कायाकल्प कार्यक्रम के अधीन जि़ला अस्पताल को दिया 50 लाख का पुरस्कार

www.khaskhabar.com | Published : मंगलवार, 19 दिसम्बर 2017, 8:10 PM (IST)

एसएएस नगर। स्वास्थय एवं परिवार कल्याण विभाग, पंजाब द्वारा सवच्छ भारत के कायाकल्प प्रोग्राम के अधीन जि़ला अस्पताल नवांशहर को स्वच्छता बनाऐ रखने के लिए 50 लाख रुपए के ईनाम से नवाजा गया। यह अवार्ड स्वास्थय एवं परिवार कल्याण मंत्री ब्रह्म महिन्द्रा ने राज्य स्वास्थय एवं परिवार कल्याण और प्रशिक्षण संस्था, फेज़ -6 मोहाली में करवाए विशेष सम्मान समारोह के अवसर पर दिया।

इस दौरान स्वास्थय एवं परिवार कल्याण मंत्री ब्रह्म महिन्द्रा ने सिवल सर्जन एस.बी.एस नगर, सीनियर मैडीकल अधिकारी, जि़ला अस्पताल, नवांशहर, मैडीकल अफ़सर और अन्य पैरामेडिकल स्टाफ को अवार्ड के लिए बधाई दी। उन्होंने कहा कि इस उपलब्धी से जि़ला अस्पतालों को और अन्य अस्पतालों को और गुणवत्तापूर्वक सुविधाएं देने के लिए प्रौत्साहन मिलेगा। उन्होंने सिविल सर्जन को निर्देश दिए कि वह स्वास्थय सुरक्षा सेवाओं में और सुधार करने के लिए कायाकल्प स्वच्छ भारत अभियान को पूरी तरह लागू करना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि अस्पतालों में मरीजों को संतोषजनक ईलाज प्राथमिकता के आधार पर दिया जाये। उन्होंने कहा कि जि़ला स्वास्थय अधिकारी यह भी सुनिश्चित करें कि अस्पतालों में स्वच्छता और संक्रमण मुक्त सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाएं।

स्वास्थय मंत्री ने बताया कि सरकारी स्वास्थय संस्थाओंं में कायाकल्प पहल उच्च गुणवत्ता की स्वास्थय सुरक्षा सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिए प्रेरणादायक है और इससे सरकारी अस्पतालों में स्टैंडर्ड ओपरेटिंग प्रोसीजर के द्वारा ऑपरेशन थियेटर, बायो वेस्ट डिस्पोज़ल और प्रोटोकोल आदि जैसी सेवाएंं उपलब्ध करवाई जातीं हैं। इस दौरान सिविल सर्जन कान्फ्रेंस भी करवाई गई, जिसके दौरान स्वास्थय व परिवार कल्याण मंत्री, ब्रह्म महिंन्द्रा ने सरकारी अस्पतालों में दीं जाने वाली सुविधाओं की समीक्षा भी की।



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स्वास्थय व परिवार कल्याण मंत्री ने इनाम प्राप्त करने वाली संस्थाओंं संबंधी बताया कि जि़ला अस्पताल नवांशहर ने 93.6 प्रतिशत अंक प्राप्त करके पहला स्थान हासिल किया है, जिसको 50 लाख रुपए की राशि अवार्ड के तौर पर दी गई है। सब-डिवीजनल अस्पताल/कम्युनिटी हेल्थ सैंटर वर्ग में सब-डिवीजनल अस्पताल जगराओं और मुकेरियाँ ने प्रथम स्थान हासिल किया। दोनों ने बराबर 86.4 प्रतिशत प्वाइंट हासिल किये और दोनों को 7.5 -7.5 लाख रुपए की इनामी राशि दी गई।
उन्होंने कहा कि कायाकलप के मूल्यांकन प्रक्रिया में राज्य के 40 अस्पतालों ने क्वालीफाई किया, जिनको इनाम के तौर पर कायाकल्प प्रोग्राम के अधीन राशि से सम्मानित किया गया। इस वर्ष अर्बन प्राइमरी हेल्थ सैंटर को शामिल किया गया था, जिसमें यूपीएचसी लाल सिंह बस्ती, बठिंडा और यूपीएचसी मॉडल टाउन लुधियाना ने संयुक्त तौर पर प्रथम स्थान प्राप्त किया, जिनको 2 लाख रुपए की राशि से सम्मानित किया। इसी तरह दूसरा स्थान प्राप्त करने वाली यूपीएचसी बिशन नगर, पटियाला और यूपीएचसी हादियाबाद, कपूरथला को 1.5 लाख रुपए से सम्मानित किया और तीसरा स्थान प्राप्त करने वाली यूपीएचसी परमजीतपुर, कपूरथला और यूपीएचसी मजत, मोहाली को 1 लाख रुपए से सम्मानित किया गया। स्वास्थय मंत्री ने अपील की कि अन्य हिस्सेदार विभाग, आम लोग, सामाजिक संस्थाएंं, स्वैच्छिक संस्थाएंं भी स्वच्छता अभियान से जुडक़र स्वास्थय संस्थाओंं को स्वच्छ रखने में मदद करें।

स्वास्थय व परिवार कल्याण विभाग की प्रमुख सचिव, अंजलि भावड़ा ने कहा कि सरकारी स्वास्थय संस्थाओंं में लोगों का भरोसा बढ़ाने के लिए स्वच्छता की पहल की जा रही है। इस तरह का उद्यम अस्पताल स्टाफ द्वारा लोगों को और गुणात्मक स्वास्थय सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिए प्रोत्साहित करेगा। उन्होंने कहा कि इसे एक बार का उद्यम न समझा जाये और प्रत्येक अस्पताल में स्वास्थय विभाग के पैरामीटर के अनुसार रख-रखाव किया जाये। उन्होंने कहा कि अवार्ड राशि से सम्मानित करने का उद्देश्य सरकारी अस्पतालों को स्वच्छता, हाईजिन और इन्फ़ेक्शन मुक्त बनाना है।
पीएचऐससी के मैनेजिंग डायरैक्टर वरुण रूजम ने पावरप्वाइंट प्रस्तुति के द्वारा कायाकल्प अधीन अवार्ड प्राप्त करने की प्रक्रिया संबंधी विस्तृत जानकारी दी और अवार्ड प्राप्त करने के लिए इंटरनल असेसमेंट, पियर असेसमेंट और अन्य रेटिंग प्रक्रियाओं संबंधी विस्तारपूर्वक बताया। उन्होंने सरकारी अस्पतालों में कायाकल्प पहलकदमी में और सुधार के लिए प्रेरित किया।

स्वास्थय मंत्री ने सभी सरकारी ब्लड बैंकों को जोडऩे के लिए सैंटरलाईजड़ बल्ड बैंक मैनेजमेंट के लिए ई -रक्त कोष पोर्टल की शुरुआत की। उन्होंने बताया कि इस पोर्टल के द्वारा ख़ून की उपलब्धता, नज़दीकी खूनदान कैंप की जानकारी, स्व: इच्छुक खून दानियों की आनलाइन रजिस्ट्रेशन की जानकारी उपलब्ध करवाई गई है। इसका उद्देश्य पेशेवर खूनदानियों पर नकेल कसना है और दान किये ख़ून को अधिक से अधिक प्रयोग में लाना है।

इस अवसर पर एमडी -एनएचएम-कम-एमडी -पीएचएससी वरुण रूजम, पंजाब स्टेट एडज़ कंट्रोल सोसाईटी के प्रोजैक्ट डायरैक्टर बी. श्रीनिवासन, डायरैक्टर स्वास्थय सेवाएं डा. राजीव भल्ला, डायरैक्टर परिवार कल्याण डा. जय सिंह, डायरैक्टर ईएसआई डा. जसपाल कौर, डायरैक्टर पीएचएससी डा. मीना हरदीप, डायरैक्टर एनएचएम डा. अवनीत कौर, कायाकल्प नोडल अफ़सर डा. परविंदरपाल कौर, पंजाब स्टेट एडज़ कंट्रोल सोसाईटी के एपीडी डा. मनप्रीत छतवाल और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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