तक का ऋण उपलब्ध कराया जाएगा।
मुख्यमंत्री
ने अपने बजट भाषण में सामाजिक सुरक्षा को लेकर भी कई घोषणाएं की है।
मुख्यमंत्री ने भामाशाह कार्ड धारक परिवारों को 1 लाख रुपये दुर्घटना बीमा
करते हुए भामाशाह सुरक्षा कवच प्रदान करने की घोषणा की है। मुख्यमंत्री ने
कहा कि इससे 4 करोड़ 50 लाख लोग लाभान्वित होंगे। वहीं दिव्यांगजनों के
कल्याण के लिए 1 करोड़ के प्रावधान के साथ दिव्यांग कोष के गठन की घोषणा की
गई है। साथ ही आदिवासी क्षेत्रों डूंगरपुर, प्रतापगढ़, बांसवाड़ा में
बहुउद्देश्यीय छात्रावासों की स्थापना करने की भी घोषणा की गई है।
वहीं
बुजुर्गों के लिए राजस्थान रोडवेज की बसों में 80 वर्ष से अधिक आयु के
बुजुर्गों को मुफ्त यात्रा की घोषणा की गई है। साथ ही उनके एक सहायक को 50
फीसदी रियायती दर पर यात्रा सुविधा देने की भी बात कही गई है।
अगर
अब बात करें शिक्षा, और स्वास्थ्य क्षेत्र की तो यहां भी मुख्यमंत्री ने
अपने सुराज संकल्प के वादों को पूरा करने की घोषणा की है। शिक्षा के
क्षेत्र में मुख्यमंत्री ने कहा कि 17 उपखंड मुख्यालयों पर नए राजकीय
महाविद्यालय खोले जाएंगे। साथ ही यूपीएससी और आरपीएससी समेत अन्य सरकारी
बोर्ड द्वारा आयोजित प्रतियोगी परीक्षाओं के साक्षात्कार में जाने के लिए
प्रत्याशियों को राजस्थान रोडवेज की बसों में निशुल्क यात्रा सुविधा दी
जाएगी। वहीं डिजिटल इंडिया के नारे को बढ़ावा देने के उद्देश्य से प्रदेश
के सभी सरकारी कॉलेजों में निशुल्क वाई-फाई सुविधा देने की घोषणा की गई है।
अगर
स्वास्थ्य क्षेत्र की बात करें तो मुख्यमंत्री ने इस बार अपने गृह जिले
धौलपुर में मेडिकल कॉलेज खोलने की घोषणा की है। साथ ही 4 हजार 514 नर्स
ग्रेड-सेकेंड और 5 हजार 558 महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की भर्ती की भी
घोषणा की है। लेकिन आपको बता दे कि प्रदेश में आठ नए मेडिकल कॉलेजों को
खोले जाने की घोषणा पिछले बजट सत्र में हो चुकी थी, लेकिन अभी तक यह मेडिकल
कॉलेज शुरू नहीं हो सके।
मुख्यमंत्री ने सड़कों को लेकर भी
प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र को तोहफा दिया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश
की 200 विधानसभा क्षेत्रों में 15 किलोमीटर नवीन सड़कों का निर्माण आगामी
वित्त वर्ष में हो सकेगा। वहीं जयपुर में 10 करोड़ की लागत से राज्य स्तरीय
सड़क सुरक्षा प्रशिक्षण केंद्र की स्थापना करने की भी घोषणा की है।
अगर
पेयजल की बात करें तो मुख्यमंत्री ने वित्त वर्ष 2018-2019 के लिए
प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र के लिए सौ-सौ हैंडपंप स्वीकृत करने की भी घोषणा
की है। वहीं जल गुणवत्ता क्षेत्र के लिए 500 नए आरओ प्लांट लगाने की भी
घोषणा की है।
राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने इस बजट में जहां गुलाबी नगरी में
पब्लिक ट्रांसपोर्ट पर ध्यान दिया है, वहीं कोटा में फ्लाई ओवर बनाने की
बात भी कही है। इसके अलावा संग्रहालय व स्मारक बनाने को भी प्राथमिकता दी
है।
मुख्यमंत्री ने राजधानी जयपुर में बढ़ते प्रदूषण पर लगाम लगाने के लिए जयपुर में 40 इलेक्ट्रिक बसें चलाने की
घोषणा की है। इससे शहर में वायु प्रदूषण में भी कमी आएगी। इसके अलावा लोगों
के लिए पब्लिक ट्रांसपोर्ट में बढ़ोतरी होगी।
अगर
आखिर में कर प्रस्तावों की बात करें तो मुख्यमंत्री ने अपने बजट भाषण में
व्यापारियों की समस्याओं के त्वरित समाधान, सामाजिक सुरक्षा और सुझावों के
लिए व्यापारी कल्याण बोर्ड का गठन करने की घोषणा की है, इसके लिए
मुख्यमंत्री ने 10 करोड़ रुपये की प्रारंभिक राशि से व्यापारी कल्याण निधि
की स्थापना करने की घोषणा की है।
मुख्यमंत्री ने स्टांप ड्यूटी और
पंजीयन शुल्क में भी राहत दी है। मुख्यमंत्री ने अपने बजट भाषण में कहा कि
कर प्रस्तावों में लगभग 650 करोड़ रुपये से अधिक की राहत दी गई है और कोई
भी नया कर नहीं लगाया गया है।
मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का बजट भाषण देखने के लिए यहां क्लिक करें...
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