चंडीगढ़। पंजाब
में फायर सेवाओं को मज़बूती देने के लिए बड़ी कदम उठाते हुये राज्य में
उच्च दर्जो का फायर सेफ्टी प्रशिक्षण केंद्र बनेगा। इसके अलावा राज्य में
फायर सेवाओं के बुनियादी ढांचे में अधिक सुधार लाने और अत्याधुनिक सुविधाओं
के लिए पंजाब सरकार ने भारत के डायरैक्टर जनरल फायर, सिविल डिफेंस को 500
करोड़ रुपए के प्रोजैक्ट को मसौदा सौंपा जिस पर पंजाब को पूरी मदद देने का
भरोसा भी दिया गया है। इसके अलावा केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय को फायर
सेवाओं के लिए 262 करोड़ रुपए के प्रोजेक्ट का प्रस्ताव अलग तौर पर दिया है।
यह खुलासा पंजाब के स्थानीय निकाय मंत्री स. नवजोत सिंह सिद्धू ने यहाँ
चंडीगढ़ स्थित पंजाब भवन में पत्रकारों के साथ बातचीत करते हुये किया।
सिद्धू ने बताया कि पंजाब में शुरू से ही फायर सेवाओं को अनदेखा किया जाता
रहा है जिस कारण राज्य में आग के साथ घटने वाले हादसों में विस्तार हुआ
हैं। उन्होंने कहा कि इन दुखांत घटनाओं ने उनको अंदर तक झंझोड़ दिया और इन
के हल के लिए उन्होंने विभाग को विस्तृत प्रोजैकट रिपोर्टों तैयार करने के
लिए कहा। उन्होंने बताया कि इस रिपोर्ट को लेकर बीते दिनों वह भारत के
डायरैक्टर जनरल फायर, सिविल डिफेंस प्रकाश मिश्रा को मिले। मिश्रा ने उनकी तरफ से सौंपी रिपोर्ट उपरांत कहा कि पहली बार पंजाब द्वारा
किसी मंत्री की तरफ से फायर सेवाओं के प्रोजैकट के लिए फंड की माँग की गई
है।सिद्धू ने बताया कि उनके द्वारा 500 करोड़ रुपए के फंड की सौंपी
रिपोर्ट पर साकारात्मक स्वीकृति भरते डायरैक्टर जनरल द्वारा पंजाब की पूरी
मदद का भरोसा दिया गया। पंजाब में उच्च दर्जे का फायर सेफ्टी प्रशिक्षण
केंद्र खोलने की मौके पर ही स्वीकृति दी गई। उन्होंने बताया कि यह
प्रशिक्षण केंद्र 15 एकड़ में बनेगा जो 23 करोड़ रुपए में बनाया जायेगा।
सिद्धू ने बताया कि केंद्रीय शहरी विकास राज्य मंत्री श्री हरदीप पुरी को
फायर सेवाओं के लिए 262 करोड़ रुपए का अलग प्रोजैकट बना कर सौंपा गया जिस
पर भी साकारात्मक स्वीकृति मिली।
सिद्धू ने बताया कि डायरैक्टर जनरल के साथ मीटिंग दौरान यह फ़ैसला हुआ कि
जिन छोटे शहरों /कस्बों में आग बुझाऊ गाड़ीयाँ के लिए फायर स्टेशन नहीं
हैं, उनके पुलिस थानों में यह गाड़ीयाँ खड़ी की जाएंगी और काम के लिए फायर
वालंटियर रखे जाएंगे। उन्होंने कहा कि अभी भी फायरकर्मी बिना फायर सूट से
आग बुझाने के लिए जाते हैं और राज्य सरकार द्वारा इस पर विशेष ध्यान दिया
जा रहा है कि कोई भी फायर कर्मी बिना अत्याधुनिक फायर सूट से आग बुझाने के
लिए न जाये। उन्होंने कहा कि पंजाब में आग लगने की दुखांत घटनाओं को रोकनो
के लिए फायर प्रीवेन्शन एक्ट को सख्ती के साथ पूर्ण तौर पर लागू किया
जायेगा और इसका उल्लंघन करने वालों खि़लाफ़ सख्त कार्यवाही की जायेगी।
उन्होंने यह भी बताया कि विभाग द्वारा भविष्य में पंजाब भर में फायर
प्रीवेन्शन एक्ट का उल्लंघन करने वाली इमारतों की सूची तैयार की जायेगी और
उसके मकान मालिकों को नोटिस भेजे जाएंगे।
स्थानीय
निकाय मंत्री सिद्धू ने केंद्र को सौंपी गई प्राजैकट रिपोर्टों के
विवरण देते हुये बताया कि डायरैक्टर जनरल को भेजी रिपोर्ट में फायर
स्टेशनों के लिए 270 करोड़ रुपए, एरियल लैडरज़ के लिए 86 करोड़ रुपए,
एडवांस रैसक्यू टैंडर के लिए 60 करोड़ रुपए, फायर सूटस के लिए 18 करोड़
रुपए, कुइक रिस्पांस व्हीकल के लिए 20 करोड़ रुपए, प्रशिक्षण केंद्र के लिए
23 करोड़ रुपए, फायर सेफ्टी संबंधी जागरूकता अभियान के लिए 5 करोड़ रुपए,
फायर आडिट के लिए 3 करोड़ और सिविल डिफेंस के लिए 5 करोड़ रुपए का प्रस्ताव
भेजा है। इसी तरह केंद्रीय शहरी विकास मंत्री को सौंपी रिपोर्ट में फायर
टैंडर के लिए 144 करोड़ रुपए, एरियल लैडर (टी.टी.एल.) के लिए 78 करोड़
रुपए, रैसक्यू टैंडर के लिए 20 करोड़ रुपए, किटों के लिए 17.60 करोड़ रुपए
और जीवन सुरक्षा उपकरणों के लिए 3 करोड़ रुपए का प्रस्ताव भेजा है।
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