लखनऊ | उत्तर प्रदेश में मऊ सदर
विधानसभा सीट से विधायक मुख्तार अंसारी को लखनऊ के पीजीआई अस्पताल से
गुरुवार को छुट्टी मिल गई। इसके बाद उन्हें कड़ी सुरक्षा के बीच फिर बांदा
जेल भेज दिया गया। इस बीच मुख्तार के बेटे अब्बास अंसारी ने आरोप लगाया कि
दिल के दौरे से बीमार पड़े उनके पिता को मंत्रियों के दबाव में अस्पताल से
डिस्चार्ज किया गया है।
गृह विभाग ने मुख्यमंत्री के निर्देश पर बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी को
वापस बांदा जेल भेजने का आदेश जारी किया है।
विधानसभा चुनाव के
दौरान प्रचार रैली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि बाहुबली का
मुकाबला करने के लिए उन्होंने 'कटप्पा' को मैदान में उतारा है। उन्होंने
भाजपा समर्थित उम्मीदवार महेंद्र राजभर को कटप्पा की उपाधि दी थी। चुनाव
में मोदी के 'कटप्पा' को बसपा के बाहुबली ने हरा दिया था।
मुख्तार अंसारी को पिछले दिनों दिल का दौरा पड़ने पर जेल से पहले बांदा अस्पताल, फिर यहां से पीजीआई रेफर किया गया था।
मंगलवार
की रात मुख्तार की एंजियोग्राफी और ईसीजी की रिपोर्ट सामान्य आई थी। इसके
बाद पीजीआई के डॉक्टरों ने कहा कि मुख्तार को दिल की बीमारी नहीं है।
मुख्य
चिकित्सा अधीक्षक के अनुसार, मुख्तार को मंगलवार की शाम सीने में दर्द की
शिकायत पर बांदा से लखनऊ रेफर किया गया था। यहां कार्डियोलॉजी विभाग में
डॉक्टरों की टीम ने उनका परीक्षण किया। जो जांचें की गईं, उनमें किसी तरह
की कोई दिक्कत नजर नहीं आई।
अब प्रदेश के गृह विभाग ने मुख्तार अंसारी को वापस बांदा जेल भेजने और वहीं उनका इलाज कराने का फैसला किया है।
आईएएनएस
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