राष्ट्र संत मुनि तरूणसागर ने मुनि प्रसन्नसागर की पारणा करायी

www.khaskhabar.com | Published : गुरुवार, 11 जनवरी 2018, 9:27 PM (IST)

जयपुर। क्रांतिकारी राष्ट्र संत मुनि तरूणसागर महाराज ने गुरूवार को बाड़ा पदमपुरा के श्री पद्मप्रभु दिगम्बर जैन अतिषय क्षेत्र में अंतर्मना मुनि प्रसन्नसागर जी के सिंह निष्क्रीड़ित व्रत की पूर्णता पर महापारणा-महोत्सव में प्रसन्नसागर जी की पारणा करायी।

राष्ट्रसंत मुनि तरूणसागर जी ने भगवान महावीर स्वामी के बाद पहली बार 186 दिन में 153 दिन की मौन साधना पूर्वक निर्जल उपवास का कीर्तिमान कायम करने पर हार्दिक प्रसन्नता व्यक्त की और मुनि प्रसन्नसागर को बधाई दी। इस ऐतिहासिक क्षण में साक्षी बनने के लिए देशभर से हजारों की संख्या में आये श्रद्धालुओं ने भाग लिया और पारणा महोत्सव के साक्षी बने।

मुनि तरूण सागर ने इस अवसर पर कहा कि युवाओं को अपने वृद्ध माता-पिता की सेवासुश्रुष के साथ ही उन्हें प्रतिवर्ष एक बार तीर्थ करवाना चाहिए। इसके अतिरिक्त अपने माता-पिता को पुण्य करने के लिए अपनी कमाई से धन भी उपलब्ध कराना चाहिए। उन्होंने कहा कि राजनीति का मतलब सेवा होनी चाहिए। अच्छे लोगों को राजनीति में आने की आवष्यकता प्रतिपादित करते हुए उन्होंने कहा कि अच्छे लोगो के राजनीति में आने से ही अच्छे दिन आयेंगे।

राष्ट्रीय संत ने तीन तलाक के मुद्दे पर कहा कि तीन तलाक के मुद्दे पर हो रहा संशोधन महिलाओं के हित में है और इसका विरोध करने वाले महिला विरोधी है। उन्होंने राजनीति में धर्म के अनुषासन पर बल दिया और कहा कि राजनीति में नीति शब्द ही धर्म को अभिव्यक्त करता है। राजनीति में अनुशासन की कमी से उच्छश्रंखलता आ सकती है। राजनीति धर्म के अनुसार काम करेगी तो ही अच्छा होगा। मुनि प्रसन्नसागर जी ने कहा कि मौन साधना अपने भीतर जाने का जरिया है। उन्होंने कहा कि सैंकड़ों समस्याओं का समाधान मौन में है। मुनि- प्रसन्नसागर जी बताया कि उन्होंने प्रतिदिन 500 पृष्ठों का स्वाध्याय किया और प्रतिदिन 250 मालाओं का जाप किया। उन्होंने 186 दिन लगातार मौन साधना की।

ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे