चंडीगढ़। पंजाब के शहरी निकाय मंत्री
नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा है कि नए साल में पंजाब को अत्याधुनिक फायर
सुविधाओं से लैस किया जाएगा। फायर स्टेशनों के निर्माण पर 270 करोड़ रुपये
खर्च किए जाएंगे। जिन जिलों व कस्बों में फायर सर्विस स्टेशन बनाने के लिए
जगह उपलब्ध नहीं है, वहां ये पुलिस थानों में खोले जाएंगे।
पहले चरण में नौ
जिलों में 75 फायर स्टेशन खोले जाएंगे।
यहां पत्रकारों से बातचीत में सिद्धू ने
बताया कि अमृतसर व जालंधर में 12-12, लुधियाना में 15, फगवाड़ा में 6,
बठिंडा में नौ, पटियाला में 6, पठानकोट में 6, मोहाली में 6 और रोपड़ में
तीन फायर स्टेशन खोले जाने की मंजूरी मिल गई है। इन पर 270 करोड़ रुपये की
लागत आएगी। उन्होंने कहा कि अप्रैल में मनाए जाने वाले फायर वीक से पहले ये
सुविधाएं उपलब्ध करवाने का लक्ष्य रखा गया है। इस बार फायर वीक में बेहतर
काम करने वाले मुलाजिमों को सम्मानित भी किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि पहले चरण में 75 नए फायर
स्टेशन खोले जाने के अलावा 86 करोड़ रुपये की लागत से ऊंची इमारतों में आग
बुझाने के लिए एरियल लैडर्स मंगवाए जाएंगे। इसके साथ ही 60 करोड़ रुपये की
लागत से एडवांस रेक्यू टेंडर खरीदे जाएंगे। 18 करोड़ रुपये में फायर सूट्स
और 20 करोड़ के क्वीक रिस्पांस व्हीकल्स की खरीद भी की जाएगी।नया फायर ट्रेनिंग सेंटर खोला जाएगा
उन्होंने बताया कि 23 करोड़ रुपये की लागत
से नया फायर ट्रेनिंग सेंटर खोला जाएगा। इस ट्रेनिंग सेंटर में होमगार्ड्स
व अतिरिक्त सुरक्षा बलों के जवानों को भी फायर की ट्रेनिंग दी जाएगी।
उन्होंने कहा कि इस संबंध में नई दिल्ली में डायरेक्टर जनरल फायर प्रकाश
मिश्रा के साथ मुलाकात करके इन सुविधाओं के लिए विश्व बैंक से आधा फीसदी
दर पर लोन देने की मंजूरी ले ली गई है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की
मदद से यह प्रोजेक्ट 2018 में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।
फायर प्रिवेंशन एक्ट तीन महीने में लागू होगा
सिद्धू ने कहा कि राज्य में नया फायर
प्रिवेंशन एक्ट तीन महीने में लागू किया जाएगा। एक्ट को कैबिनेट की मंजूरी
के लिए भेज दिया गया है। सिद्धू ने बताया कि इस एक्ट के लागू होने के बाद
राज्य में आग से सुरक्षा को लेकर इमारतों का निर्माण व असुरक्षित इमारतों
के मामले में कारवाई का रास्ता साफ हो जाएगा। एक्ट में फायर मुलाजिमों की
सुविधाओं से लेकर फायर सर्विस को विभिन्न प्रकार के उपकरणों से लैस करने के
साथ-साथ पुराने नियमों में विभिन्न प्रकार के बदलाव किए जाएंगे।
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