राजपथ पर संगत और पंगत विचारधारा की महानता पेश करेगी पंजाब की झांकी

www.khaskhabar.com | Published : गुरुवार, 25 जनवरी 2018, 5:59 PM (IST)

चंडीगढ़। पंजाब सरकार द्वारा कल नई दिल्ली के राजपथ में होने वाली गणतंत्र दिवस परेड -2018 अवसर पर अपने तरफ से पेश की जाने वाली झाँकी में ‘संगत और पंगत’ की विचारधारा को रूपमान करने के साथ ही इस के संदेश को विभिन्न धर्मों के लोगों तक भी पहुंचाया जायेगा।
इस विचारधारा की आधुनिक युग में प्रासंगिकता ओैर भी बढ़ जाती है जबकि मानवता आपसी झगड़ों की शिकार है। ऐसे समय यह विचारधारा शांतिपूर्वक ढंग से रहने और सारी मानवता को एक समझने की शानदार मिसाल है।
सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि राज्य सरकार की झाँकी में महान गुरू साहिबान की शिक्षाओं के मुताबिक समस्त मानवता के एक होने को दिखाया जायेगा। इस झाँकी में यह दिखाया जायेगा कि कैसे इंसानियत के ऊँचे और शुद्ध सिद्धांतों अनुसार संगत (लोगों की एकत्रता) बिना किसी धर्म, जाति, लिंग, नसल या रंग के भेदभाव से इक पंगत (एक पंक्ति) में बैठ कर लंगर छकती है। प्रवक्ता ने बताया कि इस झाँकी के अगलेे हिस्से (ट्रैक्टर) में यह भी बखूबी दिखाया जायेगा कि कैसे पूर्ण श्रद्धा भावना के साथ ‘लंगर’ तैयार किया जाता है और ट्रेलर हिस्से में संगत को लंगर छकते हुए दिखाया जायेगा। ‘संगत और पंगत’ की यह नवीन विचारधारा सिख धर्म का धुरी है और 15वीं सदी से इंसानियत का मार्गदर्शन देती आ रही है। पहले पातशाह श्री गुरु नानक देव जी महाराज ने ‘लंगर’ प्रथा शुरू की और यह प्रथा एक विचारधारा का रूप धारण करती हुई सारी मानवता को अमन, सांप्रदायिक सदभावना और एक समानता की नैतिक मूल्यों पर पहरा देने के लिए प्रेरित करती आ रही है। यह ध्यान देने योग्य है कि मुग़ल बादशाह अकबर को भी तीसरी पातशाही श्री गुरु अमरदास जी महाराज के दर्शन करने से पहले लंगर प्रथा के नियमों का पालन करते हुए संगत के साथ पंगत में आम आदमी की तरह बैठ कर लंगर छकना पड़ा था।
संगत और पंगत की यह विचारधारा आपसी विश्वास, प्रत्येक के लिए दया, शांतिपूर्वक एक -दूसरे के साथ रहना और सांप्रदायिक सदभावना का संदेश देती आ रही है जो कि महान गुरू साहिबान की शिक्षाओं का धुरी है। इस झाँकी के पिछले हिस्से में शब्द ‘ना को बैरी नही बिगाना सगल संगि हम काअू बनि आई’ का कीर्तन श्री दरबार साहिब, अमृतसर के पूर्व हज़ूरी रागी पद्मश्री भाई निर्मल सिंह द्वारा किया गया है।

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