संविधान की पवित्रता भंग कर रही मोदी की RSS सरकार : मायावती

www.khaskhabar.com | Published : सोमवार, 15 जनवरी 2018, 11:13 PM (IST)

लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की प्रमुख मायावती ने न्यायपालिका में आपसी मतभेद के लिए परोक्ष रूप से केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि केंद्र सरकार भाजपा की नहीं, आरएसएस की सरकार है, जिसकी विघटनकारी सोच संविधान की पवित्रता को भंग कर रही है।
मायावती ने यहां सोमवार को पार्टी मुख्यालय में अपना 62वां जन्मदिन मनाया। इसी मौके पर अपनी किताब ‘मेरा जीवन और संघर्ष’ का विमोचन किया।

पूर्व मुख्यमंत्री ने प्रेस वार्ता में कहा, ‘‘मोदी सरकार के मंत्री संवैधानिक व कानूनी-व्यवस्था को तहस-नहस करने में सक्रिय हैं। तभी तो मोदीजी के मंत्री यह कहने से गुरेज नहीं करते कि बहुत जल्द ही देश के संविधान को बदल दिया जाएगा। ऐसा कहने वाले मंत्री को तुरंत बर्खास्त किया जाना चाहिए था, लेकिन ऐसा नहीं किया गया, क्योंकि प्रधानमंत्री आरएसएस के दबाव में हैं। आरएसएस तो ऐसे मंत्री को विशेष तौर से सम्मानित ही करेगा।’’

उन्होंने कहा, ‘‘मोदी सरकार व भाजपा जातिवादी व कट्टरवादी जहरीले तत्वों से भरी पड़ी हुई है। ऐसे ही मंत्री व नेताओं की सोच व मंशा को ध्यान में रखकर संविधान निर्माता डॉ. अम्बेडकर ने कहा था कि कोई भी संविधान अच्छा या बुरा नहीं होता, बल्कि संविधान का अच्छा या बुरा होना इस बात पर निर्भर करता है कि उस पर अमल करने वाले लोग कैसे हैं। उनकी नीयत अच्छी है या बुरी।’’

बसपा अध्यक्ष ने कहा कि अब वास्तव में प्रधानमंत्री मोदी की सरकार भाजपा व एनडीए की सरकार न होकर पूरे तौर से आरएसएस की सरकार होकर रह गई है। यह सरकार आरएसएस की नफरत व विघटनकारी सोच के मुताबिक ही अब संवैधानिक व लोकतांत्रिक संस्थानों को भी किसी न किसी प्रकार से प्रभावित करके हर वह काम करने की कोशिश कर रही है, जो संविधान की मंशा के खिलाफ है और उसकी पवित्रता को भंग करता है।

उन्होंने चिंता जताते हुए कहा कि ऐसी चुनौतीपूर्ण स्थिति में देश की संवैधानिक व लोकतांत्रिक संस्थाएं अपनी असली जिम्मेदारी किस हद तक निभा पाएंगी, यह तो आगे आने वाला वक्त ही बताएगा। लेकिन यह भी एक ऐतिहासिक सच है कि एक समय में जब विपक्ष लगभग न के बराबर रह गया था, उस समय न्यायपालिका विपक्ष की भूमिका अदा कर रहा थी और देश निश्चिंत था कि अपने देश में लोकतंत्र की जड़ें काफी मजबूत हैं, लेकिन अब न्यायपालिका खुद ही आपस में भिड़ी हुई है और इसके लिए परोक्ष रूप से मोदी सरकार जिम्मेदार। यह स्थिति देश के लिए काफी चिंताजनक है।

--आईएएनएस


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