आंकड़ों में राजस्थान में महिलाओं के प्रति अपराधों का गिरा ग्राफ, बीकानेर रेंज रहा अव्वल

www.khaskhabar.com | Published : शुक्रवार, 05 जनवरी 2018, 6:40 PM (IST)

जयपुर। महिला सुरक्षा को लेकर हमेशा से राजस्थान पुलिस पर बड़े सवाल खड़े हुए हैं। आए दिन महिला हिंसा, रेप की, दहेज उत्पीड़न की घटनाऐं बढ़ रही है। लेकिन प्रदेश में महिलाओं के प्रति अपराधों पर ग्राफ गिरा है, यह दावा है राजस्थान पुलिस के महानिदेशक ओ पी गल्होत्रा का।

महिलाओं के अधिकारों की रक्षा एवं उन पर की जाने वाली अमानवीय व्यवहार के खिलाफ कार्रवाई सिविल राईट्स, राजस्थान जयपुर एवं माॅनिटरिंग अतिरिक्त महानिदेशक पुलिस सिविल राईट्स, राजस्थान जयपुर के द्वारा की जाती है। उनकी सहायता के लिए उप महानिरीक्षक पुलिस, सिविल राईट्स पदस्थापित है।

गल्होत्रा ने बताया कि राज्य में महिलाओं के विरूद्व कोई अपराध घटित होता है उसकी सूचना पर तुरन्त एफआईआर दर्ज कर शीघ्र अनुसंधान प्रारम्भ किया जाता है। बलात्कार के प्रकरणों को न्यायालय में सफल बनाने हेतु उप निरीक्षक पद के अधिकारी को केस आफीसर नियुक्त कर नियुक्त करने के निर्देश प्रदान किये जाकर पालना करवाई जा रही है। दहेज हत्या सम्बंधित अपराधों का अनुसंधान उप अधीक्षक स्तर के अधिकारी से करवाया जाता है। नाबालिग के साथ बलात्कार के प्रकरणों का अनुसंधान थानाधिकारी स्तर के अधिकारी से करवाये जाने के आदेश जारी किये गये है।

सादा वर्दी में तैनात पुलिसकर्मी
महानिदेशक पुलिस ने बताया कि महिलाओं की सुरक्षा एवं उनसे होने वाली छेडछाड सम्बन्धी घटनाओं की रोकथाम के लिए महिला शिक्षण संस्थाओं, कामकाजी महिलाओं के कार्यस्थल,बस स्टाॅफ, रेल्वे स्टेशन तथा भीडभाड वाले सार्वजनिक स्थानों पर सादा वस्त्रों में व वर्दीधारी पुलिसकर्मियों को आवश्यक रूप से तैनात किया जा रहा है। डीजीपी ओपी गल्होत्रा ने कहा कि राज्य के सभी पुलिस थानों मे महिला डेस्क स्थापित कर उनमें उपलब्धता के आधार पर महिला पुलिस अधिकारी व कर्मचारी पदस्थापित कर दिये गये है व महिला डेस्क के लिए सभी पुलिस थानों में अलग कमरा आवंटित किया जा चुका है।

राज्य के 40 पुलिस जिलों में महिला थाना
महिलाओं की प्रति होने वाली किसी भी प्रकार की ंिहंसा, घरेलू प्रताड़ना अथवा शोषण सम्बन्धी समस्याओं के सफल समाधान के लिए महिला सलाह एंव सुरक्षा केन्द्र राज्य के सभी जिलों में कार्यरत है। निराश्रितों एवं अपने ही परिवार द्वारा प्रताड़ित महिलाओं की सुरक्षा के लिए राज्य के 40 पुलिस जिलों में महिला थाने खोले जा चुके है।

महिला अपराध का गिरा ग्राफ
महानिदेशक पुलिस ने महिला अत्याचार से सम्बन्धित अपराधों के तुलनात्मक आंकडे जारी करते हुए बताया कि महिला अत्याचार से संबंधित अपराधों में वर्ष 2016 में 2015 की अपेक्षा में कुल अपराधों में 2.58 प्रतिशत, की कमी रही है, जबकि वर्ष 2017 में वर्ष 2016 की अपेक्षा कुल अपराधों में 9.79 प्रतिशत की कमी रही है।

गल्होत्रा ने महिला अत्याचार से सम्बन्धित अपराधों के वर्ष 2015 से वर्ष 2017 तक तुलनात्मक आंकडों के बारे में ओर जानकारी देते हुए बताया कि राज्य में महिला अपराध के वर्ष 2015 में 29 हजार 83, वर्ष 2016 में 28 हजार 333 एवं वर्ष 2017 मे माह दिसम्बर तक 25 हजार 560 प्रकरण दर्ज किये गये थे। लेकिन अंाकड़ो को देखा जाए तो वर्ष 2015 से 2017 तक 12.11 प्रतिशत की कमी आई जबकि वर्ष 2016 की अपेक्षा वर्ष 2017 में 9.79 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई।

बीकानेर रेंज अव्वल
पूरे राजस्थान की बात करें तो पुलिस ने इस साल महिला अपराधों पर सबसे ज्यादा लगाम कसी है। सभी जिला रेंज को पछाड़ते हुए बीकानेर अव्वल रहा है। हालांकि सबसे ज्यादा पीछे जोधपुर, अजमेर और भरतपुर जिला रहा है। महिला अपराधों पर शिकंजा कसने में तीनो रेंज नाकाम रहे हैं।

ये है सभी रेंज के आंकड़े...
अजमेर रेंज में वर्ष 2015 से 2017 तक 6.75 प्रतिशत की कमी आई जबकि वर्ष 2016 से वर्ष 2017 के मध्य 2.06 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई।

जयपुर रेंज में वर्ष 2015 से 2017 तक 1.79 प्रतिषत की कमी आई जबकि वर्ष 2016 से वर्ष 2017 के मध्य 5.69 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई।

जयपुर कमिश्नरेट में वर्ष 2015 से 2017 तक 20.17 प्रतिशत की कमी आई जबकि वर्ष 2016 से वर्ष 2017 के मध्य 17.05 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई।

बीकानेर रेंज में वर्ष 2015 से 2017 तक 16.66 प्रतिशत की कमी आई जबकि वर्ष 2016 से वर्ष 2017 के मध्य 23.11 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई।

भरतपुर रेंज में वर्ष 2015 से 2017 तक 10.41 प्रतिशत की कमी आई जबकि वर्ष 2016 से वर्ष 2017 के मध्य 2.43 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई।

जोधपुर रेंज में वर्ष 2015 से 2017 तक 9.11 प्रतिशत की कमी आई जबकि वर्ष 2016 से वर्ष 2017 के मध्य 2.92 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई।

जोधपुर कमिश्नरेट में वर्ष 2015 से 2017 तक 6.07 प्रतिशत की कमी आई जबकि वर्ष 2016 से वर्ष 2017 के मध्य 5.85 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई।

कोटा रेंज में वर्ष 2015 से 2017 तक 10.51 प्रतिशत की कमी आई जबकि वर्ष 2016 से वर्ष 2017 के मध्य 9.2 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई।

उदयपुर रेंज वर्ष 2015 से 2017 तक 23.37 प्रतिशत की कमी आई जबकि वर्ष 2016 से वर्ष 2017 के मध्य 15.55 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई तथा

जीआरपी अजमेर में वर्ष 2015 से 2017 तक 26.09 प्रतिषत की कमी आई जबकि वर्ष 2016 से वर्ष 2017 के मध्य 9.38 प्रतिषत की कमी दर्ज की गई

जीआरपी जोधपुर में वर्ष 2015 से 2017 तक 66.67 प्रतिषत की कमी आई जबकि वर्ष 2016 से वर्ष 2017 के मध्य 100 प्रतिषत की कमी दर्ज की गई



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