जयपुर। सुप्रीम कोर्ट की मंजूरी के बावजूद संजय लीला भंसाली कृत फिल्म पद्मावत आखिर राजस्थान में रिलीज नहीं हो सकी। श्रीराजपूत करणी सेना की धमकी के आगे राज्य सरकार, सिनेमाहॉल मालिक सब नतमस्तक हो गए। इसे उनका भय कहेंगे या पुलिस प्रशासन से नाउम्मीदी, राजपूत करणी सेना के आगे सभी ने घुटने टेक दिए। सिनेमाहॉल मालिक तो यहां तक कह रहे हैं कि जब तक करणी सेना इजाजत नहीं देगी, तब तक फिल्म पर्दे पर नहीं उतरेगी।
फिल्म डिस्ट्रीब्यूटर्स व सिनेमा हॉल मालिकों की इन बातों से साफ झलकता है कि उनमें करणी सेना से कितना भय घर कर गया है। इस भय का कारण सरकार के मुखिया का वो बयान भी है, जिसमें कहा गया था "सिनेमाहाॅल मालिक फिल्म न ही लगाएं तो अच्छा है।" हालांकि उन्होंने यह भी कहा था कि वे फिल्म लगाएंगे तो सुरक्षा मुहैया कराई जाएगी। अब सिनेमाहॉल वाले इशारा समझ गए। कि फिल्म नहीं लगाने में ही भलाई है। लिहाजा राजस्थान प्रदेश के 179 सिनेमाघर आज फिल्म की बांट जोहते नजर आए।
हालांकि फिल्म के विरोध में कई राज्यों में हुई हिंसा को देखते हुए प्रदेश की पुलिस को अलर्ट किया गया है। पुलिस ने चाकचौबंद व्यवस्था कर रखी है। हर नुक्कड़-चौराहे पर पुलिस मौजूद रही। पुलिस मुख्यालय ने सभी एसपी व रेंज आईजी को सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने के
लिए विशेष निर्देश दे रखे हैं। भले ही कोई सिनेमाघर संचालक फिल्म नहीं दिखा रहे हैं, फिर भी सिनेमाघरों के आसपास जाप्ता तैनात किया गया है। सिनेमाघरों के आसपास धारा 144 लागू है।
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इतना सब होने के बावजूद भी करणी सेना के लोग गुंडई करते हैं तो पुलिस उनसे
अपराधियों जैसा व्यवहार करेगी। जयपुर पुलिस कमिश्नर संजय अग्रवाल ने कहा कि
कानून-व्यवस्था
बिगाड़ने का किसी को भी अधिकार नहीं है। पद्मावत फिल्म के मामले में अगर
कोई कानून
व्यवस्था बिगाड़ेगा तो उससे सख्ती से निबटा जाएगा।
विराेध ऐसा जैसे आतंकवादी घटना
पद्मावती
के विरोध प्रदर्शन के लिए देशभर में पिछले दिनों जो हुआ वो ऐसा ही लगा जैसे
कोई आतंकवादी घटना हो गई हो। सड़कों पर वाहनों को फूंक दिया गया। बच्चों की
स्कूल बसों पर हमला किया गया। ऐसा ही विरोध बलात्कारी बाबा रामरहीम के
समर्थकों ने पंचकुला मेंं किया था।
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