मुंबई। महाराष्ट्र में भडक़ी हिंसा की आग ठंडी पड़ गई है। लेकिन, इस पर राजनीति थमने का नाम नहीं ले रही है। महाराष्ट्र बंद बुलाने वाले दलित नेता प्रकाश अंबेडकर ने एक बार फिर महाराष्ट्र सरकार से अपील की है कि जल्द से जल्द संभाजी भिड़े को अरेस्ट किया जाए। उन्होंने कहा कि दलितों का गुस्सा तब तक शांत नहीं होगा, जब तक संभाजी भिड़े और मिलिंद एकबोते को अरेस्ट नहीं किया जाएगा। इसी बीच हिंसा के आरोपी संभाजी भिड़े ने पहली बार मीडिया के सामने आकर सफाई दी है। संभाजी ने कहा है कि उन पर लगाए गए सभी आरोप गलत हैं। साथ ही उन्होंने हिंसा फैलाने की घटना को राजनीतिक साजिश करार दिया है।
संभाजी भिडे ने कहा कि मुझे फंसाया जा रहा है। मैंने हिंसा फैलाई यह बेकार की बाते हैं। मैं समाज को तोडऩे का काम नहीं करता हूं। उन्होंने कहा कि मैं घटना वाले दिन वहां मौजूद नहीं था, फिर क्यों मुझ पर आरोप लगाए जा रहे है। भिडे ने कहा कि कुछ लोग मेरा नाम इस मामले में डालकर राजनीतिक फायदा उठाना चाहते हैं।
संभाजी ने महाभारत का जिक्र करते हुए कहा कि श्रीकृष्ण पर समंतक मणि चुराने के आरोप लगे थे, उसी तरह मुझ पर भी आरोप लग रहे हैं। मेरा इस मामले से कुछ भी लेना देना नहीं है। यह देश के वातावरण को बिगाडऩे के लिए रची गई साजिश है। मुझ पर वधु गांव में जाकर सभा लेने की बात उतनी ही झूठी है, जैसे किसी को अमावस में चांद दिखा हो।
कौन है संभाजी भिडे
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संभाजी भिड़े हिंदूत्व का बड़ा चेहरा है। कभी पीएम मोदी ने संभाजी को परम
आदरणीय और गुरुजी कहा था। इन पर हिंसा भडक़ाने के आरोप में केस दर्ज हुआ
है। माथे पर लंबा टीका और मराठी टोपी और तीखा भाषण इनकी पहचान है। संभाजी
भिड़े की सख्शियत ऐसी है कि उनके एक हुक्म पर लाखों युवा एकत्रित हो जाते
हैं। पीएम मोदी भिडे का बहुत सम्मान करते हैं। मोदी उनके संगठन शिव
प्रतिष्ठान के कार्यक्रमों में जा चुके हैं। संभाजी भिड़े महाराष्ट्र के
जाने-माने नेता हैं। वह महाराष्ट्र के सांगली जिले के रहने वाले हैं। भिडे
कोल्हापुर में शिव प्रतिष्ठान नाम का संगठन चलाते हैं और मराठा सम्राट
छत्रपति शिवाजी के अनुयायी हैं।
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