पन्द्रह सोनाग्राफी केन्द्रों के निरीक्षण प्रकरणों पर हुई सुनवाई, आवश्यक निर्देश दिए

www.khaskhabar.com | Published : शुक्रवार, 05 जनवरी 2018, 9:03 PM (IST)

जयपुर। पीसीपीएनडीटी अधिनियम के तहत गठित राज्य सलाहकार समिति की शुक्रवार को स्वास्थ्य भवन में बैठक आयोजित की गयी। बैठक में अधिनियम के विभिन्न जिलों में राज्य निरीक्षण दल द्वारा किये गये 15 सोनोग्राफी केन्द्रों के प्रकरणों पर विस्तार से सुनवाई हुई एवं आवश्यक कार्यवाही करने पर चर्चा की हुई।

निदेशक आरसीएच डाॅ.एस.एम.मित्तल की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में डूंगरपुर-सागवाड़ा के मेहता वुमन्स हाॅस्पिटल, नागौर-मेड़ता के श्रीकृष्णा हाॅस्पिटल एवं रिसर्च सेंटर, डूंगरपुर के उपासना जीवन रक्षा सोनोग्राफी सेंटर, सबका डायग्नोस्टिक सेंटर, उदयपुर के सृजन हाॅस्पिटल, गोयल क्लीनिक एक्स-रे क्लीनिक एंड डायग्नोस्टिक सेंटर, करौली-हिण्डौनसिटी के डाॅ.एम.एल.गुप्ता, राजन सोनोग्राफी सेंटर, सवाईमाधोपुर-गंगापुरसिटी के शास्त्री नर्सिंंग होम, जोधपुर के महेश सोनोग्राफी सेंटर, श्रीगंगानगर-श्रीकरणपुर के बंसल क्लिनिक, श्रीगंगानगर-सूरत के एपेक्स डायग्नोस्टिक सेंटर, श्रीगंगानगर के पारस डायग्नोस्टिक सेंटर, चूरू-सूजानगढ़ के बैद एक्स-रे क्लिनिक एवं जैसलमेर के यश डायग्नोस्टिक क्लिनिक पर राज्य निरीक्षण दल द्वारा माॅनीटरिंग रिपोर्ट के प्रकरणों पर संबंधित सचालंकों के साथ सुनवाई की गयी।

डाॅ.मित्तल ने बताया कि सोनोग्राफी केन्द्रों द्वारा गर्भवती महिलाओं की सोनेाग्राफी करने की स्थिति में आवश्यक फार्म ‘एफ‘ के आॅनलाईन एवं आॅफलाईन फार्म की पूर्ति अधिनियम के तहत् निर्धारित प्रारूप में ही समस्त सूचनाओं के साथ सोनोग्राफी करने के पूर्व व पश्चात् यथासमय की जाने की अनिर्वायता पर जोर दिया गया है। उन्होंने बताया कि सोनोग्राफी वाली गर्भवती महिलाओं की पहचान, सत्यापन एवं अन्य आवष्यक सूचनाएं प्रत्येक सोनोग्राफी केन्द्र को आवश्यक रूप से भरनी होगी। उन्होंने प्रसवपूर्व सोनोग्राफी हेतु आने वाली प्रत्येक गर्भवती के पूर्ण रिकार्ड का संधारण सभी केन्द्रों द्वारा किया जाना आवष्यक होता है एवं समिति ने अपनी सहूलियत के लिए सोनोग्राफी संचालकों द्वारा निर्धारित रिर्पोट व रिकार्ड प्रारूपों में बदलाव अधिनियम के प्रावधानों के विरूद्ध उपयोग करने को गंभीरता से लिया है। उन्होंने बताया कि समिति ने फार्म‘एफ‘ में सोनोग्राफी चिकित्सक द्वारा प्राधिकृत हस्ताक्षर व मोहर इत्यादि की पूर्ति नहीं करने को भी गंभीरता से लिया।

राज्य सलाहकार समिति ने निरीक्षण के दौरान अधिक अनियमितता पाये जाने पर करौली के एक सोनोग्राफी केन्द्र पर एक सप्ताह हेतु निलंबन करने एवं जैसलमेर के यष डायग्नोस्टिक क्लिनिक की मशीन को अविलंब मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के अधीन रखवाने की सिफारिश की। बैठक में एसएमएस महिला चिकित्सालय की अधीक्षक डा. लता राजोरिया, एसएमएस चिकित्सालय के रेडियोलाॅजी विभागाध्यक्ष डाॅ.कुलदीप मेहन्दीरत्ता, परियोजना निदेशक पीसीपीएनडीटी रघुवीर सिंह, समाजसेवी अमला मेहता, स्वयंसेवी संगठनों के राजन चौधरी, देबजामी खान, श्री राजन, कुसुम मेहता, संबंधित अधिकारीगण तथा संबंधित जिलों के पीसीपीएनडीटी काॅर्डिनेटर मौजूद थे।

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