साहित्यकार जनकराज पारीक काे नम आंखों से दी अंतिम विदाई

www.khaskhabar.com | Published : रविवार, 31 दिसम्बर 2017, 2:26 PM (IST)

श्रीगंगानगर। साहित्य के क्षेत्र में राजस्थान साहित्य अकादमी रांगेय राघव पुरस्कार जैसे राज्य के बड़े सम्मान पाने वाले साहित्यकार जनकराज पारीक का शनिवार सुबह निधन हो गया। उनका अंतिम संस्कार स्वर्गाश्रम में किया गया। उनकी अंत्येष्टि में बड़ी संख्या में साहित्य प्रेमियों के अलावा कस्बावासी मौजूद रहे।

वार्ड 17 निवासी 72 वर्षीय जनकराज पारीक कुछ दिनों से अस्वस्थ थे। पारीक की पहचान हिंदी के विख्यात साहित्यकार के रूप में देश-प्रदेश में थी। उनके कविता संग्रह सूखो गांव, अब आगे सुनो, बांटा हुआ प्रकाश, गाड़ी तैयार है कहानी शिकार तथा राजस्थान गजल गीत छप्पनियों हैलो के अलावा उनकी कविता पूर्व फूटी लालिमा रात रही कम, काम की तलाश में चलो चले हम साहित्य जगत में खूब पंसद की गई।

पारीक को राज्यपाल के हाथों शिक्षक सम्मान भी मिला था। उनकी प्रकाशित पुस्तकें पहले महाराष्‍ट्र में हिंदी बीए के सिलेबस में भी पढ़ाई जाती रही हैं। पारीक की लिखित चुनिंदा कहानियों की पुस्तक भी प्रकाशित हो चुकी है जो जल्दी ही बाजार में आने वाली थी। पारीक श्रीकरणपुर कला मंच के संरक्षक भी थे।

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