केंद्र सरकार का न्यू ईयर गिफ्ट, पूर्वोत्तर में मोबाइल हवाई डिस्पेंसरी जल्द

www.khaskhabar.com | Published : रविवार, 31 दिसम्बर 2017, 7:04 PM (IST)

नई दिल्ली। केंद्र सरकार नए साल में पूर्वोत्तर के पर्वतीय प्रदेशों में आपातकालीन स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया करवाने के मकसद से मोबाइल एयर डिस्पेंसरी सेवा शुरू करने जा रही है। हेलीकॉप्टर में चलने वाली इस डिस्पेंसरी में स्वास्थ्य सेवा के लिए जरूरी सामान और चिकित्सक होंगे। जानकार सूत्रों के मुताबिक, सरकार ने पूवरेत्तर क्षेत्र के लिए दो एयर डिस्पेंसरी (हवाई औषधालय) शुरू करने के लिए 80-100 करोड़ रुपये आवंटित करने को मंजूरी दे दी है। सूत्रों ने बताया कि इन दोनों डिस्पेंसरी का संचालन शिलांग और इंफाल से किया जएगा। असम को छोडक़र बाकी छह प्रदेशों को मोबाइल एयर डिस्पेंरी के जरिए आपात स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया करवाई जाएंगी।

आधिकारिक दस्तावेजों के मुताबिक, तीन केंद्रीय मंत्रालयों की ओर से इसके लिए पवन हंस हेलीकॉप्टर की सेवाएं ली जाएंगी। परियोजना से संबंधित आधिकारिक टिप्पणी में कहा गया है, प्रस्तावित परियोजना की पहली बैठक में पवन हंस के प्रतिनिधि मौजूद थे, जिन्होंने इस योजना की तारीफ की। पवन हंस को मोबाइल एयर एंबुलेंस सेवा प्रदान करने के लिए कहा गया। पवन हंस की ओर से तैयार की गई परियोजना रपट में छह प्रदेशों में दो हेलीकॉप्टर के संचालन पर अनुमानित लागत 1.87 करोड़ रुपये प्रति माह बताई गई है।

केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय और पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय (डीओएनईआर) के बीच गतिरोध के कारण यह परियोजना रुकी हुई थी। स्वास्थ्य मंत्रालय ने अकेले इस पहल पर काम करने से मना कर दिया था, क्योंकि यह व्यावहारिक नहीं था। लेकिन अब यह तय हुआ है कि यह परियोजना स्वास्थ्य, डीओएनईआर और नागरिक उड्डयन मंत्रालय द्वारा संयुक्त रूप से संचालित की जाएगी।


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इस सेवा के तहत हादसे, भूस्खलन, भूकंप और बाढ़ में जख्मी हुए मरीजों के लिए आपातकालीन चिकित्सा सहायता के अलावा एयर एंबुलेंस के रूप में भी हेलीकॉप्टर का उपयोग किया जाएगा, जिससे मरीजों को इलाज के लिए शहरों के अस्पतालों में भेजा जाएगा। आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, पूर्वोत्तर के राज्यों में सडक़ दुर्घटनाओं में 2016 में 3,000 लोगों की मौत हो गई थी। इसके अलावा बाढ़ और भूस्खलन में भी कई लोगों की जानें गईं।

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