पराली खत्म करने के लिए बायो मास व बायो सीएनजी के लिए IOC से MOU

www.khaskhabar.com | Published : सोमवार, 15 जनवरी 2018, 5:15 PM (IST)

चण्डीगढ़। पंजाब में अब जल्द पराली जलाने की समस्या खत्म होने वाली है। इसके लिए राज्य सरकार ने बायो मास और बायो सीएनजी स्थापित करने के लिए इंडियन ऑयल कारपोरेशन
के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिेदर सिंह के नेतृत्व अधीन सरकार ने राज्य में बायोगैस और बायो सीएनजी प्लांटों की स्थापना करने के लिए भारतीय तेल निगम (आई.ओ.सी.) लि. से एक समझौता पर हस्ताक्षर (एम.ओ.यू.) किये।

मुख्यमंत्री की हाजिऱी में आई.ओ.सी. ने पंजाब ब्यूरो आफ इंडस्ट्रियल प्रमोशन (पी.बी.आई.पी.) और पंजाब ऊर्जा विकास अथॉरटी (पेडा) से समझौता पर हस्ताक्षर किये। इस से राज्य सरकार द्वारा दीं जाने वाली स्वीकृतियां और रियायतों पी.बी.आई.पी. द्वारा मुहैया करवाई जाएंगी जबकि तकनीकी सहयोग के लिए पेडा को नामज़द किया गया।

नयी तकनीक पर अधारित इन प्लांटों को स्थापित करने के लिए 5000 करोड़ का निवेश होगा और इन से लगभग 4000 लोगों को रोजग़ार के अवसर हासिल होंगे। वर्ष 2018 में 42 प्लांट शुरू किये जाएंगे जिनकी संख्या आगामी तीन -चार वर्षो में बढ़ कर 400 के करीब हो जायेगी जो कि देश में एक बड़ा प्रोजैक्ट होगा। इस प्रोजैक्ट के अंतर्गत स्थापित होने वाले 400 प्लांट वार्षिक 10 मिलियन टन बायो -गैस की खपत करेंगे और वार्षिक 1400 मिलियन किलो सी.एन.जी. और 6000 मिलियन किलो खाद की पैदावार होगी। आई.ओ.सी. के सी.जे.एम. सुबोध कुमार ने प्रोजैक्ट की क्षमता को दर्शाया जिससे 18 से 20 प्रतिशत लाभ बढऩे की उम्मीद है। बायो-मास को बायोगैस और बायो -सी.एन.जी. में तबदील करने वाले इन प्लांटों की स्थापना से पराली को जलाने की समस्या से छुटकारा मिलने के साथ-साथ किसानों के लिए अतिरिक्त आय भी पैदा होगी। यह प्रोजैक्ट ग्रामीण क्षेत्रों में रोजग़ार पैदा करने में सहायक होगा और साथ ही प्राकृतिक ढंगों से तैयार हरी खाद खेतों की मिट्टी को ओर सेहतमंद बनाएगी।

मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने सुझाव दिया कि बेरोजग़ार नौजवानों की सोसायटियां बना कर राज्य सरकार की मदद से उनको इस प्रोजैक्ट के अंतर्गत यूनिट स्थापित करने के लिए उत्साहित किया जाये और इंडियन आयल कारपोरेशन यूनिट की पैदावार की बिक्री करवाए। कारपोरशन के मुख्य जनरल मैनेजर ने इस सुझाव संबंधी संभावनाओं का समर्थन किया।
इस प्रोजैक्ट के अंतर्गत यूनिट स्थापित करने के लिए आवश्यक स्थलों की पहचान के लिए पंजाब सरकार हर संभव सहयोग देने के साथ-साथ राज औद्योगिक और व्यापार विकास नीति 2017 और राज्य नयी और नवीनीकरण योग्य ऊर्जा के स्रोतों नीति -2012 के अंतर्गत प्लांटों पर लागू होती रियायतों और लाभ भी मुहैया करवाए जाएंगे। पेडा द्वारा इंडियन आयल सभी शर्तों सम्पूर्ण करने के उपरांत खाद आदि को बेचने की स्वीकृति हासिल करेगा।

वित्तमंत्री मनप्रीत बादल ने सुझाव दिया कि पेडा को इस प्रोजैक्ट के लिए नोडल एजेंसी लगा कर प्लांटों की स्थापना के लिए योग्य तालमेल के लिए अलग तौर पर नोडल अधिकारी तैनात किया जाये। इंडियन आयल कारपोरेशन के अधिकारियों अनुसार इस तकनीक के लिए ऊर्जा और पौष्टिक तत्वों की नामात्र ज़रूरत रहती है। उन्होंने कहा कि इस तकनीक के अंतर्गत बहुत कम क्षेत्र की ज़रूरत पड़ती है और समुची प्रक्रिया बंद ढोल के आकार वाले ढांचे में चलेगी। यह प्रक्रिया मौजूदा समय तेल और बिजली की कीमतों के कारण लाभकारी भी रहेगी।
मीटिंग में वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल, संसद सदस्य और पंजाब कांग्रेस के प्रधान सुनील जाखड़, पंजाब मंडी बोर्ड के चेअरमैन लाल सिंह, मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार रवीन ठुकराल, मुख्यमंत्री के मुख्य प्रमुख सचिव सुरेश कुमार, अतिरिक्त मुख्य सचिव सहकारिता डी.पी. रेड्डी, अतिरिक्त मुख्य सचिव विकास विश्वजीत खन्ना, वित्तायुक्त राजस्व विन्नी महाजन, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव तेजवीर सिंह, प्रमुख सचिव वित्त अनिरुद्ध् तिवाड़ी, सी.ई.ओ. इनवैस्ट पंजाब और सचिव उद्योग राकेश वर्मा, सी.ई.ओ. पेडा एन.पी.एस. रंधावा, भारतीय तेल निगम के सीनियर जनरल मैनेजर नवीनीकरण योग्य ऊर्जा सुबोध कुमार और चीफ़ जनरल मैनेजर पंजाब जम्मू -कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और चण्डीगढ़ सन्दीप जैन उपस्थित थे।

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