जयपुर। मकर संक्रांति का पर्व पूरे देश में हर्षोल्लास के साथ मनाया जाएगा। राजस्थान की राजधानी जयपुर में संक्रांति और लोहड़ी में तिल की मिठाइयों का सेवन और दान का खासा महत्व है। यहां पतंगबाजी के साथ तिल-गुड़ से बने व्यंजन खाने-खिलाने की परंपरा है। आजकल की व्यस्ततम लाइफस्टाइल में लोगों के पास इतनी फुर्सत नहीं है कि वे घर पर तिल-गुड़़ से बने पकवान बनाएं। ऐसे में वे बाजार से रेडिमेड मिठाइयां खरीदकर लाते हैं। खुद खाते हैं और घर आने वाले मेहमानों को भी खिलाते हैं।
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शहर में हलवाई की दुकानों के अलावा अन्य दुकानों पर भी तिलकुटा, रेवड़ी, तिल
के लड्डू, गजक अपनी सुगंध बिखेर रहे हैं। यह सुगंध हर राहगीर को खींच रही
है। वैसे तो दुकानें सर्दी की शुरुआत में ही सज गई थीं, लेकिन त्योहार के
पास आते-आते बाजारों में तिल की मिठाइयों की बहार आ गई। दुकानों पर फीणी भी
खूब बिक रही है।
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सिख समाज आज मनाएगा लोहड़ी
आज लोहड़ी
है। शहर में सिख समाज के लोगों में लोहड़ी के साथ मकर संक्रांति का भी क्रेज
है। लोहड़ी की तैयारियों में समाज के लोग पिछले कई दिनों से जुटे रहे। शाम
के वक्त दे माई लोहड़ी, तेरी जीवे जोड़ी' , 'दे माई पाथी तेरा पुत्त चड़ेगा
हाथी' आदि गीतों के गायन के साथ लोहड़ी के चारों ओर घूमकर लोग ये गीत
गाएंगे। लोहड़ी जलाकर इसके चारों ओर घूमकर ढोल की थाप पर भांगड़ा किया
जाएगा। रेवड़ियाें का लोहडी में भोग चढ़ाया जाएगा है।
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सेहत के लिए फायदेमंद
डॉक्टरों के अनुसार सर्दी में तिलकुटा, तिल और गुड़ सेहत के लिए भी फायदेमंद होते हैं। तिल के बीज में कैल्शियम, लौह, मैग्नीशियम, फास्फोरस, फाइबर, थायामिन, प्रोटीन जैसे पोषक तत्व होते हैं जो शरीर में गर्मी लाते हैं और ऊर्जावान बनाते हैं। इसके सेवन से मधुमेह, लो ब्लड प्रेशर, मजबूत हड्डियों का निर्माण, हृदय स्वास्थ्य में फायदा मिलता है। गुड़ भी कई प्रकार की बीमारियों के लिए फायदेमंद है।
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