कासिम खान, नूंह। करीब
12 साल पहले वजूद में आया मेवात जिला अब नूंह के नाम से जाना जाता है।
जिले में करीब 13 लाख की आबादी है। नूंह , तावडू , फिरोजपुर झिरका ,
पिनगवां , नगीना , पुन्हाना शहर और कस्बे इसमें शामिल हैं। करीब 453 गांव
हैं। लेकिन महज 36 एटीएम के भरोसे जिला चल रहा है। इन 36 एटीएम में से कुछ
अकसर बंद ही रहते हैं या फिर उनमें कैश ही नहीं होता। जिनमें कैश डाला भी
जाता है ,तो चंद घंटे बाद ही उनमें कैश नहीं मिलता। शाम ढलने के बाद तो
किसी भी एटीएम से कैश मिलने की उम्मीद पूरी तरह ही छोड़ दी जाती है।
जिले
में बस अड्डा , मेडिकल कालेज सहित कई मुख्य स्थान तो ऐसे हैं , जहां एटीएम
मशीन अभी तक नहीं लग पाई हैं। बहुत से निजी और सरकारी बैंकों की शाखा जिला
मुख्यालय नूंह में अभी तक भी नहीं खुली हैं। जो बैंक फ़िलहाल चल रहे हैं।
उनमें स्टाफ का घोर अभाव है। बैंकों में या फिर एटीएम के बाहर कई बार भारी
भीड़ देखने को मिल जाती है। कुल मिलाकर एनसीआर का इलाका और राष्ट्रीय
राजधानी दिल्ली से महज 70 किलोमीटर दूर होने के बावजूद भी नूंह जिले में
एटीएम और बैंकों की कमी लोगों को खल रही है। अगर कोई व्यक्ति देर सवेरे
नूंह जिले में फंस गया और उसके पास नकदी नहीं है ,तो उसे भारी परेशानी का
सामना करना पड़ सकता है। लीड बैंक मैनेजर सत्यप्रकाश सिंह ने कहा कि
उन्होंने मामला संज्ञान में आते ही सभी बैंकों को ईमेल से तथा फ़ोन से
निर्देश दिए हैं कि सभी बैंकों के बाहर 24 घंटे एटीएम खुले होने चाहिए।
उन्होंने कहा कि अगर बैंकों ने लापरवाही बरती और चंद दिन बाद लोगों की
समस्या का समाधान नहीं हुआ, तो वे क़ानूनी कार्रवाई से भी पीछे नहीं
हटेंगे। एलडीएम सत्यप्रकाश ने भरोसा दिलाया कि बैंकों की संख्या के साथ-साथ एटीएम की संख्या भी बढ़ाई जाएगी।
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