देश में खाद्य तेलों की पूर्ति के लिए बढ़ाना होगा तिलहन का उत्पादन : आनंद सिंह

www.khaskhabar.com | Published : शनिवार, 03 फ़रवरी 2018, 11:26 PM (IST)

भरतपुर। सरसों अनुसंधान निदेशालय के 24वें सरसों विज्ञान मेले का शुभारम्भ भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद नई दिल्ली के उपमहानिदेशक (फसल विज्ञान) डॉ. आनंद कुमार सिंह के मुख्य आतिथ्य में हुआ। इस अवसर पर मुख्य अतिथि ने कहा कि देश में खाद्य तेलों की पूर्ति के लिए तिलहन का उत्पादन बढ़ाना होगा। देश में खाद्य तेलों की आवश्यकता की पूर्ति करने के लिए काफी मात्रा में आयात करना पड़ता है, इसलिए आवश्यकता है कि आज किसान वैज्ञानिक तरीके से खेती करें। खेती में वैज्ञानिक तकनीकों का समावेश करें, ताकि खेती की लागत को कम करके उत्पादकता को बढ़ाया जा सके। उन्होंने कहा कि सरकार किसानों को लागत से डेढ़ गुना अधिक मूल्य प्रदान करने की योजना बना रही है, जिससे किसानों को लाभ होगा।

इस दौरान कृषि सहकारिता एवं किसान कल्याण विभाग नई दिल्ली के अतिरिक्त आयुक्त (तिलहन) डॉ. अनुपम बारिक ने कहा कि राई, सरसों की फसल सभी तिलहनी फसलों में महत्वपूर्ण है। इनका खाद्य तेल उत्पादन में सर्वाधिक योगदान है। उन्होंने कहा कि तिलहन को बढ़ावा देने के लिए देश में तिलहनी मेलों का आयोजन किया जा रहा है, ताकि किसानों को उन्नत तकनीक अपनाने की प्रेरणा मिल सके। इस अवसर पर निदेशालय के निदेशक डॉ. पी.के. राय ने कहा कि राई-सरसों फसल का भारतीय आर्थिक व्यवस्था में एक विशेष स्थान है। देश में वैज्ञानिकों द्वारा विकसित उन्नत किस्मों एवं तकनीकों को किसानों द्वारा अपनाकर तिलहनों में भी आत्मनिर्भरता प्राप्त करना संभव है।

इस अवसर पर कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक योगेश शर्मा, उप निदेषक (कृषि) देशराज सिंह, अधिष्ठाता, कृषि महाविद्यालय, कुम्हेर के डॉ. अमरसिंह एवं कृषि अनुसंधान उपकेन्द्र के प्रभारी डॉ. उदयभान सिंह ने भी विचार व्यक्त किए। इस अवसर पर अतिथियों ने पांच तकनीकी प्रसार पत्रकों का विमोचन किया और सरसों अनुसंधान निदेशालय द्वारा किसानों एवं सरसों पौधा प्रतियोगिता के विजेताओं और राई-सरसों के शोध एवं उन्नत तकनीकों के प्रचार-प्रसार में उल्लेखनीय योगदान के लिए वीरेश मल्टीपरपल फार्मर्ड प्रोड्यूसर कम्पनी लिमिटेड, भरतपुर एवं उत्थान मस्टर्ड प्रोड्यूसर कम्पनी लिमिटेड भरतपुर को प्रशस्ति पत्र प्रदान किया।

इस अवसर पर सरसों अनुसंधान निदेशालय के विभिन्न अनुभागों की ओर से सरसों की उन्नत खेती की जानकारी देने के लिए प्रदर्शनी लगाई गई। मेले में कृषि कार्यकर्ताओं सहित 1500 किसानों ने भाग लिया। कार्यक्रम का संचालन प्रधान वैज्ञानिक डॉ. पंकज शर्मा ने किया।



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