रूढि़वादी परम्पराओं की बेडिय़ों को तोड़ता ‘पैडमैन’

www.khaskhabar.com | Published : शुक्रवार, 09 फ़रवरी 2018, 1:53 PM (IST)

फिल्म : पैडमैन
निर्माता : ट्विंकल खन्ना
निर्देशक : आर बाल्की
कलाकार : अक्षय कुमार, राधिका आप्टे, सोनम कपूर


बॉलीवुड के खतरों के खिलाड़ी अक्षय कुमार की सैनिटरी पेड रेवोल्यूशन पर बनी फिल्म ‘पैडमैन’ आज सिनेमाघरों लग गई है। सैनिटरी नैैपकिन के विषय पर बनी पैडमैन बॉलीवुड की पहली ऐसी फिल्म है जो रूस, आईवरी कोस्ट और इराक में एक दिन रिलीज हो रही है। आर बाल्की की ‘पैडमैन’ एक ऐसे विषय वस्तु को ढूंढती है जो आजतक भारत में रूढि़वादी परम्पराओं की बेडिय़ों में जकड़ा हुआ है। बाल्की की ये कोशिश निश्चित रूप से सराहनीय है कि उन्होंने एक ऐसे विषय को अपनी फिल्म का विषय बनाया है।

आर.बाल्की निर्देशित पैडमैन रियल लाइफ हीरो अरुणाचलम मुरुगनांथम की कहानी पर आधारित है। मुरुगनांथम ने पैड बनाने वाली मशीन बनाई, जिससे महिलाओं को कम कीमत पर सैनिटरी नैपकिन उपलब्ध करवाए गए। पैडमैन के जरिये आर.बाल्की अरुणाचलम मुरुगनांथम की कहानी को अक्षय कुमार की बेहतरीन एक्टिंग के साथ सामने लाते हैं। मुरुगनांथम कोयंबटूर के एक सोशल एंटरप्रेन्योर हैं। उन्होंने भारत में महिलाओं के लिए कम कीमत वाले सैनिटरी नैपकिन बनाने की शुरुआत की। इसे लेकर उनका काफी विरोध हुआ, कई मुश्किलों का सामना करना पड़ा, मगर वह अपने काम में जुटे रहे। फिल्म में अक्षय कुमार की पत्नी बनीं राधिका आप्टे और उनके बीच की केमिस्ट्री काफी अच्छी दिखती है।

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कहानी :-
फिल्म की कहानी शुरू होती है मध्य प्रदेश के महेश्वर बेस्ड से जहां का रहने वाला साधारण सा इंसान लक्ष्मीकांत चौहान (अक्षय कुमार) रहता है। लक्ष्मीकांत चौहान में एक अच्छाई है कि वह सबकी मदद के लिए हमेशा तैयार रहता है। इसी वजह से लोग उसे पागल कहते हैं। फिर उसकी शादी गायत्री (राधिका आप्टे) से होती है, शादी के बाद उसे महिलाओं में होने वाली माहवारी के बारे में पता चलता है। वो गायत्री को होने वाली परेशानियों को काफी करीब से देखता है। एक दिन वो अपनी पत्नी को एक मैला कुचैला सा कपड़ा छिपाकर ले जाते हुए देखता है। वो कपड़ा इतना गंदा होता है कि उससे वो कभी अपनी साइकिल साफ करने का भी न सोच सके। लक्ष्मीकांत की लाख कोशिश के बावजूद उसकी पत्नी गंदे कपडे के बदले सैनेट्री नैपकिन इस्तेमाल नहीं करती है और इसके पीछे की बडी वजह होती है नैपकिन का महंगा होना और उससे जुडी रूढ़ीवादी परम्परा की कहानियां।
बस, उसी दिन लक्ष्मीकांत तय कर लेता है कि वो औरतों की माहवारी के लिए कुछ ऐसा करेगा जिससे उनकी तकलीफ को कम किया जा सके। लक्ष्मीकांत अपनी बहन, पत्नी और मां के लिए पेड बनाने की कोशिश करता है। लेकिन उसकी इस हरकत को लोग पागलपन कहते हैं। लोगों को ये एक जघन्य अपराध लगता है। गांव के सभी लोग इसका मिलकर विरोध करते हैं। लक्ष्मीकांत की पत्नी गायत्री भी उसे छोड़ के चली जाती है और उसके बाद बात तलाक पर भी आ जाती है।
फिर अपने जज्बे को पूरा करने के लिए लक्ष्मीकांत गांव से शहर जाता है जहां उसकी मुलाकात आईआईटी के प्रोफेसर की बेटी परी (सोनम कपूर) से होती है। तब उसके जुनून को एक तरह से पंछ मिल जाते हैं। उसके बाद कहानी में एक ट्विस्ट आता है। जिसे जानने के लिए आपका सिनेमाघर जाना जरूरी है। क्योंकि फिल्म वाकई शानदार है।

निर्देशन :-
बाल्की की ये फिल्म उनकी पिछली फिल्मों से काफी अलग है। कहने का मतलब ये है कि ‘पैडमैन’ उनके फिल्मोग्राफी में अब तक की सबसे सधी हुई फिल्म मानी जाएगी। एक अंडर डॉग की कहानी ने हमेशा से लोगों को लुभाया है और बॉक्स ऑफिस पर इस तरह की कहानी एक सुरक्षित दांव मानी जाती है। बाल्की के सामने जो चुनौती है वो फिल्म में साफ नजर आती है क्योंकि उन्हें दर्शकों को फिल्म के जरिए मनोरंजन के अलावा समाज में वर्जित एक विषय को भी अपनी कहानी में पिरोना है जो कहीं से भी उपदेश न लगे। माना जा रहा है कि बाल्की अपनी इस कोशिश में कामयाब जरूर हुए हैं।

एक्टिंग :-
पैडमैन के रूप में अक्षय कुमार ने सबका दिल जीत लिया। उनके इस सफर में जिंदगी के उतार चढ़ाव में आप लगातार उनके साथ बने रहते हैं। फिल्म के अंत में यूनाइटेड नेशन में दी गई स्पीच में एक एक्टर के रूप में अक्षय कुमार ने यादगार स्पीच दी है। सोनम कपूर छोटे से किरदार में अपनी छाप छोड़ जाती हैं। राधिका आप्टे एक बेहतरीन अभिनेत्री हैं वह अपने किरदार के लिए छोटे-छोटे काम तराशती है और अपने किरदार को मजबूत बनाती चली जाती हैं।