JLF 2018 : मुझे दिल्ली के लिए भाजपा सरकार का भी साथ मिला था : शीला दीक्षित

www.khaskhabar.com | Published : शनिवार, 27 जनवरी 2018, 5:51 PM (IST)

जयपुर। दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित का कहना है कि जब वे मुख्यमंत्री थी तो उस समय प्रधानमंत्री थे अटल बिहारी वाजपेयी। वे कहते थे कि दिल्ली के हित की जो भी बात है, वह हमारे हित की भी है, क्योंकि हमारी सरकार भी यहीं बैठती है। उस समय जो आपसी समझ थी, वह आज नहीं है और इसीलिए आज दिल्ली रुक गई है। इसमें कुछ भी नया नहीं जुड़ रहा है। मुझे नहीं पता कि समझ बन पाएगी या नही, लेकिन बननी जरूर चाहिए।

जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल में दिल्ली की पूर्व सीएम शीला दीक्षित ने अपनी किताब सिटीजन डेल्ही माई टाइम माई लाइफ के विमोचन के बाद पत्रकार और एंकर विनोद दुआ से बात करते हुए दिल्ली में अपनी जीवन यात्रा और सरकार में अपने अनुभवों को खुल कर जाहिर किया। उन्होंने कहा कि मुझे दिल्ली के लिए केन्द्र की भाजपा सरकार का भी साथ मिला और उत्तर प्रदेश की मायावती सरकार का भी, क्योंकि दिल्ली के विकास को कोई रोकना नहीं चाहता था। सब मिल कर काम कर रहे थे। उन्होंने कॉमन वेल्थ गेम्स की बात भी की और कहा कि उस समय की केन्द्र सरकार के दो मंत्रियों ने हमें किसी भी तरह की सहायता देने से मना कर दिया था, लेकिन यह देश का सवाल था और हमने खुद सारी व्यवस्था की। आज मैं दावे के साथ कह सकती हूं कि ये अब तक के सबसे अच्छे कॉमनवेल्थ गेम्स थे, लेकिन किसी ने हमें धन्यवाद नहीं दिया और तारीफ भी नहीं होने दी गई।

शीला दीक्षित ने कहा कि मेरा सब कुछ दिल्ली में है। दिल्ली मेरे लिए आशा है, सपना है और जो दिल्ली ने दिया वह मुझे कहीं और नहीं मिल सकता था। मेरे बचपन की दिल्ली बहुत शांत थी और यहां बहुत कम चीजें हुआ करती थीं। लोग कहते थे कि आप तो यहां गंवारों की तरह रहते हो। लाइफ देखनी है तो मुंबई या कोलकाता जाइए। आज तो दिल्ली कल्पना के परे जाकर बदल गई।

पति ने बस में किया था प्रपोज

अपनी युवावस्था को याद करते हुए शीला दीक्षित ने बताया कि वे मिरांडा हाउस में पढ़ती थीं और उनके कॉलेज और सेंट स्टीवंस कॉलेज के लिए एक ही बस चलती थी। दोनों कॉलेजों में बड़ा प्यार का रिश्ता था। मेरे पति ने मुझे इस बस में ही प्रपोज किया था। बात चलती रही, क्योंकि उस जमाने में हम माता-पिता की आज्ञा के बिना शादी नहीं कर सकते थे, फिर हमारा अंतरजातीय विवाह था, लेकिन यह हो गया।

राजीव ने पूछा था कि मै आपके लिए क्या कर सकता हूं

शीला दीक्षित ने बताया कि पति की मौत के बाद राजीव गांधी मुझे ढांढ़स बंधाने आए थे और उन्होंने पूछा था कि मैं आपके लिए क्या कर सकता हूं। तो मैंने उन्हें कहा था कि मुझे बहुत व्यस्त बना दीजिए। उन्होंने मुझे अपने साथ प्रधानमंत्री कार्यालय में लगा लिया, हालांकि मैं यह चाहती नहीं थी, क्योंकि मैं जानती थी, लोग बहुत जलेंगे, पर मुझे उस स्थिति से उबरने में काफी सहायता मिली।

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