केंद्र और राज्य द्वारा संयुक्त रूप से निष्पादित की जाएगी स्वास्थ्य सुरक्षा योजना

www.khaskhabar.com | Published : शुक्रवार, 02 फ़रवरी 2018, 10:16 PM (IST)

नई दिल्ली। वित्त वर्ष 2018-19 के बजट में घोषित स्वास्थ्य सुरक्षा योजना के बारे में सरकार ने शुक्रवार को कहा कि इसे केंद्र और राज्य द्वारा संयुक्त रूप निष्पादित किया जाएगा, और इस योजना को पूरा करने में पहले वर्ष में कुल 10 हजार करोड़ रुपए की लागत आएगी।

आर्थिक मामलों के सचिव सुभाष चंद्र गर्ग ने कहा कि अगले वित्त वर्ष की पहली तिमाही में योजना के अंतर्गत काफी विशिष्टता समाहित की जाएगी।

गर्ग ने आईएएनएस को बताया, "राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना(आरएसबीवाई) और स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से दिए आंकड़े के अनुसार, इस बात का विश्वास है कि यह केंद्र और राज्य की साझा परियोजना होगी। इसमें अगले वर्ष चार हजार करोड़ रुपए की जरूरत होगी।"

उन्होंने स्पष्ट किया कि इस परियोजना में पहले वर्ष पूरा खर्च लगभग आठ हजार करोड़ रुपए से 10 हजार करोड़ रुपए के बीच आएगा, जिसमें केंद्र सरकार लगभग चार हजार करोड़ रुपए वहन करेगी।

सचिव ने कहा कि यह परियोजना गरीब और निम्न मध्यमवर्गीय परिवार को कवर करेगी, जिसकी पहचान या तो सामाजिक-आर्थिक सर्वेक्षण या फिर गरीबी रेखा के आधार पर की जाएगी।

गर्ग ने कहा कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना (आरएसबीवाई) के उलट, इस योजना में स्वास्थ्य कवरेज स्वत: हो जाएगा। लोगों को इसके लिए आवेदन दाखिल करने की जरूरत नहीं है। आरएसबीवाई की तुलना में इस योजना की एक और सुंदरता है कि यहां सबका पंजीकरण किया जाएगा।

गर्ग ने कहा, "इस तरह का कवरेज सरकार मुहैया कराएगी।"

उन्होंने साथ ही कहा कि 'विशिष्ट बीमारियों(स्पेशिफिक इलनेस)' के लिए 10 करोड़ परिवारों को कवर किया जाएगा और इसके लिए अस्पतालों को पांच लाख रुपये दिए जाएंगे।

विशिष्ट बीमारियों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, "ये एक प्रकार की आपात स्थितियां हैं, जिसनके कारण कई परिवार गरीबी में डूब जाते हैं।"

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