पूरक प्रश्नों के जवाब में मंत्री ने कहा-जल्द पहुंचेगा गांव और ढाणियों तक पेयजल

www.khaskhabar.com | Published : गुरुवार, 08 फ़रवरी 2018, 3:12 PM (IST)

नागौर/जयपुर। जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्री सुरेन्द्र गोयल ने गुरुवार को विधानसभा में कहा कि नागौर जिले के लिए प्रथम फेज में 1194 करोड़ और द्वितीय फेज में 2938 करोड़ रुपए के कार्य प्रगति पर हैं। उन्होंने कहा कि फेज द्वितीय के अंतर्गत ट्रांसमिशन इन्फ्रा के 1490 करोड़ रुपए के काम जल्द ही पूर्ण कर नागौर जिले के गांव एवं ढाणियों को पेयजल उपलब्ध करवा दिया जाएगा।

गोयल ने प्रश्नकाल के दौरान विधायकों की ओर से पूछे गए पूरक प्रश्नों का जवाब देते हुए कहा कि नागौर लिफ्ट परियोजना प्रदेश की वृहद पेयजल परियोजनाओं में से एक है। इसके लिए 4 हजार 132 करोड़ रुपए की स्वीकृति जारी हुई है। इसमें द्वितीय फेज में नागौर के 95 और खींवसर के 71 गांवों को लाभान्वित किया जा चुका है। तीसरे चरण में 61 गांवों के लिए स्वीकृति दी गई है, जिसे जून 2018 तक पूरा किया जाएगा। उन्होंने कहा कि नागौर के 14 गांव मार्च 2018 तक लाभान्वित होंगे।

जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री के माह अक्टूबर 2015 में नागौर प्रवास के दौरान दिए गए निर्देशों की पालना में विभाग द्वारा वृहद् परियोजनाओं से ढाणियों को जोड़ने के लिए एक नीति बनाई, जिसके अंतर्गत 101 से अधिक आबादी वाली सभी ढाणियों तथा पाइप लाइन अलाइंमेंट से 300 मीटर की दूरी की 50 से 100 आबादी वाली ढाणियों को लाभान्वित किया जाना प्रस्तावित है। इस नीति के अनुरूप नागौर जिले में वर्ष 2001 की जनगणना के अनुसार 1480 गांव की 3 हजार 578 ढाणियां आती हैं। इनमें से प्रथम चरण के अंतर्गत लगभग 1305 ढाणियां तथा द्वितीय चरण के अंतर्गत 1440 ढाणियां कुल 2745 ढाणियां नीति अनुरूप लाभान्वित किए जाने की श्रेणी में आती हैं। उन्होंने कहा कि 1 हजार 63 ढाणियों को इसमें और सम्मिलित किया गया है।

उन्होंने कहा कि प्रथम चरण के तीन पैकेज खींवसर, मूंडवा, कुचेरा और मेड़ता सिटी तथा द्वितीय फेज के प्रगतिरत जाडनू एवं कुचामन पैकेज के अंतर्गत नीति अनुरूप आने वाली ढाणियों का सर्वेक्षण तथा पैकेज बनाने के लिए 84 लाख रुपए व्यय करने की सैद्धान्तिक अनुमति वित्त विभाग द्वारा जारी की गई है और इस काम के लिए वेपकोस लिमिटेड को कार्यादेश भी जारी किया जा चुका है। वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता के अनुसार आगामी वषोर्ं में कार्य किया जाना प्रस्तावित है।

उन्होंने कहा कि नागौर और खींवसर के 27 गांवों में नहरी पानी के 20 लाख से ज्यादा रुपया बकाया हैं। उन्होंने कहा कि राशि जमा कराने के बाद इन गांवों में जल कनेक्शन पुनः शुरू करवा दिया जाएगा। उन्होंने सदन को मकराना, डेगाना, डीडवाना और परबतसर में अगस्त माह तक पेयजल व्यवस्था सुचारू करने का भी आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि कोई भी कंपनी या संवेदक परियोजना के कामों में देरी करता है तो विभाग नियमानसुर उस पर पेनल्टी भी लगाता है। उन्होंने कहा कि एक कंपनी पर 8 करोड़ 65 लाख रुपए की पेनल्टी भी लगाई है। उन्होंने कहा कि सरकार आमजन को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के लिए संकल्पबद्ध है।

इससे पहले विधायक हनुमान बेनीवाल के मूल प्रश्न के जवाब में गोयल ने बताया कि वर्ष 2001 की जनगणनानुसार विधान सभा क्षेत्र, खींवसर के समस्त 156 ग्राम एवं विधान सभा क्षेत्र, नागौर के कुल 103 ग्रामों में से 85 ग्रामों सहित नागौर जिले के कुल 494 ग्राम एवं 5 कस्बों (नागौर, बासनी, मुण्डवा, कुचेरा एवं मेड़ता) को इन्दिरा गांधी नहर आधारित नागौर लिफ्ट वृहद् पेयजल परियोजना से लाभान्वित किए जाने के लिए प्रथम चरण की परियोजना की मूल स्वीकृति अगस्त, 2006 में राशि रुपए 761.01 करोड़ एवं संशाधित योजना की स्वीकृति माह अप्रैल, 2016 में राशि रुपए 1194.26 करोड़ की जारी की गई।

उन्होंने कहा कि प्रथम चरण की उक्त स्वीकृत परियोजना के पैकेज द्वितीय के अंतर्गत विधान सभा क्षेत्र, खींवसर एवं नागौर के क्रमशः 95 एवं 71 ग्रामों को अब तक लाभान्वित किया जा चुका है। उन्होंने लाभान्वित ग्रामों की सूची सदन की मेज पर रखी।

जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्री ने बताया कि प्रथम चरण की उक्त स्वीकृत परियोजना के प्रगतिरत पैकेज तृतीय में विधान सभा क्षेत्र, खींवसर एवं नागौर के शेष क्रमशः 61 एवं 14 ग्रामों को क्रमशः माह जून, 2018 एवं मार्च, 2018 तक लाभान्वित करना अपेक्षित है। पैकेज तृतीय अंतर्गत माह जनवरी, 2018 तक 85 प्रतिशत कार्य पूर्ण हो चुका है तथा कार्यादेशित राशि रूपये 299.91 करोड़ के विरूद्ध रूपये 253.17 करोड़ की राशि व्यय की गई है।

उन्होंने कहा कि नागौर लिफ्ट वृहद् पेयजल परियोजना के स्वीकृत द्वितीय चरण के पैकेज संख्या 7 (कलस्टर डिस्ट्रीब्यूशन 4 - डेगाना) में सम्मिलित विधान सभा क्षेत्र, नागौर के शेष रहे 18 ग्राम सहित कुल 176 ग्रामों को लाभान्वित करने के लिए मैसर्स एल एण्ड टी, चेन्नई को 09 नंवबर 2017 को राशि रुपए 250.90 करोड़ का कार्यादेश जारी किया जा चुका है। कार्यादेश के अनुसार इन ग्रामों को 8 अगस्त 2020 तक लाभान्वित करना लक्षित है ।

गोयल ने प्रथम एवं द्वितीय चरण की उक्त परियोजनाओं में विधान सभा क्षेत्र, खींवसर एवं नागौर के लाभान्वित किए जाने वाले ग्रामों की सूची सदन के पटल पर रखी। उन्होंने कहा कि नागौर जिले में वर्ष 2001 की जनगणनानुसार कुल सम्मिलित 3758 ढाणियों में से 2745 ढाणियों को विभागीय नीति अनुरूप (100 एवं 100 से अधिक जनसंख्या वाली समस्त तथा वितरण पाइप लाइन के रास्ते से 300 मीटर की दूरी तक आने वाली 50 से 99 तक जनसंख्या वाली ढाणियां) लाभान्वित किया जाना है।

उन्होंने बताया कि परियोजना के प्रथम चरण में विधान सभा क्षेत्र, खींवसर एवं नागौर की प्रारम्भिक अनुमान अनुसार क्रमशः 688 एवं 346 ढाणियों सहित कुल 1305 ढाणियां तथा द्वितीय चरण में विधान सभा क्षेत्र, नागौर की 83 ढाणियों सहित 1440 ढाणियों को लाभान्वित करना प्रस्तावित है। उन्होंने बताया कि प्रथम चरण के अंतर्गत लाभान्वित की जाने वाली समस्त 1305 ढाणियां एवं द्वितीय चरण की शेष 377 ढाणियों (विधान सभा क्षेत्र नागौर की 83 ढाणियों सहित कुल 1063 ढाणियों को कलस्टर कायोर्ं के साथ लाभान्वित करना स्वीकृत) के सर्वेक्षण एवं पैकेज बनाने के कार्य के लिए भारत सरकार के उपक्रम वेपकोस लिमिटेड को राशि रुपए 93.10 लाख का कार्यादेश 8 जनवरी 2018 को जारी किया जा चुका है तथा यह कार्य 6 माह में पूर्ण करना अपेक्षित है। सर्वेक्षण उपरान्त तैयार विस्तृत परियोजना रिपोर्ट की स्वीकृति पर वित्तीय संसाधनों की उपलब्धतानुसार स्वीकृति पर विचार संभव हो सकेगा।

जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्री ने बताया कि खींवसर एवं नागौर के क्रमशः 18 एवं 9, कुल 27 ग्रामों में ग्राम जल एवं स्वच्छता समिति द्वारा बकाया जल राजस्व राशि विभाग में जमा नहीं के कारण तथा क्रमशः 8 एवं 6, कुल 14 ग्रामों से संबंधित ग्राम जल एवं स्वच्छता समिति द्वारा उनके अनुरोध पर पेयजल आपूर्ति वर्तमान में बंद है। अतः इसके लिए कोई जिम्मेदार नहीं है। उन्होंने बताया कि नागौर लिफ्ट पेयजल परियोजना के स्वीकृत प्रथम एवं द्वितीय चरण में ग्रामीण जल को सुलभ तरीके से स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने के लिए प्रत्येक ग्राम में 250 जन पर 1 पी.एस.पी. लगाने का प्रावधान स्वीकृत है तथा इसी अनुरूप ग्रामों में पी.एस.पी. स्थापित की गई जा रही हैं।

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