मनोज कुमार शर्मा
नई दिल्ली। चुनाव आयोग द्वारा आम आदमी पार्टी के 20 विधायकों को अयोग्य ठहराए जाने के बाद से ही दिल्ली में सियासत का बाजार गर्म हो चुका है। आप के जिन विधायकों का अयोग्य ठहराया गया है उन पर आरोप है कि वे सभी विधायकी के अलावा अन्य लाभ के पदों पर थे।
एक ओर अपने 20 विधायकों की विधायकी जाने के बाद आम आदमी पार्टी बैकफुट पर दिखाई दे रही है तो वहीं अन्य पार्टियां जिनमें कांग्रेस और बीजेपी शामिल है अपने-अपने राजनीतिक लाभ लेने में जुट गई है। सियासी भाषा में कहें तो दोनों ही पार्टियां जुगाड़ जमाने में जुट गई हैं। इन पार्टियों ने तो इन 20 सीटों पर चुनाव होने तक की संभावनाओं पर विचार शुरू कर दिया है।
कांग्रेस ने याद किए हारे हुए सिपाही
आम आदमी पार्टी के विधायकों को अयोग्य ठहराने के आदेश के बाद सबसे पहले कांग्रेस पार्टी सक्रिय हुई। दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष अजय माकन ने पार्टी के उन सभी सीटों के हारे हुए कांग्रेस उम्मीदवारों को बुलावा भेजा है। इन सभी से गहन मंथन कर माकन चुनावी संभावनाओं पर चर्चा करेंगे। सुनने में तो यहां तक आ रहा है कि कांग्रेस आलाकमान ने भी माकन से सम्पर्क साधा है और मामले पर गहरी नजर रखते हुए उचित निर्णय लेने के बारे में कहा है।
बीजेपी की गुप्त नीति
बीजेपी भी इस मामले में कहां पीछे रहने वाली थी। दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष मनोज तिवारी भी गुपचुप रणनीति बनाने में जुट गए हैंं। इस मामले में बीजेपी की रणनीति थोड़ी स्मार्ट रही है वह खुलकर कुछ नहीं कर रही है। लेकिन सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बीजेपी ने इस सीटों पर खड़े हुए अपने प्रत्याशियों से सम्पर्क साधा है।
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