‘ताकि कोच को टीम के लिए खिलाडिय़ों को चुनने में सिरदर्द हो’

www.khaskhabar.com | Published : गुरुवार, 11 जनवरी 2018, 11:21 AM (IST)

बेंगलुरू। भारतीय फुटबॉल टीम के कप्तान सुनील छेत्री चाहते हैं कि राष्ट्रीय फुटबॉल टीम को एएफसी एशियाई कप-2019 की तैयारी के लिए विदेशी सरजमीं पर अधिक मैच खेलने का मौका मिले। वर्तमान में इंडियन सुपर लीग (आईएसएल) में बेंगलुरु एफसी का प्रतिनिधित्व कर रहे छेत्री का कहना है कि भारतीय टीम के लिए खेल चुके हर खिलाड़ी को अपने खेल के स्तर को और ऊपर लाने की जरूरत है ताकि कोच स्टीफन कांस्टेनटाइन को हर बार टीम के लिए खिलाडिय़ों को चुनने में सिरदर्द हो।

छेत्री ने आईएएनएस के साथ एक साक्षात्कार में कहा, हमें विदेशी सरजमीं पर अधिक मैच खेलने की जरूरत है। घर में हम आम तौर से अच्छा प्रदर्शन करते हैं, लेकिन विदेश में हमारा रिकॉर्ड अच्छा नहीं रहा है। हमें 16 से 8 रैंकिंग (एएफसी रैंकिंग) वाली टीमों के साथ मैच खेलने चाहिए। दक्षिण कोरिया और जापान की टीमों के खिलाफ खेलना मुश्किल है क्योंकि वे हमारे साथ नहीं खेलना चाहते हैं। हमें ऐसी टीमों के साथ खेलना चाहिए, जो हमसे बेहतर हैं और उनकी घरेलू जमीन पर खेलना चाहिए। इसका ख्याल संगठन को रखना चाहिए।

कप्तान छेत्री ने कहा, खिलाडिय़ों की तरफ से सोचा जाए, तो हमें व्यक्तिगत रूप से अपने खेल में सुधार करने की जरूरत है। इस बात को सुनिश्चित करना है कि राष्ट्रीय टीम के लिए प्रतिस्पर्धा में इजाफा हो और यह कोच के लिए सरदर्द बन जाए कि किसे लें और किसे छोड़ें। उनके लिए बेहतरीन खिलाडिय़ों का चयन कर टीम का गठन मुश्किल काम होना चाहिए। भारत ने पिछले साल अक्टूबर में क्वालीफायर मैच में मकाऊ को हराकर एशियाई कप में अपनी जगह पक्की कर ली थी।

पिछली बार ब्रिटिश कोच बॉब हॉटन के मार्गदर्शन में भारतीय टीम ने 2011 में इस चैम्पियनशिप में हिस्सा लिया था। उस दौरान छेत्री टीम का अहम हिस्सा थे। उन्होंने ग्रुप स्तर के मैचों में दो गोल किए थे। भारत ने तब एक भी मैच नहीं जीता था। उस पर 13 गोल हुए थे और उसने महज तीन गोल किए थे। छेत्री ने कहा कि भारतीय टीम को संयुक्त अरब अमीरात जैसी टीमों के साथ खेलना चाहिए। संयुक्त अरब अमीरात एशियाई कप का मेजबान है।

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इस टूर्नामेंट की तैयारी के लिए किन टीमों के साथ मुकाबले खेलने चाहिए, इस बारे में छेत्री ने कहा, हम सबसे नीचे हैं। जिसके खिलाफ भी हम खेलेंगे, वह हमसे बेहतर टीम होगी। छेत्री ने कहा, 2011 में हमें ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण कोरिया और बहरीन जैसी टीमों के खिलाफ मैच खेलने के मौके मिले थे। देखा जाए, तो इससे बुरा कुछ हो नहीं सकता। इस बार हमें किर्गिस्तान, मकाऊ और म्यांमार के खिलाफ क्वालीफायर मैच खेलने के मौके मिले और इन टीमों को पूरे सम्मान के साथ यह कहना ही होगा कि ये मुकाबले उतने भी मुश्किल नहीं थे।

छेत्री ने कहा, हमें दोस्ताना मैचों के लिए यूएई, कतर, ओमान, फिलिस्तीन और लेबनान के खिलाफ खेलने का लक्ष्य रखना चाहिए। ऐसा कहा जा रहा है कि इस साल भारत में चार देशों के चैम्पियंस कप का आयोजन हो सकता है। इस पर छेत्री ने कहा कि इससे भारत की रैंकिंग में कोई फर्क नहीं आएगा, क्योंकि यह फीफा के कार्यक्रम से अलग आयोजित होगा, लेकिन इससे भारतीय टीम की तैयारी में काफी मदद हो सकती है। छेत्री ने कहा, अब बात रैंकिंग की नहीं है, क्योंकि हम टूर्नामेंट के लिए क्वालीफाई कर चुके हैं।

रैंकिंग के आधार पर ग्रुप का विभाजन मायने रखता है, लेकिन इन सब चीजों के किनारे रख कर देखा जाए, तो इन चार देशों के टूर्नामेंट से मुझे टीम के प्रदर्शन में सुधार की आशा है। आईएसएल में बेंगलुरु एफसी का प्रतिनिधित्व करने के बारे में छेत्री ने कहा कि उन पर उम्मीदों का दबाव नहीं है और वे एक समय में एक मैच पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। उन्होंने कहा, हमारे क्लब का लक्ष्य अगले मैच के बारे में अधिक सोचने का होता है और यह नहीं बदलेगा।

अपनी प्रेमिका सोनम से हाल ही में शादी करने वाले छेत्री ने कहा कि शादी के बाद उन्हें प्याज-टमाटर के भाव पता चल गए हैं। छेत्री की पत्नी सोनम, मोहन बागान क्लब व भारतीय टीम के पूर्व डिफेंडर सुब्रत भट्टाचार्य की बेटी हैं। उन्होंने कहा, शादी के बाद के बीते 10 से 15 दिन मैंने आनंद में बिताए हैं। मुझे लगता है कि मैं और सोनम 13 सालों से एक दूसरे से मिल रहे हैं, लेकिन हम एक-दूसरे के साथ रहे नहीं। मैं जहां भी खेला हूं, वह मेरे साथ रही हैं। अब हम साथ हैं, तो अच्छा लग रहा है।

यह इसलिए, भी ज्यादा अच्छा लग रहा है, क्योंकि वह मेरी पत्नी हैं और मैं उससे प्यार भी करता हूं..लेकिन इसके साथ हम अच्छे दोस्त भी हैं। छेत्री ने कहा, सोनम मेरे काम को समझती हैं। इसलिए, उसे मुझे हर चीज के बारे में बताने की जरूरत नहीं। सब कुछ सही है, क्योंकि वह समझती हैं। हम घूमने जाते हैं और साथ में घर का सामना खरीदते हैं। मुझे अब प्याज-टमाटर के भाव पता हैं।

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