चिकित्सा विभाग में हो रहे भ्रष्टाचार की उच्च स्तरीय जांच हो : डॉ. शर्मा

www.khaskhabar.com | Published : सोमवार, 15 जनवरी 2018, 4:34 PM (IST)

जयपुर। राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी की उपाध्यक्ष एवं मीडिया चेयरपर्सन डॉ. अर्चना शर्मा ने निजी नर्सिंग कॉलेजों को मान्यता देने में राजनीतिक संरक्षण में चल रहे भ्रष्टाचार के खेल की उच्च स्तरीय जॉंच करवाने की मांग की है।

डॉ. शर्मा ने कहा कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि नर्सिंग कॉलेजों को मान्यता देने के नाम पर लाखों रूपये का लेन-देन चल रहा है और इस प्रकरण में जो व्यक्ति भूमिका निभा रहा है उसका ताल्लुक भाजपा के प्रभावशाली नेता से है। उन्होंने कहा कि जो ऑडियो वायरल हुआ है उसके अनुसार नर्सिंग शिक्षण संस्थाओं को मान्यता दिये जाने के नाम पर सरकार में प्रभावशाली व्यक्ति के बेटे द्वारा प्रति कॉलेज 20 लाख रूपये लेकर काम करने की बात सामने आई है। उन्होंने कहा कि यह प्रकरण भाजपा सरकार द्वारा भ्रष्टाचार को संस्थागत करने की प्रवृत्ति का जीता-जागता उदाहरण है।

उन्होंने कहा कि एक महिला व दो पुरूषों के बीच का यह पूरा वार्तालाप भाजपा सरकार की उस कार्यशैली का पर्दाफाश कर रहा है जिसमें भ्रष्टाचार को राजनेताओं व अधिकारियों द्वारा बढ़ावा देकर संरक्षण दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस पूरे प्रकरण के खुलासे से पूर्व भी जो राजनीतिक लोग इस प्रकरण में शामिल है उन्होंने शिक्षा विभाग में इसी तरह के भ्रष्टाचार को बढ़ाया था और हर स्थानान्तरण में लेन-देन किया था।

उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार में भ्रष्टाचार को बढ़ाने वाले नेताओं व अधिकारियों की कलई खुलने पर उन्हें सजा देने के स्थान पर विभाग बदलकर पुरस्कृत किया जाता है, इसीलिए गत् समय मंत्रीमण्डल के फेरबदल के दौरान शिक्षा में भ्रष्टाचार बढ़ाने वाले को चिकित्सा का जिम्मा दे दिया गया और पीएचईडी का बंटाधार करने वाली नेत्री को उच्च शिक्षा की बागडोर सौंप दी गई है। इसी प्रकार ऑडियों में जिस अधिकारी के बारे में जिक्र है उन्हें भी सरकार द्वारा उपकृत किये जाने की चर्चा है।

उन्होंने कहा कि सरकार के चिकित्सा विभाग के उक्त भ्रष्टाचार के प्रकरण की न्यायिक अथवा सीबीआई जॉंच करवाकर ऑडियो में वर्णित राजनीतिक शख्स से ताल्लुक रखने वाले व्यक्ति व विभाग के आला अधिकारी के सभी कॉल डिटेल्स सार्वजनिक करने चाहिए ताकि पैसो के लेन-देन के इस प्रकरण का खुलासा पारदर्शिता के साथ हो सके।


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