राजकीय कैलंडर में राजस्थान की झीलों ने बनाई जगह

www.khaskhabar.com | Published : शनिवार, 27 जनवरी 2018, 2:30 PM (IST)

उदयपुर। राजस्थान सरकार के वार्षिक कैलंडर में इस बार जलसंरक्षण के पारंपरिक स्रोतों की अहमियत बताई गई है।

सरकार के वार्षिक कैलंडर में प्रदेश की झीलों ने अपनी जगह बनाई है। इससे पहले सरकारी कैलंडर में धोरों को दर्शाया गया था। लेकिन इस बार जलसंग्रहण के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए झील थीम को चुना गया।

राज्य केंद्रीय मुद्रणालय में मुद्रित राजकीय कैलंडर में प्रदेश की झीलों का नजारा दिखाया गया है। कैलंडर में झीलों की नगरी उदयपुर की 5 झीलों सहित मेवाड़ की प्रमुख झीलों को खास दर्जा दिया गया है। कैलंडर में बताया है कि जल संरक्षण राजस्थान की परंपरा रही है।

ये झीलें बता रही हैं राजस्थान की जल संरक्षण परंपरा

नक्की झील (माउंट आबू), सिलीसेढ़ झील (अलवर), पुष्कर झील, आना सागर ,फाई सागर (अजमेर), सांभर झील (जयपुर), बडाेपल झील, गजनेर झील (बीकानेर), गडसीसर झील (जैसलमेर), पचभद्रा झील (बाड़मेर), मानसागर (जयपुर-आमेर मार्ग पर), काडिला एवं मानसरोवर झील (झालावाड़), बुड्डा जोहड़ झील (श्रीगंगानगर), सरदार समंद झील, कायलाना झील, बालसमंद (जोधपुर), जयसमंद (अलवर), कोलायत झील (बीकानेर), रानीसर-पद्मसर (मेहरानगढ़ के पास),नवल सागर झील, जैतसागर,दुगारी झील (बूंदी) और किशोर सागर (कोटा)।

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