अब 3 साल में एप्लाई करने पर भी मिलेगा इंटरकास्ट मैरिज 'शगुन' स्कीम का लाभ

www.khaskhabar.com | Published : गुरुवार, 11 जनवरी 2018, 4:23 PM (IST)

चंडीगढ़। हरियाणा में मुख्यमंत्री सामाजिक समरसता अंतरजातीय विवाह शगुन योजना के लाभार्थी अब विवाह की तिथि से एक वर्ष की बजाय तीन वर्ष के भीतर प्रोत्साहन राशि के लिए आवेदन कर सकते हैं।

इस आशय का निर्णय अनुसूचित जाति और पिछड़ा वर्ग कल्याण राज्य मंत्री कृष्ण कुमार बेदी की अध्यक्षता में आज यहां हुई सभी जिला कल्याण अधिकारियों और तहसील कल्याणकारी अधिकारियों की एक समीक्षा बैठक में लिया गया।

बेदी ने कहा कि यह योजना सांप्रदायिक सौहार्द्र को प्रोत्साहित करने और अंतरजातीय विवाह को बढ़ावा देने के लिए शुरू की गई थी। हम इस योजना को पुन: शुरू करने जा रहे हैं ताकि इस योजना के तहत अधिकतम लाभार्थियों को इसका लाभ मिलना सुनिश्चित हो सके। इस योजना के तहत गैर-अनुसूचित जाति की लडक़ी या लडक़े से विवाह करने पर हरियाणा के अनुसूचित जाति के लडक़े या लडक़ी को 1.01 लाख रुपये का अनुदान दिया जाता है।

उन्होंने अधिकारियों को यह भी निर्देश दिये कि सभी योग्य लाभार्थियों को उनके विवाह से सात दिन पहले मुख्यमंत्री मनोहर लाल के शुभ संदेश के साथ मुख्यमंत्री विवाह शगुन योजना का लाभ मिलना सुनिश्चित किया जाए। इस प्रयोजन के लिए पार्टी के स्थानीय विधायक या किसी अन्य जन प्रतिनिधि को शामिल किया जाना चाहिए। उन्होंने उन्हें गरीब लोगों के लाभ के लिए केन्द्र प्रायोजित योजनाओं के तहत उपलब्ध धनराशि का अधिकतम उपयोग सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए। इसके अलावा, सभी अधिकारियों को अपने क्षेत्रीय दौरे बढ़ाने चाहिए और अनुसूचित जाति और पिछड़े वर्गों के लोगों के लाभ के लिए चलाई जा रही विभिन्न प्रकार की योजनाओं को लोकप्रिय बनाना चाहिए।

बेदी ने अधिकारियों से कहा कि वे तहसील स्तर पर वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय की सुविधा और अधिकतम एससी आबादी वाले एक बड़े गांव में एक कमरे या ऐसे स्थल का पता लगाएं जहां विद्यार्थी बेहतर वातावरण में अपना होमवर्क पूरा कर सकें। उन्होंने कहा कि अनुसूचित जाति छात्र मेरिट उन्नयन योजना के तहत विभाग द्वारा फर्नीचर और अन्य सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाएंगी।
विभाग की विभिन्न योजनाओं की समीक्षा करते हुए, मंत्री ने कहा कि वर्तमान सरकार गरीबों के प्रति बहुत संवेदनशील है और अंत्योदय की भावना के साथ काम कर रही है। उन्होंने उनसे अपने सरकारी कामकाज में सूचना प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल करने को कहा ताकि लोगों को योजनाओं के लाभ बिना किसी विलम्ब के दिये जा सके।

बैठक में अनुसूचित जाति और पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के प्रधान सचिव अनिल कुमार, निदेशक गीता भारती और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।

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