नई दिल्ली। फर्जी पासपोर्ट मामले में दिल्ली की तिहाड़ जेल में सात साल की सजा काट रहे अंडरवर्ल्ड डॉन राजेंद्र सदाशिव निखलजे उर्फ छोटा राजन को जान का खतरा सता रहा है। कभी दाऊद इब्राहिम की पनाह में रहने वाला छोटा राजन आज उसका जानी दुश्मन बना हुआ है। मुंबई आतंकी हमलों के बाद छोटा राजन के अलग होने से नाराज दाऊद लगातार उसे मारने की फिराक में रहा है, लेकिन कामयाब नहीं हो सका। तिहाड़ प्रशासन को करीब दो सप्ताह पहले खुफिया जानकारी मिली की दाऊद के इशारे पर दिल्ली का टॉप गैंगस्टर नीरज बवाना तिहाड़ जेल के अंदर छोटा राजन को मारने की प्लानिंग बना रहा है। इसके बाद ही राजन की सुरक्षा की समीक्षा की गई है।
हाल ही में राजन को मारने की डी कंपनी की कोशिश उस वक्त नाकाम हो गई जब बवाना के सहयोगी ने शराब के नशे में यह बात अपने सहयोगी से कह दी। यह जानकारी खुफिया एजेंसी तक पहुंची। इसके बाद राजन की सुरक्षा की समीक्षा की जा रहा है। बवाना को हटाने से कुछ दिन पहले ही उसके बैरक में मोबाइल फोन बरामद किए गए थे। राजन को मुंबई या महाराष्ट्र के किसी जेल में इसलिए नहीं रखा गया है क्योंकि अधिकारियों का मानना है कि दाऊद इब्राहिम के लिए इस अति सुरक्षित जेल में राजन पर हमला करना कठिन होगा। तिहाड़ प्रशासन का कहना कि राजन को कड़ी सुरक्षा के बीच रखा गया है और बवाना के लिए राजन पर हमला करना आसान नहीं होगा।
एक अधिकारी ने बताया, राजन का सेल जेल नंबर 2 के सबसे आखिर में है, जबकि बवाना को अलग-थलग पड़े एक हाई-रिस्क वार्ड में रखा गया है। राजन की सुरक्षा में विशेष वेरिफाइड गार्ड और कुक रखे गए हैं और जिनकी जांच दूसरे गार्ड करते हैं।तिहाड़ के एक सूत्र ने बताया कि बवाना के एक सहयोगी के नवंबर मध्य में जेल से बाहर आने के बाद यह जानकारी सामने आई है। राजन की सुरक्षा को शीर्ष प्राथमिकता पर लिया गया है क्योंकि डी कंपनी दिल्ली-एनसीआर के स्थानीय अपराधियों के जरिए उसे मरवाने के फिराक में है।
कौन है छोटा राजन
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छोटा राजन का असली नाम राजेंद्र सदाशिव निखलजे है। उसे प्यार से नाना या
सेठ कहकर भी बुलाते हैं। उसका जन्म 1960 में मुंबई के चेम्बूर की तिलक नगर
बस्ती में हुआ था। महज 10 साल की उम्र में उसने फिल्म टिकट ब्लैक करना शुरू
कर दिया। इसी बीच वह राजन नायर गैंग में शामिल हो गया। जुर्म की दुनिया
में नायर को बड़ा राजन के नाम से जाना जाता था। यह नायर का दाहिना था,
इसलिए लोग इसे छोटा राजन कहा जाने लगा। भारत में छोटा राजन पर 65 से ज्यादा
आपराधिक केस दर्ज है। राजन नायर गैंग में रहते हुए उसके खिलाफ पहले से
अवैध वसूली, धमकी, मारपीट और हत्या की कोशिश के मामले दर्ज थे। दाऊद के साथ
आने के बाद उसका क्राइम ग्राफ बढ़ गया। भारत में उसके खिलाफ 20 से ज्यादा
लोगों की हत्या के केस दर्ज हैं।
यूं बना दाऊद का खास और फिर आई खटास
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बड़ा
राजन की मौत से बाद छोटा राजन ने पूरे गैंग की कमान संभाल ली। इसी दौरान
अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम से इसका संबंध बन गया। दोनों एक साथ मिलकर
मुंबई में वसूली, हत्या, तस्करी और फिल्म फाइनेंस का काम करने लगे। 1988
में वह दुबई चला गया। इसके बाद दाऊद और राजन मिलकर भारत ही नहीं पूरी
दुनिया में गैर-कानूनी काम करने लगे। मुंबई में उनकी तूती बोलने लगी।
लेकिन, बाबरी कांड के बाद 1993 में मुंबई बम ब्लास्ट ने राजन को दहला दिया।
जब उसे पता चला कि इस कांड में दाऊद का हाथ है, तो वह उसका
दु्श्मन बन बैठा। उसने खुद को दाऊद से अलग करके नया गैंग बना लिया और दोनों
एक-दूसरे के जानी-दुश्मन बन गए और दोनों एक-दूसरे को मारने का प्लान बनाते
रहे। दाऊद ने छोटा राजन पर कई बार जानलेवा हमला करवाया, लेकिन वह बचता
रहा। फिलहाल, छोटा राजन दिल्ली की तिहाड जेल में बंद है। यहां भी दाऊद उसे
मारने की लिए कई बार प्लान बना चुका है। लेकिन, हर बार नाकामयाबी ही हाथ
लगी है।
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