रोज बच्चों से कहना न भूलें ये 5 बातें

www.khaskhabar.com | Published : बुधवार, 13 अप्रैल 2016, 5:30 PM (IST)

कहते है बच्चे भगवान का रूप होते है, अगर ताह उम्र अच्छे से ख्याल न रख जाए तो वे गलत राह पकड़ सकते है। इसलिए ऐसे में जरुरी है कि आप अपने बच्चों का पूरी तरह से ख्याल रखें, फिर चाहे वो लड़का हो लड़की। दोनों को समान तरीके से प्यार करें, जिससे भेदभाव कि भावना दोनों को घेरने न पाए। जैसे एक पेड़ को बड़ा करने के लिए उसे पानी, धुप व खाद से सींचा जाता है, ठीक वैसे ही जीवन में माता- पिता बनने के बाद बच्चों को अच्छी अच्छी बातों से बड़ा किया जाता है। ऐसा करने से न सिर्फ आप बच्चों के बेस्ट फ्रेंड बनेंगे बल्कि वे आपको अपनी छोटी से छोटी बात भी बताएंगे। इसलिए आज हम माता- पिता के लिए कुछ ऐसी बातें सामने लाएं है, जिन्हे रोज़ बच्चों को बोलना चाहिए, इन बातों से न सिर्फ बच्चों का कॉन्फिडेंस बढ़ता है बल्कि उनके और आपके बीच प्यार भी बढ़ता है और वे सुरक्षित रहते है।

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हमें तुम पर गर्व है

अक्सर बच्चे बढ़ती उम्र में कामों को ठीक से नहीं कर पातें और मायूस ही जाते है। ऐसे बच्चों का मनोबल बढ़ाने के आप रोज़ बच्चों को गर्व करने कि बात कहेंगे, तो वे अपने हर काम निपुणता से करेंगे, इसके साथ साथ उनका आत्मा विश्वास भी बढ़ेगा।

उन्हें रोज बताईये कि आप उनसे प्यार करते है

आज के जमाने में जब बच्चे बड़े हो जाते तो वे फैसले लेने में खुद को सक्षम समझते है, जिससे वे कभी कभी मुसीबत की चपेट में आकर गलत काम कर जाते है। अच्छा रहेगा कि आप रोज़ उन्हें अपने प्यार का एहसास करवाएं, जिससे वो जीवन में होने वाली हर स्थिति से पहले आपका ख्याल करें और आपके पास दौड़े चले आए। इस प्रकार से कभी भी वे जीवन में फसेंगे नहीं और सुरक्षित रहेंगे।

रोज़ उनपर अपना भरोसा जताइए

अक्सर माता पिता बच्चों डांटने के चक्कर में भूल जाते है कि उनके दिल को कितनी ठेस पहुंचेगी। डांटने कि बजाए उनपर अपना भरोसा जताइए जिससे उनके दिल को ठेस न पहुंचे और आप जो उन्हें समझाना चाहते है वे समझ भी जाए। ऐसा करने से आपके बच्चे के मन में आपके प्रति गलत भावना नहीं आएगी और वे सदैव आपकी देख रेख में रहेंगे।

उनकी राय लेना न भूलें

कहते है घर के सभी सदस्यों की राय लेना जरुरी होता है, फिर चाहे वो घर के बच्चे ही क्यों न हो। अपनी छोटी से छोटी चीज़ों में अपने बच्चों की राय को शामिल करें, जिससे उन्हें आपके साथ कि आदत पड़ेगी और वे अपनी चीज़ों में आपकी राय लेना शुरू करेंगे।

उनके कदम लड़खड़ाने पर, उन्हें समझाएं

अक्सर बच्चे जब बड़े हो जाते हैं तो अपनी छोटी से छोटी गलतियों पर मायूस हो जाते है, जिससे उनका मनोबल टूटता है। इसलिए जरुरी है कि उनके कदम लड़खड़ाने पर उन्हें संभालें और बताएं कि वे जितना गिरेंगे, उतना ही सीखेंगे , इसका मतलब ये नहीं के वे मायूस हो जाएं । उन्हें हमेशा अपने साथ होने का एहसास दिलाएं।