उफ्फ ये सर्दी..देश के साथ पूरे विश्व में पड़ रही है हांड कंपाने वाली ठंड

www.khaskhabar.com | Published : शुक्रवार, 05 जनवरी 2018, 1:34 PM (IST)

नई दिल्ली। पूरे उत्तर भारत में इस वक्त हाड़ गला देने वाली ठंड पड़ रही है। बर्फीली हवाओं ने लोगों का जीना मुहाल कर दिया है। वहीं, अमेरिका और यूरोप में बर्फीले तूफान ने कहर बरपाया। पूर्वी अमेरिका में करीब 11 दिन से हाड़ कंपकपाने वाली ठंड पड़ रही है। यहां अब तक 13 लोगों की मौत हो चुकी है। इधर, यूरोप में बर्फीले तूफान एलियानोर ने बड़े पैमाने पर लोगों के लिए दिक्कतें पैदा की हैं। बर्फीले तूफान के कारण अभी तक तीन लोगों की मौत हो चुकी है। यातायात बुरी तरह बाधित हुआ है और हजारों घरों की विद्युत आपूर्ति भी ठप हो गई है।

उत्तर भारत में कड़ाके की ठंड

उत्तर भारत में ठंड का कहर जारी है पूरा उत्तर प्रदेश जबरदस्त शीतलहर की चपेट में है, वहीं राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, बिहार और ओडिशा समेत समूचे उत्तरी और पूर्वी भारत में घना कोहरा छाया हुआ है। दिल्ली, एनसीआर समेत पूरे उत्तर भारत में कोहरे और ठंड का कहर जारी है। जम्मू कश्मीर के लद्दाख क्षेत्र के करगिल में तापमान शून्य से 20 डिग्री नीचे चले जाने पर यह उत्तर भारत का सबसे सर्द स्थानों में रहा। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में शुक्रवार को कोहरे की वजह से ट्रेनों व उड़ानों का संचालन प्रभावित रहा। राजधानी में सुबह दृश्यता 300 मीटर रही। इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा (आईजीआई) पर कम दृश्यता की वजह से उड़ानों के संचालन में बाधा आई और कम से कम 15 उड़ानों में देरी हुई।


कोहरे के कारण 18 ट्रेनें रद्द


उत्तर भारत के कई हिस्सों में कोहरे की वजह से रेलवे को 18 ट्रेनों को रद्द करना पड़ा, जबकि 62 ट्रेनों के संचालन में देरी हुई व 20 ट्रेनों के समय में फेरबदल किया गया। राजधानी में न्यूनतम तापमान 7.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ, जबकि अधिकतम तापमान 20 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने की संभावना है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के अधिकारी ने कहा कि दिन में आसमान साफ रहेगा। सुबह 5.30 बजे दृश्यता 300 मीटर रही, जिसमें बाद में सुधार हुआ व सुबह 8.30 बजे यह दृश्यता 600 मीटर रही, जबकि आद्र्रता का स्तर 97 फीसदी दर्ज किया गया।

अमेरिका में बम साइक्लोन का कहर

पूर्वी अमेरिका को बीते 10 दिनों से भीषण ठंड का सामना करना प़ड़ रहा है। इससे अब तक 11 लोगों की मौत हो चुकी है। फ्लोरिडा में 30 साल में पहली बार बर्फबारी हुई। पूर्वी क्षेत्र में गुरवार को करीब 2,700 उ़ड़ानें रद्द हो गई। हालांकि मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि अमेरिका में जो आने वाला संकट है, उसके मुकाबले यह ठंड कुछ भी नहीं है। देश का कुछ हिस्सा बर्फीले तूफान बम साइक्लोन की चपेट में आ गया है। अमेरिका के 90 फीसदी हिस्से में तापमान शून्य या उसके नीचे है। मौसम वैज्ञानिकों ने बताया कि यह बर्फीला तूफान फ्लोरिडा से शुरू होकर यूरोप चला जाएगा। ये अपने साथ भीषण ठंडी हवाओं के साथ बर्फ के अनगिनत टुकडों को लेकर चलेगा जिससे तापमान सामान्य से करीब 20 डिग्री तक कम हो जाएगा। नेशनल वेदर सर्विस ने कहा कि न्यूयॉर्क में 90 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से हवाएं चल सकती हैं। बोस्टन में एक फीट तक बर्फबारी की आशंका है।


हालैंड में पहली बार समुद्री बैरियर बंद

ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे

यूरोप में बर्फीले तूफान एलियानोर से लोगों को हाल बेहाल है। बर्फीले तूफान के कारण यातायात बुरी तरह बाधित है। स्पेन के उत्तरी बॉस्क तट पर दो व्यक्ति समुद्र की तेज लहरों में बह गए जबकि फ्रांस में आल्प्स पहाडिय़ों पर एक पेड़ टूटने से उसके नीचे दबने से एक स्की करने वाले की मौत हो गई। हालैंड में प्रशासन ने पहली बार सभी पांच समुद्री बैरियर को बंद कर दिया है, हालांकि बाद में दो को खोल दिया गया। एम्सटरडम हवाईअड्डे पर 110 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बर्फीली हवाएं चलीं जिसके कारण सैकड़ों उड़ानें रद्द करनी पड़ी हैं। पेरिस में तेज हवाओं के चलते एफिल टॉवर बंद कर दिया गया था।


जर्मनी और ऑस्ट्रिया में बर्फीले तूफान का कहर


बर्फीले तूफान से जर्मनी और ऑस्ट्रिया में कई स्थान प्रभावित रहे। किजबुहेल में तूफान के कारण क्षतिग्रस्त हुई एक केबिल कार में फंसे 20 स्की करने वालों को बचाकर निकाला गया। बेल्जियम में आपातकाल अलर्ट के चार चरणों में तीसरा चरण ऑरेंज अलर्ट जारी हो गया है। मौसम विभाग के अनुसार बुधवार रात तूफान की रफ्तार 160 किलोमीटर प्रतिघंटे दर्ज की गई जबकि इंग्लैंड, वेल्स, उत्तरी आयरलैंड का अधिकतर भाग और दक्षिणी स्कॉटलैंड में कुछ भागों में अभी भी मौसम को लेकर येलो वार्निग जारी है।


भारत से पाक तक दुनिया का सबसे बड़ा कोहरा


ये भी पढ़ें - हजारों साल और एक करोड़ साल पहले के मानसून तंत्र पर जारी है रिसर्च, जाने यहां

इधर, भारतीय उपमहाद्वीप का करीब दो हजार किलोमीटर लंबा इलाका घने कोहरे की परत से ढका हुआ नजर आया। मौसम वैज्ञानिकों का दावा है कि ये दुनिया की सबसे बड़ी कोहरे की चादर है, जो मध्य पाकिस्तान से शुरू होकर इंडो-गैंजेटिक प्लेन से गुजरकर त्रिपुरा तक फैल गई है। दिन के उजाले में छाए इस कोहरे की घनी चादर की तस्वीर इनसैट थ्री डी सैटेलाइट के जरिए ली गई थी। जिसमें कोहरने की ये घनी चादर पाकिस्तान, भारत, नेपाल और बांग्लादेश को अपने आगोश में लेते हुए नजर आ रही थी। आपको बता दें कि दुनिया की सबसे बड़ी कोहरे की चादर की शुरुआत क्रिसमस के दिन से पूर्वी उत्तरप्रदेश और बिहार से हुई थी। इससे पहले भी इस तरह का बड़ा कोहरा इसी क्षेत्र से बनना शुरू हुआ था। सैटेलाइट से मिली तस्वीर से कोहरे का अंदाजा लगाया जा सकता है। हालांकि कई स्थानों पर ये कोहरा सतह पर नहीं बल्कि कई सौ मीटर हवा में फैला हुआ था।

ये भी पढ़ें - यहां एक मुस्लिम ने दी थी गायों की रक्षा में जान